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Hindi Moral story साधू का नाच

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Hindi Moral story साधू का नाच

दोस्तों यदि आपका जीवन मे कोई लक्ष्य है और उसे पाने के लिये मेहनत कर रहे है पर सफलता प्राप्त नहीं हों रही तो इस शिक्षाप्रद कहानी से आपको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा.

 

Hindi Moral story साधू का नाच 

एक गांव मे एक ऐसा साधू रहा करता था जिसके नाचने पर बारिश हुआ करती थी. ऐसे मे गांव मे ज़ब भी बारिश की बहुत जरूरत होती तो गांव के लोग उस साधू के पास ही जाया करते और उनसे अनुरोध करते की वह नाचे.

 

फिर ज़ब साधू नाचते थे तो बारिश जरूर होती थी.

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कुछ दिनों बाद 4 लड़के  शहर से गांव मे घूमने आए ज़ब उन्हें यह बात पता चली, की किसी साधू के नाचने से बारिश होती है तो उन्हें यकीन नहीं हुआ.

 

शहरी पढ़ाई लिखाई के घमंड मे उन्होंने गांव वालों को चुनौती दे दी. की अगर हम भी नाचेंगे तो बारिश होगी. और अगर हमारे नाचने से बारिश नहीं हुई तो साधू के नाचने से भी बारिश नहीं होगी.

 

अगले दिन सुबह सुबह गांव वाले उन चारो लड़को को लेकर  साधू की कुटिया पर लेकर पहुंचे. गांव वालों ने साधू को पूरी बात बताई.

 

फिर उन लड़को ने नाचना शुरू किया, पहले लड़के ने नाचना शुरू किया, आधा घंटा बीत गया फिर पहला लड़का थक कर बैठ गया, पर बादल नहीं दिखे कुछ देर बाद दूसरे लड़के ने भी नाचना शुरू किया और वह भी 35 मिनट से अधिक नहीं नाच पाया, बाकी दो लड़के भी ऐसे ही नाचते नाचते थक कर टूट गए और बैठ गए.

 

लेकिन बारिश तो छोड़ो बादल तक नहीं आए.

 

अब उस साधू ने नाचना शुरू किया, एक घंटा बीत गया बारिश फिर भी नहीं हुआ साधू फिर भी नहीं रुका, वो नाचता रहा. नाचते नाचते 2 घंटे बीत गए पर बारिश नहीं हुई 4 घंटे बीत गए पर बारिश नहीं हुई लेकिन साधू तो रुकने का नाम ही नहीं लें रहा था. धीरे धीरे शाम ढलने लगी की तभी बादलो की गड़गड़ाहट शुरू हुई.

फिर कुछ देर बाद ज़ोरो की बारिश होने लगी. सभी गांव वाले बहुत खुश हुए. इस बार साधू की वजह से एक बार फिर से गांव सूखा की मार से बच गया.

वहीं दूसरी तरफ शहरी नौजवानो का घमंड भी खाक हों गया इसी के साथ उन चारो लड़को ने साधू से क्षमा मांगी. लेकिन चारो लड़को के मन मे बस एक ही सवाल था की ये कैसे हों सकता है वो दंग थे फिर हैरानी भरे मन से लड़को ने साधू से पूछा की बाबा! भला ऐसा क्यूँ, की हमारे नाचने से बारिश नहीं हुई और आपके नाचने से बारिश हों गई.

साधू ने उत्तर दिया की ज़ब मै नाचता हूँ तो बातो का ध्यान रखता हूं पहली बात तो मै यह सोचता हूं की अगर मै नाचूंगा तो बारिश को होना ही पड़ेगा, और दूसरी यह की मै तब तक नाचूंगाज़ब तक बारिश ना हों जाए.

सफलता पाने वाले के अंदर भी यही गुण विदमान होते है उन्हें सफल होने का खुद पर पूरा भरोसा होता है इसलिए वह तब तक उस काम को करते रहते है ज़ब तक सफलता ना मिल जाए.

 

Moral story साधू का नाच – कहानी से सीख – 

 जीवन मे ज़ब भी सफल होना है जिस भी काम मे सफल होना है उसे तब तक पूरी शिद्द्त और ईमानदार से करते रहो ज़ब तक सफलता ना मिल जाए.

 

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