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Best hindi kahaniyan | 100 रोचक और शिक्षाप्रद stories

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hindi kahaniyan – हिंदी कहानियां | 100 रोचक और शिक्षाप्रद कहानियाँ – दोस्तों स्वागत है आपका ज्ञान से भरी  कहानियों की इस रोचक दुनिया मे। दोस्तों जीवन मे कहानियों का विशेस महत्तव होता है |

क्योकि इन कहानियो (hindi kahaniyan)के माध्यम से हमे बहुत कुछ सीखने को मिलता है | shikshaprad kahaniyan written in hindi

इन कहानियों (hindi kahaniyan) के माध्यम से आपको ज़रूरी ज्ञान हासिल होंगे जो आपको आपकी लाइफ मे बहुत काम आएंगे |

 

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hindi kahaniyan | 100 रोचक और शिक्षाप्रद कहानियाँ

 

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इन हिन्दी शिक्षाप्रद कहानियों (moral stories) मे बताई गई हर कहानी (stories) आपको एक नई सीख देगी जो आपके जीवन की मुश्किलों को कम कर  देंगी |

हर कहानी (stories) मे कुछ न कुछ संदेश और सीख (moral )छुपी हुई है | तो ऐसी  कहानियो को ज़रूर पढ़े और अपने दोस्तो और परिवारों मे भी ज़रूर शेयर करे |

 

 

पछतावा – moral stories in hindi | शिक्षाप्रद कहानी – hindi kahaniyan

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सुंदर नगर नाम के एक गाँव मे महेश नाम का एक आदमी रहा करता था | महेश के दो बेटे थे बड़े बेटे का नाम था राम और  छोटे बेटे का नाम था श्याम | बस ये तीन लोग ही घर मे रहते थे |

महेश अपने दोनों बेटो से बहुत प्यार करता है महेश पेशे से एक किसान था|राम अधिकतर समय  अपने पिता के साथ ही रहता और उनका कम मे हाथ बटाता |राम अपने पिता की हर बात मानता और उनकी सेवा करता |

वही दूसरी तरफ श्याम अपना अधिकतर समय बाहर आवारा दोस्तो के साथ खेल कूद मे ही बिता देता |

श्याम अपने पिता की बात भी बहुत कम मानता था |

इस दोनों भाइयों के विचार और व्यवहार मे बहुत फरक था |

समय बीतता गया राम और श्याम जवान हो गए | जब श्याम घर का कोई काम  न करता तो पिता जी और राम दोनों मिलकर उसे समझाते की अब तो अपनी जिम्मेदारियों को निभाना सीख , कब तक एसे ही अपने इन आवारा दोस्तो के साथ आवारा की तरह घूमता रहेगा | इस तरह रोज होता | कहानी (story) को पूरा पढ़ने के लिए क्लिक करे hindi kahaniya …

 

हीरे का विश्वास, Best moral story in hindi 

 

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Moral story

एक बार की बात है एक राजमहल मे कई दासियाँ काम करती थी उनमे से एक दासी के बेटे को एक हीरा राजमहल मे गिरा हुआ मिला.

वह बच्चा दूसरी दासी के पास गया और वो हीरा दिखाते हुए पुछा की यह क्या है?.

दासी तुरंत समझ गई की यह दिखने मे तो हीरे जैसा ही  है शायद महारानी के गहनों से गिर गया होगा.

इतना सोचते हुए दासी ने बच्चे के हाथ से वो हीरा ले लिया और खिड़की से बाहर फैंकते हुए बोली की फैंक दो इसे यह कांच का टुकड़ा है यदि इसे हाथ मे रखेगा तो हाथ घायल हो जाएगा.

यह सुन  बच्चा वहां से चला गया. इसके बाद वो दासी तुरंत वही गई जहाँ हीरा फैका था, कुछ देर इधर उधर खोजने के बाद हीरा उस दासी को मिल जाता है.

हीरे को लेकर दासी अभी शंका मे थी की यह असली है या नहीं..

फिलहाल दासी उसे अपने पास छुपा लेती है और जल्दी से सारा काम ख़तम करके वह हीरा लेकर तुरंत एक सुनार के पास पहुँच जाती है.

दासी मन ही मन बहुत खुश थी की यदि यह सचमुच असली हीरा हुआ तो अब गरीबी के दिन गए.

दासी ने सुनार को वो हीरा दिखाते हुए कहा की ये मुझे राजमहल मे जमीन मे गिरा हुआ मिला. read more….

इस story की Video देखें ??

 

 

भिखारी की दो बाते  –शिक्षाप्रद hindi kahaniya

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एक मीना नाम की औरत थी जो अपने पति के साथ शहर  मे रहती थी | उनका अपना घर था | मीना का एक बेटा था जिसका नाम था राहुल |

 

रोज मीना सुबह उठ कर नहा धो कर अपने बेटे और पति के लिए नाश्ता तैयार करती | बेटा और पति नहा धो कर नाश्ता करते और तैयार हो कर बेटा अपने स्कूल चला जाता और पति अपने ऑफिस | 

इसके बाद एक भिखारी गेट के बाहर खड़ा हो कर बोलता – “कुछ खाने को दे दे माई ”  भिखारी बार बार यही बात दोहराता रहता जब तक मीना रोटी न दे देती |

 

भिखारी की आवाज सुन मीना दो रोटी लेकर आती और उस भिखारी को दे देती | फिर भिखारी रोटी ले कर जाते जाते बोलता – जैसा भी बुरा भला दूसरों के साथ करोगे वैसा ही फल तुम तक लौट के आ आएगा “|

इस तरह हर रोज होता –  भिखारी आता ! फिर मीन रोटी लेकर जाती ! और  जाते जाते भिखारी वही दो बाते बोल कर चला जाता |

इस कहानी को पूरा पढ़ने के लिए क्लिक करे hindi kahaniya 

 

 

 

हाथी के पैर की जंजीर

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एक गाँव मे एक महारथी हुआ करता था जिसके पास पास खूब सारी हथियाँ थी | वह उन हथियों को राजा महाराजा को बेचा करता था | एक बार श्याम नाम का बालक अपने दादा जी के साथ उस गाँव मे हाथी देखने गया | उसने जब हथियों को देखा तो बालक बहुत खुश हुआ | 

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अचानक बालक की नजर जब हथियों की पैरो की तरफ गई तो बालक अपने दादा जी से पूछता की – दादा जी इन हथियों को ऐसे बंधा क्यो हुआ है ? 

