नमस्कार दोस्तो वगत है आपका जीवन बदल देने वाले swami vivekanand suvichar और अनमोल वचन मे | आज स्वामी विवेका नन्द जी के इन अनमोल वचनो से जीवन की बहुत अनमोल बाते सिक्खने को मिलेंगी जो आपको जीवन मे सही मार्ग दिखाएंगी|
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swami viveka nand suvichar | अनमोल वचन | goldan thoughts
एक अच्छे चरित्र का निर्माण हज़ारो बार
ठोकर खाने के बाद ही होता है.
डर एक ऐसी चीज है जो आपको कभी भी खुद पर विश्वास नहीं करने देगी.
आपका कमजोर विश्वास अंदर के डर को और बढा देता है.
शुरू करने से पूर्व ही अनेक लक्ष्यों का निर्माण मत करें, और
पिछले लक्ष्य को प्राप्त किये बिना आगे के लक्ष्य निर्धारित मत करें.
यह “दो नाव” पर पैर रखने जैसा होगा.
अपना जीवन “एक लक्ष्य” पर निर्धारित करो ,
उसी एक लक्ष्य को अपने पूरे शरीर मे भर दो और
बाकी फालतू विचार अपने मन से निकाल दो.
अच्छे परिणाम तभी नजर आएंगे
ज़ब पूरी एकाग्रता के साथ लक्ष्य पर कार्य किया जाएगा .
जीवन के महत्वपूर्ण फैसले लेने मे देर और जल्दबाज़ी कभी ना करें.
संयम और बुद्धि से काम लें.
क्रोध और नशा बुद्धि को मंद कर देती और
ज्ञान को दबा देती है इसलिए क्रोध और नशे मे कभी कोई फैसला ना ले.
अपनों के लिए, या जन कल्याण के लिए अच्छे मार्ग और
बड़े लक्ष्य कि ओर बढ़ते वक़्त अनेको समस्याएं और परेशानियां दस्तक देंगी.
ऐसे मार्ग पर चलते वक्त गर जीवन मे समस्याए नहीं आरही हो तो
आप यह समझ सकते हो कि आप एक गलत मार्ग पर चल रहे हो.
जिंदगी का रास्ता बना बनाया नहीं मिलता है स्वयं को बनाना पड़ता है,
जिसने जैसे मार्ग चुना उसे वैसी ही मंजिल मिली है.
ब्रम्हांड कि सारी शक्तिया पहले से हमारी है
वो हम ही है जो अपनी आँखो पर हाथ रख लेते है
और फिर रोते है कि कितना अंधकार है.
एक नायक बनो और सदैव कहो कि मुझे कोई डर नहीं है,
सकारात्मक बातें बोलने से आत्मविश्वास बढ़ता है.
जीवन मे सकारात्मक रहना उसी प्रकार आवश्यक है
जिस प्रकार भोजन से मिलने वाली ऊर्जा.
भोजन कि ऊर्जा आपके शरीर को चलाती है और
सकारात्मक विचारों कि ऊर्जा आपके मन और जीवन को.
उठो जागो भागो और तब तक ना रुको ज़ब तक लक्ष्य प्राप्त ना हो जाए.
सत्य और ईमानदारी कि राह पर चलने वाले मनुस्य को किसी का भय नहीं होता,
वहीं असत्य और बेईमानी के के मार्ग पर चलने वाला मनुस्य एक दिन भी
सुकून कि नींद नहीं सो पाता और एक दिन खुद को भी खो देता है.
swami vivekanand suvichar जिंदगी बदल देने वाले 30 अनमोल वचन
सम्भव की सीमा को जानने का केवल एक ही तरीका है असम्भव से भी आगे निकल जाना.
जीवन मे ज़ादा रिश्ते होना जरुरी नहीं है पर
जो रिश्ते है उनमे जीवन होना जरुरी है.
जितना बड़ा संघर्ष होगा जीत उतनी ही बड़ी होगी.
दिन मे आप एक बार स्वयं से बात करें अन्यथा
आप एक बेहतरीन इंसान से मिलने का मौका चूक जाएंगे.
आकांक्षा, अज्ञानता, और असमानता ये बंधक कि त्रिमूर्तिया है.
इन बंधनों से सदैव मुक्त रहकर जीवन जियो.
अपनी या दूसरों कि नकारात्मक बातो पर ध्यान देने वाला मनुष्य
जीवन मे कभी कोई बड़ा लक्ष्य हासिल नहीं कर सकता.
