hindi moral story for kids – दोस्तों स्वागत है आपका ज्ञान से भरी कहानियों की इस रोचक दुनिया मे। दोस्तों जीवन मे कहानियों का विशेस महत्तव होता है
क्योकि इन कहानियो के माध्यम से हमे बहुत कुछ सीखने को मिलता है |
इन कहानियों के माध्यम से आपको ज़रूरी ज्ञान हासिल होंगे जो आपको आपकी लाइफ मे बहुत काम आएंगे |
hindi moral story for kids मे बताई गई हर कहानी से आपको एक नई सीख देगी जो आपके जीवन की मुश्किलों को कम कर देंगी.
हर कहानी मे कुछ न कुछ संदेश और सीख (moral )छुपी हुई है |
तो ऐसी कहानियो को ज़रूर पढ़े और अपने दोस्तो और परिवारों मे भी ज़रूर शेयर करे |
Table of Contents
hindi short moral story for kids बुद्धिमान हंस
एक छोटा सा गाँव था जिसमे 20 घर थे | उस गाँव मे एक घसियारा रहा करता था | गाँव के बगल मे एक जंगल था |
घसियारा अक्सर उस जंगल मे आता जाता रहता था | घसियारा उस जंगल से कभी लकड़ियां कट कर लाता तो कभी कोई छोटा मोटा जानवर पकड़ लाता और उसे पका कर खा जाता |
घसियारे कभी पहले से मरे हुए जानवर नहीं खाते |
उस जंगल मे बहुत जादा हंस रहा करते थे | हंस अक्सर अपना ठिकाना ऊचे वृक्षो पर ही बना कर रहते थे |
एक वृक्ष पर 6 से 8 हंस रहा करते थे | उन हंसो मे एक हंस बाकी हंसो से बहुत बुद्धिमान था |वह बुद्धिमान हंस बहुत बूढ़ा था |
वह बूढ़ा हंस अक्सर उस घसियारे पर नजर रखता था |
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हंस ने एक बात समझ ली की यह घसियारा मरे हुए जानवर को अपने साथ नहीं ले जाता | short moral story in hindi बुद्धिमान हंस
एक दिन वृक्ष पर जहां हंसो का ठिकाना था वही पर एक बेल निकल आई |
बूढ़े हंस की नजर जब उस बेल पर गई तो उसने बाकी के हंसो से बोला की – इस बेल को तुरंत काट दो वरना एक दिन यह बेल वृक्ष के नीचे तक फैल जाएगी और कोई शिकारी इस बेल के सहारे वृक्ष पर चढ़ कर हमारा शिकार कर हमे मार देगा |
यह सुन बाकी के हंस बोले – अरे तुम बे वजह ही इतने चिंतित हो रहे हो , अभी यह बेल बहुत छोटी है तो इसे बढ़ने मे अभी बहुत समय लगेगा तब तक हम इस बेल को काट देंगे |
बूढ़ा हंस अब काफी कमजोर हो चुका था इसलिए वह चाह कर भी उस बेल को अपनी चोच से नहीं काट सकता था |
बूढ़ा हंस फिर से बोला – नहीं नहीं ! इसे अभी काट दो वरना यह बेल अधिक बड़ी हो गई तो इस बेल को काटना बहुत मुश्किल हो जाएगा | तब यह बेल नहीं कटेगी इसे अभी काट दो |
वरना एक दिन यह बेल हमारी मौत का कारण बनेगी |
लेकिन कोई भी हंस उस बूढ़े हंस की बात सुनने को तैयार नहीं था | सब उस हंस की बात को मज़ाक मे ले रहे थे |
समय बीतता गया और बेल एक दिन बहुत बड़ी हो गई |short moral story in hindi बुद्धिमान हंस
एक दिन सभी हंस भोजन की तलाश मे सुबह सुबह सूरज की पहली किरण के साथ वहाँ से चले गए |
हंसो ने उड़ने के लिए जैसे ही पंख फड़फड़ाए थे तब उसी समय कुछ पंख टूट कर जमीन पर वृक्ष के नीचे जा गिरे |