तब दादा जी जवाब देते – बेटा ! हाथी काही दूर न चले जाए और किसी के खेतो का नुकसान न कर दे इस वजह से इन हथियों को बांध कर रखा जाता है |

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फिर बालक पूछता है – दादा जी ! यह तो हाथी बहुत विशाल काय और ताकत वर दिखाई देते है तो फिर ये इस पतली से जंजीर से कैसे रुके हुए है यह तो इनकी आसानी से तोड़ कर कभी भी भी यहा से जा सकते है |

 

दादा जी बोलते है -……..    इस कहानी को पूरा पढ़ने के लिए क्लिक करे hindi kahaniya 

 

hindi kahaniyan | 100 रोचक और शिक्षाप्रद stories

 

hindi short moral story for kids बुद्धिमान हंस 

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एक छोटा सा गाँव था जिसमे 20 घर थे | उस गाँव मे एक घसियारा रहा करता था | गाँव के बगल मे एक जंगल था |घसियारा अक्सर उस जंगल मे आता  जाता रहता था | घसियारा उस जंगल से कभी लकड़ियां कट कर लाता तो कभी कोई छोटा मोटा जानवर पकड़ लाता और उसे पका कर खा जाता | घसियारे कभी पहले से मरे हुए जानवर नहीं खाते | 

 

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 उस जंगल मे  बहुत जादा हंस रहा करते थे | हंस अक्सर अपना ठिकाना ऊचे वृक्षो पर ही  बना कर रहते थे | एक वृक्ष पर 6 से 8 हंस रहा करते थे |  उन हंसो मे एक हंस बाकी हंसो से बहुत बुद्धिमान था |वह बुद्धिमान हंस बहुत बूढ़ा था |

वह बूढ़ा  हंस अक्सर उस घसियारे पर नजर रखता था | हंस ने एक बात समझ ली की यह घसियारा मरे हुए जानवर को अपने साथ नहीं ले जाता | short moral story in hindi kahaniyan बुद्धिमान हंस 

 

एक दिन वृक्ष पर जहां हंसो का ठिकाना था वही पर एक बेल निकल आई |

 

बूढ़े  हंस की नजर जब उस बेल पर गई तो उसने बाकी के हंसो से बोला की –  इस बेल को तुरंत काट दो वरना एक दिन यह बेल वृक्ष के नीचे तक फैल जाएगी और कोई शिकारी इस  बेल के सहारे वृक्ष पर चढ़ कर हमारा शिकार कर हमे मार देगा |

 

यह सुन बाकी के हंस बोले – अरे तुम बे वजह ही इतने चिंतित हो रहे हो , अभी यह बेल बहुत छोटी है तो इसे बढ़ने मे अभी बहुत समय लगेगा तब तक हम इस बेल को काट देंगे | 

 

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बूढ़ा हंस अब काफी कमजोर हो चुका था इसलिए वह चाह कर भी उस बेल को अपनी चोच से नहीं काट सकता था |

 

बूढ़ा  हंस फिर से बोला – नहीं नहीं ! इसे अभी काट दो वरना यह बेल अधिक बड़ी हो गई तो इस बेल को काटना  बहुत मुश्किल हो जाएगा | तब यह बेल नहीं कटेगी इसे अभी काट दो | वरना एक दिन यह बेल हमारी मौत का कारण बनेगी |

लेकिन कोई भी हंस उस बूढ़े हंस की बात सुनने को तैयार नहीं था | सब उस हंस की बात को मज़ाक मे ले रहे थे | समय बीतता गया और बेल एक दिन बहुत बड़ी हो गई……………    इस कहानी को पूरा पढ़ने के लिए क्लिक करे hindi kahaniya 

 

 

 

शिक्षाप्रद कहानी short moral stories in hindi

बहरा  मेंढक 

 

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एक गाँव के बाहर  एक तालाब था | उस तालाब मे बहुत से मेंढक रहा करते थे |  तालाब चारो तरफ से  रेतीली मिट्टी से घिरा हुआ था | तालाब मे बहुत से बड़े बड़े कमल के फूल खिले हुए थे |

 

सभी मेंढक उस कमल के पत्तों  पर उछल कूद किया करते , खूब मस्ती किया करते  ,कोई मेंढक उस पानी मे गोते लगता तो कोई एक पत्ते से दूसरे  पत्ते पर उछल कूद करता तो कोई पत्तों के नीचे छुप जाता तो दूसरे मेंढक उसको खोजने लगते |short moral stories in hindi kahaniyan काना मेंढक 

 

उन सभी मेंढको मे एक बहरा  मेंढक भी था जिसे दूसरे मेंढको की कोई आवाज ही नहीं सुनाई देती थी | बहरा  मेंढक जब भी दूसरे मेंढको को बोलता हुआ देखता तो यह सोचने लग जाता की यह मेंढक अपने होठ क्यो बार बार खोलते औए बंद करते रहते है | 

 

बिचारा बहरा  मेंढक तालाब के पानी मे अपनी ही धुन मे मस्ती किया करता |

आप पढ़ रहे है – short moral stories in hindi kahaniyanकाना मेंढक

 

