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best Hindi inspirational story | 1 डरपोक चूहा

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hindi inspirational story – नैतिक कहानियाँ –नमस्कार दोस्तों  मैं हरजीत मौर्या आज फिर से आपके लिए ज्ञान से भरी एक top inspirational story  (शिक्षाप्रद कहानी) लें कर आया हूं. 

ये  inspirational stories  हर इंसान की जिंदगी मे बहुत बड़ा रोल play करती है | ये  inspirational stories इंसान को ज़िंदगी मे आगे  बढ़ने  और बड़े से  बड़े  मुकाम हासिल करने के लिए  प्रेरित करती  है | 

चलिये अब पढ़ते है हमारी आज की inspirational story –

 

  डरपोक चूहा | hindi inspirational story

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Hindi inspirational story

एक वीरान सि जगह पर एक बहुत बड़ा बरगद का पेड़ था. उस पेड़ के नीचे चूहें का एक बिल था.लेकिन वो बहुत डरपोक किस्म का चूहा था.

क्योंकि पेड़ के ठीक ऊपर एक बिल्ली रहा करती थीं. उस बरगद के पेड़ के आसपास और भी कई चूहों ने बिल बना रखा था.

 

बिल्ली ज़ब भी बरगद के पेड़ से नीचे उतरती. सभी चूहें झट से अपने बिल मे घुस जाते.

बिल्ली जैसे ही वापिस चली जाती सभी चूहें फिर बिल से बाहर निकल कर इधर इधर घूमने लग जाते. और बिना डरे मस्ती करते.

लेकिन वो डरपोक चूहा बिल्ली के डर से अब भी अपनी बिल मे घुसा बैठा था. और ऐसा रोज होता था.

 

बस बहुत जरुरी होने पर ही वो बिल से बाहर निकलता.. यानी वो डरपोक चूहा बहुत ही ज़ादा डर डर कर जिंदगी को जी रहा था.

उसे हरदम अपनी जान की फ़िक्र सताती रहती.

बाक़ी चूहों ने उस डरपोक चूहें को एक दिन बोला की भाई तुम बहुत ज़ादा डरते हो. तुम्हारे मन मे उस बिल्ली को लेकर बहुत ज़ादा डर बैठ चुका है.

 

अब तुम्हारी इस समस्या का समाधान वो बूढ़ा चूहा ही निकाल सकता है. सुना है उनके पास कुछ चमत्कारी शक्तियां भी है.

लेकिन वो यहां दूर उस ऊँची पहाड़ी पर एक बरगद के पेड़ के नीचे रहते है.

 

डरपोक चूहें ने मन ही मन सोचा की मैं उस बूढ़े चूहें के पास जाकर उससे निवेदन करूंगा की मुझे बिल्ली बना दो ताकी मे बिना डरे जिंदगी को जी सकू.

इतना सोचते हुए डरपोक चूहें ने बूढ़े चूहें के पास जाने का निर्णय कर लिया. अब जैसे ही रात का अंधेरा हुआ डरपोक चूहा धीरे धीरे बिल से बाहर निकला.

 

घंटो चलने के बाद आख़िरकार चूहा उस बूढ़े चूहें के बिल तक पहुंच ही गया. डरपोक चूहा हांफते हुए बिल के अंदर गया. बूढ़े चूहें ने डरपोक चूहें से पूछा की-
??अरे बेटा इतनी रात को कहाँ से आरहे हो. और इतना डरे क्यों हुए हो.?

 

डरपोक चूहें ने अपनी सारी समस्या उस बूढ़े चूहें को बता दी. समस्या सुन कर बूढ़ा चूहें ने डरपोक चूहें से पूछा.. तो बताओ फिर तुम क्या चाहते हो?

इस पर डरपोक चूहा तुरंत बोला की आप मुझे अपनी शक्तियों से बिल्ली बना दो. बूढ़े चूहें ने कहा ठीक है जैसी तुम्हारी मर्जी.

बूढ़े चूहें ने मन्त्र बोला और कुछ ही देर मे उस डरपोक चूहें का शरीर एल बिल्ली मे बदल गया.

 

खुद को बिल्ली बना देख डरपोक चूहा बहुत खुश हुआ. और वहाँ से चला गया.

अब वो बिल्ली के रूप मे इधर उधर घूमने लगा. एक दिन अचानक बिल्ली का पाला एल कुत्ते से पड़ा.
डरपोक बिल्ली किसी तरह खुद की जान बचाते हुए एक पेड़ पड़ चढ़ गया.

 

अब उसे फिर से अपनी जान की फ़िक्र सताने लगी. बिल्ली फिर से उस बूढ़े चूहें के पास गई और बोली की आप मुझे कुत्ता बना दीजिये.