कभी मत सोचिये की आत्मा के लिए कुछ असम्भव है.
ऐसा सोचना सबसे बड़ा विधर्म है, यह कहना एक पाप के समान होगा
की मै स्वयं निर्बल हूं या तुम निर्बल हो.
अगर आपका धन दूसरों की भलाई मे काम आता है तो
इसका बहुत मूल्य है अन्यथा ऐसे धन का कोई मूल्य नहीं.
अपने और अपनों के लिए हर कोई जीता है.
अपनों की सेवा मदद करना कोई बड़ी बात नहीं,
किन्तु गैरों मे लाचार दुर्बल की निस्वार्थ भाव से सेवा मदद किये बिना आप
पुण्य की कसौटी पर कभी खरा नहीं उतर सकते.
कोई चिकित्स्क आपको लम्बा जीवन दे सकता है किन्तु
एक बड़े और सम्मान भरे जीवन के लिए आपको स्वयं ही पुरषार्थ करना पड़ेगा.
विश्वास एक व्यायाम शाला है जहाँ हम खुद को मजबूत बनाने के लिए आते है,
वो शिक्षा ही क्या जो आपको चरित्रहीन और पवित्र हीन बना दें.
वो ताकत ही क्या जो किसी असहाय और निर्बल की मदद ना कर सके.
और वो ज्ञान ही क्या जिसका लोक कल्याण मे फायदा ना पहुंचे.
दुनिया बहुत छोटी है जीवन मे किसी भी चीज का घमंड अस्थाई है,
अहंकार टूटने पर एक नई जिंदगी मिलती है और
यदि ना टूटे तो अंजाम रावण जैसा हो जाता है.
हमेशा याद रखो आपका जन्म जिस खास मकसद के लिए हुआ है,
उसका नाम है पुण्य कर्मा,
जिस शिक्षा से हम जीवन मे सही फैसले ले कर आगे बढ़ सके,
जन कल्याण मे सहायक बन सके
और स्वयं के अच्छे जीवन चरित्र का निर्माण करके दूसरों को सही मार्ग पर चला सके
सिर्फ वहीं एक अच्छी शिक्षा कहलाने के लायक है.
अच्छी शिक्षा मनुष्य को जानवर से इंसान बना देती है.
और गलत ज्ञान मनुष्य को जानवर से भी बत्तर बना देता है.
मन मे भय, लालच, घृणा, क्रोध, वासना ,को रखना, नकारात्मक विचारों को पनपने देना
और कुछ समय के लिए आनंद देने वाली तमाम
इच्छाओ के पीछे भागने वाला लोभी मन ही,जीवन के तमाम दुखो का कारण होता है.
वर्तमान मे जो भी हो रहा वो भूतकाल मे किए गए पुरषार्थ का ही परिणाम है
और आपका वर्तमान का पुरषार्थ आपके भविष्य का निर्माण करेंगे |
life change goldan thoughts
मन और जीवन से बुरी आदतों को मिटाने के लिए स्वयं को अच्छे कर्मो मे पूरी तरह व्यस्त कर लो.
मन को किसी भी कार्य मे इतना व्यस्त रखो की पता ही ना चले की बुरे विचार कब आए और चले गए.
पढ़ाई मे लिखी हुई चीजों को समझने के लिए
सबसे जरुरी है एकाग्रता. ध्यान लगाना.
प्रकृति का नियम है, जो दोगे वो पाओगे, यानी ज़ब अच्छा करोगे
तो उसका कर्म फल आप तक कभी ना कभी किसी ना किसी रूप मे और किसी भी क्षण जरूर पहुंचेगा.
अगर आप सामने वाले मे सिर्फ बुराइयाँ खोज रहे हो तो
आपको उसकी अच्छीयां कभी नजर नहीं आएगी.
और अगर आप दूसरों की छोटी छोटी बुराइयों को देख कर होने मन मे
उसके पूरे चरित्र का गठन करते हो तो यकीन मानो असल मे कमियाँ आपके अंदर है.
दूसरों की निःस्वार्थ सेवा मे नष्ट हो चुकी शरीर की आत्मा ही
मोक्ष प्राप्ति की वास्तविक हकदार होती है.
तो दोस्तों यह थे स्वामी विवेका नन्द जी के अनमोल वचन, और suvichar. swami vivekanand suvichar
उम्मीद करता हु swami vivekanand suvichar से आज आपको बहुत कुछ सीखने को मिला होगा. कल फिर से मिलेंगे एक नया जीवन देने वाली नई video के साथ.
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