उन सभी मेंढको मे एक बात यह थी की – जब भी कोई मेंढक उस तालाब मे कुछ नया करने की कोसिस करता तो बाकी के मेंढक उसको देखने लगते और जब वो मेंढक वो करने मे सफल हो जाता तो बाकी के मेंढक भी उसी मेंढक की तरह वो करतब करने लगते |

 

लेकिन जब कभी कोई मेंढक अपने नए करतब मे कामयाब न हो पता तो बाकी के मेंढक को बोल देता की यह बहुत मुश्किल है यह नहीं होगा |

 

मेंढक की यही बात बाकी के के मेंढको के दिमाग मे घुस जाती है इस वजह से बाकी के मेंढक उस करतब को करने का प्रयास ही नहीं करते |

 

और जो  मेंढक  थोड़ा बहुत प्रयास करता भी तो वो भी कुछ देर प्रयास करने के बाद हर मान जाता क्योकि प्रयास कर रहे उन मेंढको को बार बार उस मेंढक की बात याद आजती की यह नहीं होगा

 

एक बार तेज बारिश शुरू हुई , सभी मेंढक उस बारिश मे खूब मस्ती करने लगे सभी कमल के पत्तों के ऊपर आकार बैठ जाते और बारिश  की तेज बूंदों का आनंद लेते |

 

कुछ देर बाद बारिश बंद हो जाती है |  वही तालाब के एक दम किनारे पर एक पेड़ था  |short moral stories in hindi काना मेंढक 

 

सभी मेंढक मस्ती करने के लिए उस पेड़ के पास पहुच गए |  मेंढको के एक झुंड से एक मेंढक निकला और उस पेड़ पर चढना शुरू  कर दिया | दो तीन प्रयास के बाद वो मेंढक हार मान गया | इस  बार बाकी के मेंढको ने भी प्रयास कर के देखा | hindi kahaniyan

 

जो थक जाता वो बाकी के प्रयास कर रहे मेंढको को बार बार बोलता मत करो , कोई फाइदा नहीं , मत करो |

 

मेंढको की यह बाते उन प्रयास कर रहे मेंढको के कान मे बार बार जा रही थी | नतीजा यह हुआ की सभी मेंढको ने हार मान ली और प्रयास करना बंद कर दिया |

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अब इतने मे वो बहरा  मेंढक भी उन सब को पेड़ पर चढ़ता देख वहाँ  पहुँच जाता है  | बहरा  मेंढक भी पेड़ पर  चढना शुरू कर देता है  |

बहरे  मेंढक को पेड़ पर चढ़ने के लिए बार बार प्रयास करता देख बाकी मेंढक उसे बोलने लगे की…….. 

इस कहानी को पूरा पढ़ने के लिए क्लिक करे hindi kahaniya 

 

 

किसान की समझदार बेटी | moral stories in Hindi

 

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उधम पुर नाम के एक गाँव मे एक बहुत ही अमीर सेठ रहता था जिसके पास लाभग पूरे गाँव की जमीन गिरवी थी | गाँव मे एक समय बाढ़ आ जाने की वजह से  सभी किसानो के खेत मे लगी फसल  खराब हो चुकी थी  कई दिनो तक  बाढ़ का पानी भरे रहने की वजह से गाँव के किसानो को खाने के लाले पड़ गए थे |

 

तब गाँव के लोगो ने फैसला किया की अपनी जमीने लाला जी के पास गिरवी रखवा कर धन का प्रबंध कर लेते है ताकि कुछ समय तक अपना गुजारा कर सके इसके बाद जैसे ही अपने खेतो से बाढ़ का पानी सूख जाता है तो हम लोग तुरंत पुनः खेती शुरू करके फसल उगने पर आधी फसल बेच कर जो धन मिलेगा वो लाला को देते रहेंगे और जब उधर ली गई राशि पूरी तरह से व्याज सहित जमा कर देंगे तो अपना खेत लाला जी से छुड़वा लेंगे |

 

इस वजह से किसनों को अपने बीबी बच्चो का पेट पालने के लिए  गाँव के लाला के पास अपनी जमीने गिरवी रखवा कर धन उधार लेना पड़ा ताकि तीन वक्त की रोटी नसीब हो सके | इस तरह सभी किसान इकट्ठे हो कर लाला जी के पास गए और अपनी जमीन गिरवी रखवा कर लाला से धन उधार ले लिया |

 

इधर लाला जमीन के बदले मे धन उधार देने से पहले ही किसानो को  बता देता है  की   उधार ली गई यह राशी  आपको व्याज सहित 5 साल तक जमा करनी होगी | यदि न कर पाए तो यह खेत मेरा हुआ | सभी किसानो ने इस पर सहमति जताते हुए लाला के पास अपनी जमीने गिरवी रखवा दी | किसान की समझदार बेटी | moral stories in hindi kahaniyan

 

गाव मे मालिक राम नाम का एक किसान था जिसकी एक बेटी थी यही कुछ 22  साल की | बेटी का नाम रोशनी था रोशनी बहुत ही तेज़ दिमाग की थी और बहुत ही  समझदार थी | रोशनी का उसके पापा के सिवा और कोई नहीं था | मालिक राम अपने गिरवी खेत मे फसल उगाता  और पकने पर बेच देता | बेचने पर जो धन मिलता वो उसे  तीन हिस्सो मे  बाट देता   |  एक हिस्सा लाला जी का , दूसरा हिस्सा घर के खर्च का , तीसरा हिस्सा बेटी की शादी के लिए रख लेता | …………….    इस कहानी को पूरा पढ़ने के लिए क्लिक करे hindi kahaniya 

 

 

 

 

 

 

हिन्दी शिक्षाप्रद धार्मिक कहानियाँ || religious stories in hindi

         ज्ञान से भरे धार्मिक कहानियों का रोचक सफर- 

 

