Mahendra singh dhoni biography in hindi. – (महेन्द्र सिँह धोनी बायोग्राफी) नमस्कार दोस्तों मैं हरजीत मौर्या आज फिर से एक और motivational बायोग्राफी के साथ. हमारी आज की बायोग्राफी है महेंद्र सिँह धोनी के ऊपर. Mahendra singh dhoni biography in hindi.
महेंद्र सिँह धोनी की life से आपको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा.
सबसे पहले तो हम आपको धोनी के बारे मे ताज़ा खबर बता देते है.Mahendra singh dhoni biography
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Mahendra singh dhoni ने लिया क्रिकेट से रिटायरमेंट
महेंद्र सिंह धोनी अंतराष्ट्रीय क्रिकेट से रिटायरमेंट लें रहे है..
तमाम जानकारियों से यह पक्की खबर सामने आई है की महेंद्र सिंह धोनी ने खुद ऐलान किया है अब वह इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लें रहे है.
इस समय महेंद्र सिँह धोनी 40 साल के हो चुके है.
करीब सालभर से क्रिकेट से दूर रहे भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज एमएस धोनी (MS Dhoni Retirement ) ने शनिवार की शाम अचानक ही क्रिकेट से संन्सास का फैसला लेकर सभी को चौका दिया.
धोनी (dhoni) के संन्यास की घोषणा के बाद झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि अब झारखंड के लाल को नीली जर्सी पहने नहीं देख पाएंगे,
धोनी (dhoni) ने इंस्टाग्राम पर एक वीडिया शेयर करके कहा कि उन्हें 7 बजकर 29 मिनट से रिटायर मान लिया जाए.
जी हा दोस्तों एक ऐसा महान क्रिकेटर जिसने क्रिकेट के इतिहास मे ना सिर्फ भारत का पूरी दुनिया मे नाम रोशन किया बल्कि क्रिकेट की दुनिया मे भारत को सफलता के एक ऐसे मुकाम पर ला खड़ा किया जिस मुकाम तक जाने के लिए पूरी दुनिया की क्रिकेट टीम सपने देखती है.
Mahendra singh dhoni biography
फिर चाहे वो t20 वल्ड कप हो या IPL या फिर वनडे वल्ड कप.
महेन्द्र सिंह धोनी ने क्रिकेट इतिहास मे भारत को कई बार जीत दिलाई है.
धोनी की तमाम सफलताओं को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा की वो वाकई एक महान क्रिकेटर रहे है.
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उन्होंने क्रिकेट इतिहास मे ना सिर्फ रिकॉर्ड बनाए है बल्कि कई रिकॉर्डिंग तोड़े भी है.
Mahendra singh dhoni biography
जिस वजह से उनकी बल्ले बाजी का लोहा पूरी दुनिया ने माना.
महेंद्र सिंह धोनी ना सिर्फ एक अच्छे बल्लेबाज रहे है बल्कि एक बहुत अच्छे कप्तान के रूप मे भी निकल कर सामने आए है..
भारतीय क्रिकेट इतिहास मे धोनी सबसे अच्छे भारतीय क्रिकेट कप्तान के रूप मे माने जाते है.
जिन्होंने अपनी अद्भुत कप्तानी की प्रतिभा और सूझ बूझ से भारत को अनेको बार सफलता दिलवाई..
Mahendra singh dhoni biography
महेंद्र सिंह धोनी का जन्म 7 जुलाई 1981 मे झारखंड के रांची शहर में, हुआ था
पिता का नाम पान सिंह और माँ का नाम देवकी देवी था.
शुरू मे स्कूल के दिनों मे फुटबॉल उनका सबसे पसंदीदा खेल था.
इस खेल मे गोल कीपर हुआ करते थे. उन्हें गोलकीपर बनना बहुत पसंद था.
इस फुटबॉल खेल को लेकर ज़ब धोनी अपनी फुटबॉल टीम के साथ जिला स्तर फुटबॉल टूर्नामेंट मे खेलने गए.. तो वहाँ पर धोनी की एक गोलकीपर के तौर पर फुटबॉल की पकड़ने की अद्भुत कला को देखते हुए, वहाँ मौजूद फुटबॉल टीम के कोच ने उन्हें क्रिकेट मे हाथ आजमाने को कहा.