इधर घसियारा हमेशा की तरहा उस जंगल से गुजर रहा था की अचानक घसियारे की नजर वृक्ष के नीचे गिरे सफ़ेद पंखो पर पड़ी|
घसियारे ने पंख उठा कर देखा तो तुरंत समझ गया की यह तो हंस के पंख है |
इतना बोलते हुए घसियारे ने वृक्ष के ऊपर नजर दौड़ाई तो देखा की यहाँ तो कोई हंस नहीं है |
घसियारा वृक्ष से लटक रही बेल के सहारे वृक्ष पर चढ़ा तो देखा की यह तो बहुत बड़ा घोसला है |
घसियारा समझ गया की इस वृक्ष पर बहुत सारे हंस रहते है शायद वो अभी काही बाहर गए होंगे खाने की तलाश मे
“घसियारे के मन मे एक ख्याल आता है की क्यों न सभी हंसो को एक साथ पकड़ लिया जाए” |
इतना सोचते हुए घसियारा वृक्ष पर जाल बिछा देता है |
और कहता है – “जब सभी हंस शाम को यहाँ वापिस लौटेंगे तो वो सब मेरे इस जाल मे फंस जाएंगे |” फिर उन सब को घर ले जा कर उनका ताजा ताजा गोश खाऊँगा |
इस तरह जल बिछाकर घसियारा वहाँ से चला जाता है और सुबह का इंतज़ार करता है |short moral story in hindi बुद्धिमान हंस
इधर शाम होते ही जैसे ही सभी हंस वापिस अपने वृक्ष पर आते है तो सब सभी हंस उस जाल मे बुरी तरह से फंस जाते है |
सभी हंस बहुत कोशिश करते है उस जाल से निकलने की लेकिन कोई भी उस जाल से नहीं निकल पाता|
तमाम कोशिशों के बाद सब बूढ़े हंस से पूछते है की अब आप ही बताओ क्या किया जाए आप तो बहुत बुद्धिमान हो और तजुर्बेकार भी |
बूढ़ा हंस उन सब को पहले बहुत गुस्सा करता है की – मैंने पहले ही बोला था आप सब को की इस बेल को काट दो |
लेकिन कोई भी मेरी बात को नहीं समझा अब देखो नतीजा |
बूढ़े हंस ड़ाट सुन कर सभी हंस खुद पर बहुत शर्मिंदा होते है और बूढ़े हंस की कही हुई पुरानी बातों को न मान कर अब बहुत पछता रहे होते है |
सभी हंस बोलते है हमे माफ कर दो आज से हम आपकी हर बात मानेंगे कृपया अभी इस जाल से बचने का कोई उपाय निकालो |
तब हंस कुछ देर सोचता है | कुछ देर सोचने के बाद हंस समझ जाता है की – हो न हो यह उस घसियारे का काम है क्योकि अक्सर वही इस जंगल मे आता जाता रहता था | short moral story in hindi बुद्धिमान हंस
बूढ़ा हंस यह बात अच्छे से जानता था की वो घसियारा मरे हुए जानवर को नहीं ले जाता |
तो एसे मे बूढ़े हंस के मन मे एक उपाय आया और वह बोला – जिसने हमे इस जाल मे फासा है वही हमे इस जाल से निकालेगा|
बूढ़े हंस की यह बात सुन बाकी के हंस बोले की – यह आप क्या बोल रहे हो – भला वो हमे क्यो इस जाल से निकालेगा |
तब बूढ़ा हंस बोला – अब जैसा मैं कहता हूँ वैसा ही करो | कोई फालतू का अपना दिमाग नहीं चलाएगा वरना सब चौपट हो जाएगा |
मेरी बात ध्यान से सुनो ! सुबह जब वो घसियारा आएगा तब सब ने झूठ मूट का मरने का नाटक करना है |
मतलब जैसे ही वो घसियारा वृक्ष पर चढ़ कर हमे देखने आए तो खुद को ऐसा दिखाना की वो हमे मारा हुआ समझे |