Religious story hindi |धार्मिक कथाएँ –  दोस्तों स्वागत है आपका धार्मिक  कहानियों इस रोचक दुनिया मे | यहाँ पर आपको motivational stories के साथ moral stories से मिलने वाले ज्ञान से रुबारू करवाया जाता है |

religious stories in hindi मे हम आपको धार्मिक ज्ञान से जुड़े  ऐसे तथ्यों से रूबरू करवाते है जिसके बारे मे बहुत कम लोग ही परिचित होते है |

आज कल इंटरनेट का जमाना है जिस वजह से किताबों का चलन अब इतना नहीं रहा  तो इस aबात को ध्यान मे रखते हु हम उन्ही धार्मिक किताबों से   उस ज्ञान को उठा कर आप तक लेकर आए है |

कुछ धार्मिक ज्ञान ऐसे होते है जिसे हम religious stories in hindi  की मदद से आप तक पहुंचाते है |

 

दोस्तो ऐसी ही हजारो शिक्षा प्रद , लोकप्रिय और रोचक कहानियों का सफर हम आप तक लेकर आए है जिन्हे लोगों ने बचपन मे अपने दादा दादी – या  नाना- नानी  से सुनी होती है या फिर टीवी मे देखी होती है |

लेकिन यहाँ पर आपको ऐसी बहुत सी शिक्षा प्रद , लोकप्रिय और रोचक कहानियाँ मिलेंगी जिसे शायद ही आपने कही सुनी होंगी | तो पढ़ते रहिए ऐसी कहानियाँ और सीखते रहिए एक नई सीख  ,साथ मे ऐसी शिक्षा प्रद कहानियाँ  अपने दोस्तो को भी शेयर करते रहिए | Religious story hindi |hindi kahaniyan

 

 

आज की कहानी है Religious story hindi |धार्मिक कथा –

हनुमान VS बाली

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दोस्तों रामायण तो आप सब ने tv पर तो देखो होगी जिसमे बाली के बारे मे भी बताया गया हैं. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी कथा बताने जा रहे जो ना तो कभी tv पर दिखाई गई हैं और ना ही अपने कभी सुनी होगी. यह कथा रामायण की किताब के अद्ध्याय किष्किंधा कांड मे मौजूद हैं जिसके बारे बहुत कम लोग ही परिचित हैं.

 

रामायण की पुस्तक किष्किंधा काण्ड मे अध्याय 5 से लेकर 26वें  अध्याय तक बाली का वर्णन किया गया हैं. लेकिन tv सीरियल वाले रामायण मे बाली वध के बारे ही दिखाया गया हैं.

बाली सुग्रीव का बड़ा भाई था. बाली किष्किंधा का राजा था.बाली ने अथाह बल की चाह मे ब्रम्हा जी की एक बार घोर  तपस्या की. 

Religious story hindi |धार्मिक कथा -हनुमान VS बाली hindi kahaniyan

बाली की इस  घोर तपस्या से ब्रम्हा जी प्रसन्न हो कर बाली के सामने प्रकट होते हैं.  बाली वरदान मांगते हुए ब्रम्हा जी से कहता हैं की – हे ब्रम्हा जी मुझे ऐसा वरदान दीजिये जिससे अगर मैं किसी से भी मल युद्ध करू तो उसका आधा बल मुझमे समा जाए.

 

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ब्रम्हा जी बाली को यह वरदान देकर वहां से विलुप्त हो जाते हैं.  वरदान मिलते ही बाली को  अपने अंदर एक अद्भुत ऊर्जा अनुभूति होने लगी.

 

ब्रम्हा जी से मिले इस वरदान की बदौलत बाली धरती पर बड़े से बड़े योद्धा को मल युद्ध के लिए  ललकारने लगा.  हर कोई   बाली से युद्ध हारता रहा.

 

यहाँ तक की बाली रावण जैसे बलशाली को भी मल युद्ध के लिए ललकार बैठता हैं.

 

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इस युद्ध मे रावण हार जाता हैं.  अब बाली को खुद की ताक़त पर इतना घमंड हो जाता हैं की जंगल मे घुस कर पेड़ो को उखाड़ फैकता. हैं  पर्वतो को हिलाने लगता हैं.

बाली पेड़ो को तहस नहस करता हुआ कुसकिन्धा के जंगलो मे प्रवेश कर जाता हैं. .

 

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इसी जंगल मे कुछ ही दूर हनुमान जी अपने आराध्य देव श्री राम जी की भक्ति मे लीन राम नाम का गुणगान कर   रहे  थे.

इधर बाली  ने पूरे जंगल मे  कोतुहल मचा रखा था.  जिससे हनुमान जी की भक्ति मे बाधाआरही थी.

 

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हनुमान जी तुरंत अपनी आँखे खोल देते हैं और देखते हैं की उनके सामने बाली खड़ा हैं. इस कहानी को पूरा पढ़ने के लिए क्लिक करे hindi kahaniya 

 

धार्मिक कथा – कलयुग का आरंभ और मोक्ष की प्राप्ति

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कलयुग के आरंभ की यह कहानी शुरू होती है राजा परीक्षित (raja parikshit) से |  राजा परीक्षित (raja parikshit) वीर  अभिमन्यु  के पुत्र थे और अभिमन्यु  राजकुमार अर्जुन के पुत्र थे  यानी राजा परीक्षित (raja parikshit) राजकुमार अर्जुन के पोते थे |

 

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कलयुब के आरंभ की कथा सर्वप्रथम  महारिशी  सूज्य ने नामिषारण्य मे एकत्रित हुए अपने सभी ऋषिगणो को सुनाई थी |

महारिशी सूज्य अपने सभी ऋषियों को कथा शुरू करते हुए बोलते है की  श्रीमद भागवत की यह कथा मैंने सर्वप्रथम कलयुग के आरंभ मे स्वयं महामुनि शिव के मुखविन्द (मुख से निकली वाणी) से  तब सुनी थी  

जब उन्होने राजा परीक्षित (raja parikshit)  को यह कथा केवल एक सप्ताह मे ,उस समय सुनाई थी जब एक ऋषि कुमार के श्राप के कारण  राजा परीक्षित (raja parikshit)  की मृत्यु को केवल 7 दिन ही शेस रह गए थे |

 

इतने मे कथा सुन रहे  “ऋषि शौनिक”  बोलते है – हे महाऋषि सूज्य ! राजा परीक्षित (raja parikshit) तो महाप्रतापी पांडवो के पौत्र और वीर  अभिमन्यु  के पुत्र थे | तो भला ऐसे पुण्य  आत्मा राजा को ऋषि कुमार ने श्राप क्यों दिया ?