बूढ़े चूहें ने फिर से मन्त्र पढ़ा और इस बार वो बिल्ली एक कुत्ते मे बदल गई. अब ये कुत्ता बिना डरे दूर दूर तक घूमता फिरता.

 

एक दिन कुत्ता घूमते घूमते दूर जंगल मे चला गया वहाँ उसने जैसे ही एक शेर को देखा. कुत्ता फिर से अपनी जान बचा कर उस बूढ़े चूहें के पास गया और बोला की मुझे शेर बना दो.

बूढ़े चूहें ने उसे शेर का रूप दें दिया. अब उसे किसी का डर नहीं था अब वो जंगल का राजा बन चुका था. अब वो बिना डरे पूरे जंगल मे घूमता और मजे करता.

 

कुछ समय बाद जंगल मे एक शिकारी हाथ मे बंदूक लिए शेर को खोजता हुआ पंहुचा.

शेर बहुत डर गया और इधर उधर भागने लगा. शरीर बड़ा होने की वजह से अब वो कहीं छुप भी नहीं सकता था.

 

किसी तरह जान बचा कर शेर फिर हांफता हुआ उस बूढ़े चूहें के पास पंहुचा. और अपनी समस्या बताई. इस बार बूढ़ा चूहा बोला मैं तुम्हे कुछ भी बना दू लेकिन तुम्हारे अंदर छुपा डर नहीं निकाल सकता.

तुम चाहे जो कुछ भी बन जाओ उससे तुम्हारा डर कभी खत्म नहीं होगा. तुम्हारा दिल फिर भी एक चूहें वाला ही रहेगा.

क्योंकि तुम्हारे मन मे अपनी जान को लेकर एक डर लगा रहता है. और तुम्हारा मन तुम्हारे दिल से जुड़ा है. अब चूहें को सारी बात समझ मे आ चुकी थीं.

 

चूहा बोला हाँ आप सही कह रहे हो. ये मुझे खुद ही करना होगा. मुझे अपना डर खुद खत्म करना होगा. ज़ब तक मैं हिम्मत करके अपने इस डर का सामना नहीं करूंगा तब तक मेरे अंदर बैठा डर खत्म नहीं होगा.

 

इस hindi inspirational story से हमे क्या सीख मिली ?

तो दोस्तों इस hindi inspirational story से हमे ये सीखने को मिलता है की डर इंसान को जीवन मे कभी आगे नहीं बरहने नहीं देती \

ऐसा ही बहुत से इंसान की जिंदगी मे भी हो रहा है वो लोग बड़े बड़े सपने सजा लेते है और लक्ष्य बना लेते है.

लेकिन वो लोग नाकामयाबी के डर से रिस्क लेने की हिम्मत ही नहीं जुटा पाते और फिर एक साधारण सि जिंदगी जीने पर मजबूर हो जाते है.

ये inspirational story हमे ये बताती है की आप चाहे कितने भी बड़े बड़े लक्ष्य क्यों ना बना लो उसे आप तब तक नहीं हासिल कर सकते ज़ब तक आप रिस्क नहीं लोगे.

 

और रिस्क तभी लें पाओगे ज़ब आप अपने मन से नाकामयाबी कर डर निकाल दोगे. नाकामयाबी के डर की वजह से बहुत से लोग हिम्मत हार जाते है. लक्ष्य बदल लेते है.

जीवन मे कुछ बड़ा हासिल करना है तो रिस्क तो लेना ही पड़ेगा. आगे बढ़ना है तो मन से डर को निकाल दो.

 

जिन लोगो ने भी सफलता का इतिहास रचा है और जो लोग आज कामयाबी की उचाईयो पर बैठे है उन लोगो ने ना जाने कितनी बार असफलता का सामना किया होगा तब जाकर उन सब को ये मुकाम हासिल हो पाया है.

 

डर को कभी भी खुद पर हावी मत होने दो. डर एक ऐसी बीमारि है जो आपको कभी भी मुकाम तक नहीं पहुंचने देती.

 

तो दोस्तो उम्मीद करता हूँ की आप इस hindi inspirational story से बहुत कुछ सीखे होंगे और प्रेरित हुए होंगे | इस  hindi inspirational story  को अपने सभी दोस्तो और groups मे जरूर   

 

ताकि और भी इस hindi inspirational story से सीख लेकर और प्रेरित होकर अपने जीवन बड़े से बड़े मुकाम को हासिल कर सके | आपका द्वारा किया गया ये एक छोटा सा प्रयास किसी का जीवन बादल सकता है |

 

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