जब वो हमे मारा हुआ समझेगा तो उसी समय वो एक एक करके हंस को जाल से निकालने लगेगा | short moral story in hindi बुद्धिमान हंस
फिर जैसे ही वो घसियारा सारे हंस को जाल से निकाल कर अलग कर देगा तब हम सब तुरंत वहाँ से उड़ जाएंगे|
लेकिन एक बात का खास ध्यान रहे !कोई भी हंस तब तक ये मरने का नाटक जारी रखेगा जब तब की वो घसियारा आखरी हंस को जाल से निकाल कर अलग न कर दे |
यदि किसी ने जरा सी भी गड़बड़ की तो हम सब मरे जाएंगे और यदि कोई सिर्फ अपनी जान बचाने के चक्कर मे पहले ही उड़ा , तो घसियारा समझ जाएगा की बाकी के हंस भी जिंदा है तो वो बाकी के हंस को मार कर खा जाएगा |
इधर जैसे ही सुबह होती है वो घसियारा आजाता है |
अब सभी हंस वैसा ही करते है जैसा बूढ़े हंस न कहा था | घसियारा जैसे ही वृक्ष से जाल को नीचे उतारता है तो वो यह देख कर चौक जाता है की सभी हंस मरे हुए है|
घसियारा बहुत निराश हो जाता है और फिए एक एक करके सभी हंसो को जाल से निकाल कर अलग करना शुरू कर देता है |
जैसे ही सभी हंस जाल से अलग हो जाते है तभी तुरंत सभी हंस अपने पंख फड़फड़ाते हुए वहाँ से उड़ जाते है |
यह देख घसियारा अपना माथा पीटते हुए वहाँ से चला जाता है |
तो दोस्तो इस कहानी से हमे क्या शिक्षा मिलती है ? चलिये जानते है |
moral -शिक्षा – short moral story in hindi बुद्धिमान हंस
इस कहानी से हमे सबसे पहली शिक्षा यह मिलती है की परिवार मे हमेशा अपने बड़े बुजुर्गों का कहना मानना चाहिए क्योकि उन्हे ज़िंदगी मे अच्छे बुरे का तजुर्बा हमसे कहीं अधिक होता है |
बाकी आपने इस कहानी मे देख ही लिया की हंसो ने जब उस बूढ़े बुजुर्ग का कहना नहीं माना तो नतीजा क्या हुआ ?
तो इसलिए हमेशा अपने परिवार मे बड़े बुजुर्गों का कहना मानो उनका और उनकी बाटो का सदैव सम्मान करो क्यो की वह अक्सर आपके हित और भले के लिए ही बोलते है |
इस कहानी से दूसरी शिक्षा यह मिलती है की यदि जिंदगी मे आपको पता लग जाए की यह चीज भविस्य मे हमारे लिए खतरा बनने वाली है
तो उस चीज को नस्ट कर देना ही समझदारी होती है उसे कल के लिए मत छोड़ो उसी समय नस्ट कर दो | ताकि भविस्य मे आपको परेशानी न हो |
दोस्तों हमारी हमेशा से यही कोशिश रहती है की हम इस blog पर आपके लिए ज्ञान और शिक्षा से भरी ऐसी ही तमाम कहानियाँ लाते रहे जिससे आपका ज्ञान बढ़ सके , बौद्धिक विकास हो सके ,जीवन मे सही फैसले ले सके , आप जीवन मे आगे बढ़ सके , मन मे सकरत्म्क विचारो का जन्म हो और आपके सुंदर चरित्र का निर्माण हो ताकि आप आगे चल केआर सुंदर परिवार और समाज का निर्माण कर सके |
हम चाहते है की यह कहानियाँ जादा से जादा लोगो तक पहुंचे ताकी वह भी इसका पूरा लाभ उठा सके इसलिए आप इन कहानियों को social media की मदद से अपने सभी दोस्तों मे अवश्य शेयर करे | आपका ये छोटा सा प्रयास कई लोगो की जिंदगी भी बदल सकता है |
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