यह सुन महाऋषि सूज्य बोलते है –  “शौनिक जी” !  यह भी काल का विधान है की महाराज परीक्षित (raja parikshit) जैसे धर्म परायण और प्रतापी राजा को एक बालक के श्राप का दंड भोगना पड़ा परंतु जब परीक्षित (raja parikshit) को मिला तब धरती पर  कलयुब का आगमन हो चुका था| भगवान श्री कृष्ण मृत्यु लोक (धरती) से अपनी लीला समाप्त करके बेकुंठ धाम सिधार चुके थे |

 

इनके बाद पांडव भी संसार से विरक्त हो कर अपने पौत्र परीक्षित (raja parikshit) को सारा राज पाठ सौप कर हिमालया पर्वत को चले गए थे| इधर कलयुग चुप चाप एक चोर की भाति मृत्यु लोक (धरती) मे प्रवेश कर चुका था |

एक दिन शिकार खेलते खेलते महाराज परीक्षित (raja parikshit) जंगल मे गए | religious stories in hindi

 

 

वहीं पर शिकार की तलाश मे विचरते विचरते बहुत आगे तक चले चले गए थे | फिर अचानक कुछ ही दूर एक दम से  “कलयुग” एक पेड़ के पीछे से निकाल कर महाराज परीक्षित (raja parikshit) के खड़ा हो गया |

“कलयुग” को अचानक ऐसे सामने आकार खड़ा देख महाराज परीक्षित (raja parikshit) बहुत क्रोधित हो जाते है और बोलते है – इस प्रकार हमारा मार्ग रोकने वाले कौन हो तुम |……..    इस कहानी को पूरा पढ़ने के लिए क्लिक करे hindi kahaniya

 

 

 

 

जरूर पढ़े – कर्मो का फल और भक्ति की शक्ति पर आधारित ब्रहम्हा जी द्वारा नारद जी को बताई गई एक ऐसी कहानी जिसे पढ़ने और समझने के बाद आप जीवन मे कभी पांप नहीं करोगे |जीवन किसी के साथ कुछ बुरा करने या बुरा सोचने से पहले हज़ार बार सोचोगे| धार्मिक कहानी – dharmik kahani – religious story in hindi

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hindi life quotes ज्ञान अनमोल विचारों का

विचार , जो आपकी ज़िंदगी बादल दें

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hindi life quotes ज्ञान अनमोल विचारों का  – दोस्तों स्वागत है आपका ज्ञान से भरे अनमोल विचारों की इस  अद्भुत दुनियाँ मे | यहाँ हम आपको  ज्ञान से भरे ऐसे अनमोल विचारों से रूबरू करवाते है जो आपके मन मे ज्ञान का संचार करते है और जीवन की उस सच्चाई से अवगत करवाते हैं जिससे आप अब तक अंजान  थे |

 

इन अनमोल विचारों को पढ़ने के बाद आप जिंदगी मे कभी धोखा नहीं खाएँगे | 

 

तो चलिये जानते है महान लोगों और महानुभवों  के ऐसे विचारों को जिन्हे पढ़ आप आप अपने ज्ञान का विस्तार और अच्छे चरित्र का निर्माण कर सकते है |    एसे विचारों को पढ़ने के लिए क्लिक करें ज्ञान से भरे विचार (hindi quotes)

 

 

 

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life quotes यानी जीवन के अनमोल विचार (thoughts) | quotes का मतलब होता है किसी अनुभवी जरूरी बात को छोटा करके एसे गहराई भरे शब्दों से प्रस्तुत करना जिसे पढ़ने से हम उन शब्दों की गहराई को और उस तमाम अनुभव को जान पाते है जो वो हमसे कहना चाहते है |

quotes गहराई भरे शब्दो का उपयोग करके दो या चार लाइनों (पंक्तियों) मे लिखे जाने वाले जीवन के एसे विचार होते है जिनमें अनुभव और अनुभूति (feeling) दोनों छुपी होती है |

  • quotes कई प्रकार के होते है जैसे
  • जीवन के अनमोल विचार (लाइफ quotes
  • दुख और सुख के अनुभवी विचार (sad quotes) 
  • प्रेम के अनुभवी विचार (love quotes)

 

तो हम के लिए लाए है महान लोगों के महान जीवन अनुभव जिन्हे पढ़ कर आप  जीवन मे कई अनमोल विचारों को जान और समझ सकेंगे | एसे विचारों को पढ़ने के लिए क्लिक करें ज्ञान से भरे विचार (hindi life quotes)

 

 

 

 

बीरबल की चतुराई और बुद्धिमानी से भरे रोचक किस्से hindi kahaniyan कहानियों का सफर 

 

Best hindi kahaniyan | 100 रोचक और शिक्षाप्रद stories

akbar birbal ki kahaniyan- दोस्तों स्वागत है आपका अकबर बीरबल (akbar birbal) के किस्से कहानियों की  इस रोचक दुनिया मे |