Mahendra singh dhoni biography
हालांकि उन्होंने कभी क्रिकेट खेला तो नहीं था, पर ज़ब उनका क्रिकेट मे विकेट कीपर के तौर पर टेस्ट लिया गाया तो नतीजे वाकई चौका देने वाले थे.
50 की स्पीड से विकेट के आगे से आती हुई बॉल को वो एक पल मे लपक लेते थे. बहुत ही शानदार पकड़ थीं उनकी.
बस फिर क्या था, धोनी की प्रतिभा से खुश हो कर धोनी को कमांडो क्रिकेट क्लब मे बतौर विकेट कीपर रख लिया गया.
धोनी की अच्छी परफॉरमेंस को देखते हुए सन 1997-98 मे उन्हें वेन्यू मार्केड ट्रॉफी अंडर सिक्सटीन चैम्पियनशिप के लिए चुना गया.
रेलवे मे मिली जोब-
इसके बाद टेंथ क्लास तक स्कूली पढ़ाई के बाद धोनी ने पिता जी के कहने पर रेलवे जोब जे लिए एंट्रेंस एग्जाम दिया..
खूब मेहनत की एग्जाम क्लियर भी कर लिया. जिसके बाद इनकी जोब साऊथ रेलवे की खरगपुर रेलवे स्टेशन पर 2001 से 2003 तक एक टीटी के तौर पर काम किया.
रेलवे जोब मे ज़ब भी वह फ्री होते तो वह अपनी क्रिकेट की प्रेक्टिस जारी रखते.
रेलवे जोब छोड़ कर क्रिकेट को बनाया अपना करियर
धीरे धीरे उनका क्रिकेट के प्रति बढ़ते जुनून की वजह से उनका रेलवे के काम से मन हटने लगा था.
महेंद्र सिंह धोनी का शुरू से सपना रहा की वो इंडियन क्रिकेट टीम मे शामिल होना चाहते थे.
मास्टर ब्लास्टर सचिन की बल्लेबाजी से धोनी बहुत प्रभावित हुए और उनको अपना रोल मॉडल माना.
क्रिकेट के प्रति बढ़ते जूनून को देखते हुए धोनी ने इसे अपना पैशन बना लिया,
जिसके चलते आगे चलकर धोनी ने ना सिर्फ क्रिकेट को एक करियर के रूप मे चुना ….
बल्कि उनका सपना भी था की वो भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बने.
Mahendra singh dhoni biography
तब एक दिन उन्होंने ने बहुत सोच विचार करने के बाद रेलवे जोब को छोड़ कर अपने सपनों को पूरा करने के पीछे भागना शुरू कर दिया.
यानी क्रिकेट को ही अपने आगे के करियर के रूप मे चुना.
और इसी बींच उन्होंने बड़े बड़े मैच भी खेले जिसमे रणजीतबट्रोफी भी जीती.
और एक दिन वो समय भी आजाता है, ज़ब धोनी अपनी मेहनत और प्रतिभा के चलते इंडियन क्रिकेट टीम मे शामिल भी हो जाते है.
ऐसे हुआ धोनी का हुआ नेशनल इंडियन क्रिकेट टीम A मे सेलेक्शन –
रेलवे जोब छोड़ने के बाद जन धोनी बड़े बड़े क्रिकेट मैच खेलने लगे तो,
इसी दौरान धोनी के खेल का ज़बरदस्त प्रदर्शन देखते हुए, धोनी की बल्लेबाजी से प्रभावित हो कर BCCI के एक मेंबर ने धोनी की जानकारी BCCI तक पहुंचाई.
(BCCI का पूरा नाम बोर्डबॉफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन india है.
इनका काम इंडियन क्रिकेट के सारे मैच, या कोई भी कब, और कहाँ होगा वो सब ये क्रिकेट की बोर्ड ही निश्चित करती है..
इसके इलावा इनकी एक टीम होती है जो छोटे छोटे शहरों कस्बो से बेहतरीन क्रिकेट खिलाड़ी को चुन कर उनका नाम नैशनल क्रिकेट टीम मे शामिल करके लिए अपील की जाती है.)