दोस्तो बीरबल (birbal) एक बहुत ही बुद्धिमान  इंसान था | बादशाह अकबर के राज दरबार मे बीरबल से बुद्धिमान और कोई नहीं था बीरबल – अकबर के 9 रत्नो मे से एक था | बादशाह अकबर  बीरबल (birbal) की बिद्धिमानी का लोहा मानते थे |बीरबल (birbal)  की बुद्धिमानी के किस्से दुनिया भर मे लोकप्रिय है  | आज दुनिया भर मे बीरबल (birbal) की कहानियों को लोग बड़े उत्तसह से पढ़ते है और टीवी पर भी देखते है जिससे हमे बहुत कुछ सीखने को मिलता है |

 

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स्वागत है आपका हिन्दी कहानियों की इस रोचक दुनिया मे | ज्ञान और शिक्षा से भरी  hindi kahaniyan इंसान के अच्छे जीवन चरित्र का निर्माण करती है | यहाँ पर हर उम्र के व्यक्ति के लिए ज्ञानवर्धक hindi kahaniya मिलेगी |

 

gautam buddha story|महात्मा बुद्ध hindi kahaniyanके जीवन की सीख 

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दुनिया मे शायद ही  कोई इंसान ऐसा होगा जो महात्मा बुद्ध (gautam buddha) के बारे मे या उनके नाम से अपरिचित होगा |

क्योंकि आज के दौर मे महात्मा बुद्ध  सिर्फ एक नाम नहीं बल्कि खुद  मे बहुत बड़ा इंसानियत का पाठ पढ़ाने वाला ऐसा धर्म है ,जिससे हमें न सिर्फ महात्मा बुद्ध के जीवन के अनमोल विचारों का ज्ञान मिलता है बल्कि उनके जीवन यात्रा से मिलने वाले अद्भुत ज्ञान को जान कर और पढ़ कर भी जीवन धन्य हो जाता है |

महात्मा बुद्ध गुरु नानक देव जी या साई बाबा की तरह ईश्वर का अवतार तो नहीं थे लेकिन उन्होने अपने जीवन मे एक ऐसे ज्ञान को प्राप्त  करने की दृढ़ इच्छा रखी जिसे पाकर इंसान ईश्वर का अवतार ही कहलाता है इस ज्ञान को “परम ब्रम्ह ज्ञान” कहते है” |

महात्मा बुद्ध जी ने इस “परम ब्रम्ह ज्ञान”  को   प्राप्त  करने के लिए किस मार्ग का चुनाव किया ?जीवन मे कितने कस्ट सहे ?  क्या होता है यह “परम ब्रम्ह ज्ञान” ? यह ज्ञान मिलने के बाद क्या होता हैं ?इन सब के बारे मे आपको आज इस आर्टिकल मे बताया जाएगा |

 

  तो आप भी महात्मा बुद्ध के जीवन की इस अद्भुत गाथा को पढ़ कर अपना जीवन सफल बना सकते है |

 

 

यहाँ click करे – गौतम बुद्ध  की जीवनी और इतिहास || जानिए कहाँ से शुरू हुआ गौतम बुद्ध से  महतमा बुद्ध बनने का सफर|| कैसे मिला गौतम बुद्ध को परम ज्ञान gautam buddha

 

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short story- महात्मा बुद्ध के अनमोल विचार – hindi kahaniyan

एक बार महात्मा बुद्ध अपने शिस्यों के साथ यात्रा करते हुए एक छोटे से गाँव मे प्रवेश करते है | वहाँ राह पर एक गरीब आदमी बैठा हुआ था | जो की बहुत परेशान था | महात्मा बुद्ध ने उस गरीब आदमी से पूछा – हे भले मानुस! इतने दुखी क्यों हो ? 

गरीब दुखी आदमी बुद्ध की तरफ देखता है महात्मा बुद्ध के उस तेज को हुआ कुछ देर बस बुद्ध जी को देखता ही रहता है फिर बोलता है – हे! साधू महात्मा , मैं अपनी गरीबी से बहुत तंग आगया हूँ मेरे पास कुछ भी नहीं इसलिए मेरा मन हमेशा दुखी रहता हैं | 

हे महात्मा ! आप ही कुछ राह दिखाए मैं क्या करू ?

तब बुद्ध जी बोलते है – तुम्हारे दुख की असल वजह तुम्हारी गरीबी नहीं,  तुम्हारी सोच है |यदि चाहो तो तुम्हारे पास देने को बहुत कुछ है – तुम चाहो तो किसी की तारीफ करके उसे खुश कर सकते हो | किसी को हसा सकते हो , किसी का हौसला बढ़ा सकते हो | किसी को उम्मेद की किरण दिखा सकते हो |

महात्मा बुद्ध की इन बातों को सुन गरीब दुखी इंसान के चेहरे पर मुस्कान आजाती है |

 

 

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dharmik kahani गुरु नानक देव जी की शिक्षाप्रद hindi kahaniyan

dharmik kahani गुरु नानक देव जी की शिक्षाप्रद कहानी

 

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गाथा शुरू होती हैं, उस समय से जब भारत मे चारो तरफ अधर्म, कुकर्म और लोगो मे अन्धविश्वास फैला हुआ था. धर्म और जात के नाम पर एक दूसरे मे नफरत की आग फ़ैल चुकी थी.

 

उस समय भारत मे मुग़लो का शासन था.मुग़ल लोग भारतीय लोगो पर खूब अत्याचार कर रहे  थे . मंदिर  तोड़े जा रहे थे ,धर्म पर गहरा आघात किया जा रहा था.

लोगो का जबरन धर्म परिवर्तन करवाया जा रहा था और जो नहीं करता उसे भयानक मौत दे दी जाती.dharmik kahani

 

मुग़ल शासक अपनी मनमानी करतें. मुगलो के हुक्म की नाफरमानी पर या फिर जो उनके जुल्मों के खिलाफ अपनी आवाज उठाता उन लोगो को मौत के घाट उतार दिया जाता.

ऐसे मे जनता मुगलो के इस जुल्म से तंग आ चुकी थी. चारो तरफ त्राहि त्राहि थी.

 

ऐसे मे लोगो को सही मार्ग दिखाने, लोगो के मन मे फैले धार्मिक अंधविश्वास को दूर करने,धरती पर एक महान पुरुष ईश्वर का अवतार गुरु नानक देव जी का  जन्म हुआ.

 

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श्री गुरु नानक देव जी सिक्ख धर्म के पहले गुरु है |ईश्वर कवतर कहे जाने वाले  गुरु जी का  जन्म संसार मे धर्म कर्म के प्रति अज्ञानता को दूर करने अथवा लोगो मे अंधविश्वासों को दूर करने के साथ साथ लोगो को सदमार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करने हेतु हुआ  | गुरु नानक देव जी का रूप बहुत ही अद्भुत और तेजस्वी है वह इस संसार मे लोगो लो सदमार्ग एवं सत्कर्म पर चलाने हेतु अवतरित हुए  |

 

 

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उनके पिता जी का नाम बाबा कालूचंद्र बेदी और माता जी का नाम त्रिपता जी है |श्री गुरु नानक देव जी का जन्म 15अप्रैल,1469 में पाकिस्तान से 65 किलोमीटर दूर पश्चिम मे ,शेखपुरा डिस्टिक के एक  गाँव तलवंडी साबों” मे हुआ |यह स्थान ननकाना साहिब के नाम से प्रसिद्ध अब पाकिस्तान मे हैं.

 

जन्म के कुछ दिन बाद बहुत ही विद्वान पंडित पिता महता कालू के घर आए. पंडित जी ने नानक जी के मुख मण्डल तेज को देखते ही बता दिया की यह ईश्वर जे अवतार हैं. लोगो को सदमार्ग पर चलाने तथा सत्कर्म करने के उद्देश्य से धरती पर इनका जन्म हुआ हैं.

………….

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तेनाली रामा की चतुराई और बुद्धिमता के किस्सो का रोचक सफर 

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Best hindi kahaniyan | 100 रोचक और शिक्षाप्रद stories

 

दोस्तों स्वागत है आपका ज्ञान से भरी  तेनाली रामा के कहानियों की इस रोचक दुनिया मे। दोस्तों जीवन मे कहानियों का विशेस महत्तव होता है |

क्योकि इन कहानियो hindi kahaniyan के माध्यम से हमे बहुत कुछ सीखने को मिलता है |

तेनाली रामा (Tenali Raman ) की इन रोचक कहानियों के सफर मे आपको तेनाली की बुद्धिमनियों के किस्सो से रूबरू करवाया जाएगा जिससे न सिर्फ आपका ज्ञान बढ़ेगा बल्कि हर कहानी से कुछ न कुछ ज़रूरी सीख भी मिलेगी जो आपको आपकी ज़िंदगी मे बहुत कम आएंगी |

 

कौन थे तेनाली राम 

दोस्तों जैसे अकबर के समय मे , अकबर के दरबार मे  बीरबल जैसा एक बहुत बुद्धिमान इंसान हुआ करता था जिसकी बुद्धिमानी की कहानिया बहुत प्रचलित है । ठीक उसी प्रकार राजा कृष्णदेव राय के समय मे राजा कृष्णदेव राय  के दरबार मे एक बहुत ही बुद्धिमान मंत्री तेनाली राम जी हुआ करते थे । यह भी बीरबल की तरह बहुत बुद्धिमान थे और इनकी बुद्धिमता की कहनीय भी लोगो मे बहुत प्रचलती है | तो इन्ही की बुद्धिमानी के किस्से कहानियाँ हम आप लोगो तक लाए है |tenali ram stories hindi kahaniyan

 

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vikram betal के रोचक  किस्से – hindi kahaniyan moral stories

 

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प्राचीन काल में विक्रमादित्य नाम के एक आदर्श राजा हुआ करते थे| राजा विक्रमादित्य अपने साहस , शौर्य और पराक्रम के लिए पूरे देश भर मे प्रसिद्ध थे |

 

राजा विक्रमादित्य  अपनी प्रजा से इतना लगाव रखते थे कि वो उनके साथ किसी भी प्रकार का अन्याय नहीं होने देते थे |

 

हमेशा  अपनी प्रजा की  सुख सुविधा के बारे मे सोचते रहते थे | ऐसा भी कहा जाता है कि राजा विक्रम अपनी प्राजा के जीवन के दुख दर्द जानने के लिए रात के समय  में भेष बदल कर नगर में घूमते थे।

और दुखियों का दुख भी दूर करते थे। Vikram Betal Stories in Hindi hindi kahaniyan

 

 

राजा विक्रम (Vikram) और बेताल (Betal) के किस्सों पर कई सारी किताबें और कहानियाँ प्रकाशित हुई हैं। विक्रमादित्य और बेताल (Betal) के किस्सों पर छपी “बेताल पच्चीसी / Baital Pachisi” और “सिंहासन बत्तीसी / Singhasan Battisi” मशहूर  किताबें हैं। जिन्हें आज भी अद्भुत लोकप्रियता प्राप्त है।

 

 

 

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बेताल द्वारा राजा विक्रम (Vikram) को सुनाई गई पच्चीस कहानियों मे से एक कहानी आज  बताई जाएगी  जिसमे  पहली कहानी पिछले आर्टिकल मे बता दी गई है |

 

बेताल द्वारा राजा विक्रम को सुनाई गई इन सभी कहानियों का उल्लेख “बेताल पच्चीसी” नामक  एक किताब मे मिलता है यह किताब बेताल भट्ट जी द्वारा आज से  लगभग 2500 वर्ष पहले  लिखी  गई थी जो की राजा विक्रमा दित्य के 9 रत्नो मे से एक थे |

 

यहाँ पर इस किताब का नाम “बेताल पच्चीसी” इसलिए रखा गया है क्योंकि इस किताब मे बेताल (betal) द्वारा विक्रमादित्य को सुनाई गई 25 कहानियों के बारे मे बताया गया है यह किताब उन्ही 25 कहानियों पर आधारित है |

 

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कहानी शुरू करने से पहले बेताल (betal) राजा को  बोलता है की मैं कहानी के खत्म होते ही तुमसे (राजा विक्रम) कहानी से जुड़ा कोई प्रश्न पूछूंगा  यदि  तुमने मेरे प्रश्न का सही  उत्तर ना दिया तो वह राजा विक्रम को मार देगा। और अगर राजा विक्रम (Vikram) ने जवाब देने के लिए मुंह खोला तो वह रूठ कर फिर से  पेड़ पर जा कर उल्टा लटक जाएगा।vikram betal stories

 

यहां click करे – भाग-1 विक्रम बेताल की पहली कहानी तांत्रिक की चाल  (बेताल पच्चीसी) vikram betal stories

यहां click करे- विक्रम बेताल कहानी भाग-2 जादुई टापू  (बेताल पच्चीसी)vikram betal stories

यहां click करे- विक्रम बेताल कहानी भाग-3  राजकुमारी का विवाह (पांपी कौन ?) (बेताल पच्चीसी)vikram betal stories

यहां click करे- विक्रम बेताल कहानी भाग-4  पति कौन? (बेताल -पच्चीसी)vikram betal stories

यहां click करे- विक्रम बेताल कहानी भाग-5  सिपाही सहित पूरे परिवार की बलि (पुण्य किसका) (बेताल पच्चीसी)vikram betal stories

यहां click करे – विक्रम बेताल कहानी भाग-6   तोता मैना ने सुनाई कहानी -अधिक पापी कौन ?(बेताल पच्चीसी)vikram betal stories

यहां click करे -विक्रम बेताल कहानी भाग-7  तीन वर और राक्षस (बेताल पच्चीसी)vikram betal stories

यहां click करे -विक्रम बेताल कहानी भाग-8  रामसिंह का प्यार और माँ काली की शर्त (बेताल पच्चीसी)vikram betal stories

यहां click करे -विक्रम बेताल कहानी भाग-9 साधू का वरदान (बेताल पच्चीसी)vikram betal stories

यहां click करे -विक्रम बेताल कहानी भाग-10 असली शापित कौन ? (तीन शापित इंसान)   (बेताल पच्चीसी)vikram betal stories

यहां click करे -विक्रम बेताल कहानी भाग-11  साधू की माला और चुड़ैल  (बेताल पच्चीसी)vikram betal stories

 

 

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हनुमान जी ने किया था सत्यभामा ,गरुड़ और सुदर्शन चक्र का घमण्ड चूर-चूर!

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hindi Religious story  एक बार की बात हैं भगवान श्री कृष्ण जी ने अपनी पत्नी सत्यभामा को पारिजात वृक्ष लाकर दिया था जिसके चलते सत्यभामा को खुद पर यह घमंड हो गया की वह श्री कृष्ण की सबसे प्रिय हैं और पूरे लोक मे उनसे सुंदर कोई नहीं हैं.

 

वही दूसरी तरफ भगवान विष्णु के सुधर्षन चक्र ने इंद्र देव के अभिमान को तोड़ा था इसके इलावा और भी कई बड़े बड़े राक्षसों का नाश किया ऐसे मे सुधर्षन चक्र को खुद पर यह अभिमान हो गया था की

भगवान हर बड़ी बुराई का नाश करने के लिए मेरा ही सहारा लेते हैं क्योंकि मैं ही पूरे ब्रम्हांड का सबसे शक्तिशाली अस्त्र हूं. मेरा सामने कोई शक्ति नहीं टिक सकती. मेरा सामना कोई नहीं कर सकता.

 

 

वही विष्णु जी के वाहन गरुण जी को यह अभिमान हो गया था की भगवान विष्णु मेरे बिना कहीं नहीं जाते. मैं ही ब्रम्हांड का अधिक तीव्रवान वाहन हूं. मेरे प्रभु को कहीं भी तुरंत जाना को तो मेरा ही सहारा लेते हैं.

सिर्फ यही नही गरुण जी मे जन्म से ही अथाह बल था जिसके चलते आगे चल कर उनमे अपनी ताकत को लेकर यह अभिमान हो गया की धरती पर उनसे अधिक बलवान कोई नहीं |

 

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तो इन तीनो का घमंड तोड़ने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने हनुमान जी का आवाहन किया.क्योंकि वह जानते थे की हनुमान जी महादेव के अवतार हैं उनमे असीमित शक्तियां हैं अतः इन तीनो का घमंड तोड़ने मे सक्षम हैं.

 

हनुमान जी  भगवान राम के आशीर्वाद और वरदान स्वरूप धरती पर ही अदृश्य रूप से विचरण करते थे | तब जैसे ही भगवान श्री कृष्ण की पुकार हनुमान जी के कानों तक पहुंची हनुमान जी के मानों रोंगटे खड़े हो गए | 

हनुमान जी गद गद हो उठे मानों उन्हे भगवान श्री राम जी ने याद किया हो | तुरंत हनुमान जी तीव्र गति से उड़ते हुए भगवान श्री कृष्ण के पास पहुँच जाते है |

 

हनुमान जी  जैसे ही आए वह भगवान श्री कृष्ण के इस  अवतार को देख उन्हे पहचान नहीं पाए  तब श्री कृष्ण ने………………………..  आगे पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करे 

 

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