बस फिर क्या था इसके बाद धोनी का टेस्ट लिया गया, जिसमे इनके प्रदर्शन को देखते हुए bcci ने भारत नेशनल क्रिकेट टीम B मे धोनी को सेलेक्ट करने सुझाव दिया. इस प्रकार धोनी भारत की नेशनल क्रिकेट टीम B मे शामिल हो गए.
टीम B के साथ जब धोनी ने पहली बार पाकिस्तान के खिलाफ ताबर तोड़ बल्लेबाजी की तब उस समय वहां मौजूद नेशनल इंडियन क्रिकेट टीम A के कोच सौरव गाँगुली की नज़र धोनी के इस प्रदर्शन पर पड़ी.
तब उन्होंने धोनी को टीम A मे शामिल किया.
इंडियन क्रिकेट टीम मे शामिल होने के बाद धोनी का सबसे पहला मैच और प्रदर्शन -dhoni biography
महेंद्र सिंह धोनी indian क्रिकेट टीम मे शामिल होने के बाद उन्होंने अपना सबसे पहला टेस्ट मैच 2 दिसंबर 2005 को श्रीलंका के रिरुद्ध खेला.
23 दिसंबर 2004 को धोनी ने अपनी जिंदगी का सबसे पहला वनडे बांग्लादेश के खिलाफ खेला था.
टीम india मे धोनी के कप्तानी का सफर – dhoni biography
किसी को शायद ही पता था कि महेंद्र सिंह धौनी को जब टीम इंडिया की कप्तानी सौंपी जाएगी
तो वो इस टीम को उस बुलंदी तक पहुंचा देंगे जिसकी कल्पना भी शायद ही की जा सकती है।
आखिर कर एक दिन वो समय भी आगया ज़ब,
राहुल द्रविड़ द्वारा कप्तानी छोड़ने के बाद धौनी के हाथ में कप्तानी सौंपी गई.
और उन्होंने साल 2007 में पहली बार आयोजित टी20 वर्ल्ड कप में युवा भारतीय खिलाड़ियों के साथ साउथ अफ्रीका में भारत का परचम लहरा दिया।
धौनी ने अपने इस अंदाज से दिखा दिया कि आगे वो क्या करने वाले हैं।
इसके बाद उनका सफर आगे बढ़ता गया और भारतीय टीम एक से बढ़कर एक नई कामयाबी हासिल करती रही।
फिर वक्त आया साल 2011 का जब भारत में वनडे वर्ल्ड कप का आयोजन किया गया।
ये टीम इंडिया के लिए एक सुनहरा मौका था अपनी धरती पर अपने फैंस के सामने फिर से दूसरी बार वनडे वर्ल्ड कप खिताब जीतने का।
MS.धोनी की अगुवाई मे जीता वर्ल्ड कप
माही की अगुआई में टीम इंडिया ने वर्ल्ड कप में अपना सफर शुरू किया और 28 साल के बाद धौनी ने एक बार फिर से देश के देशवासियों को वो खुशियां दी जिसका इंतजार 1983 के बाद से लगातार किया जा रहा था।
धौनी ने भारत को दूसरा वनडे वर्ल्ड कप खिताब दिलाया।
धौनी की सफलता का करवां यही नहीं रुका वो आगे बढ़ते रहे, टीम इंडिया भी आगे बढ़ती रही
और फिर वक़्त आया, साल 2013 का जिस समे, उन्होंने आइसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब भी टीम को दिलवाया।
उनकी कप्तानी में भारत ने दो बार यानी साल 2010 और 2016 में एशिया कप खिताब भी जीता था।
इसी के के साथ माही दुनिया के एकमात्र ऐसे कप्तान बन गए,
जिन्होंने आइसीसी के सारे खिताब अपनी कप्तानी में जीते।
लेकिन अब धोनी ने क्रिकेट को अलविदा बोल कर सबको चौका दिया है.
तो दोस्तों ये था महेन्द्र सिंह धोनी के क्रिकेट की दुनिया मे सफलता का एक अद्भुत सफऱ..
अब हम इन्हे मैदान मे नीली जर्सी डाले दोबारा खेलते हुए तो नहीं देख सकेंगे लेकिन अब क्रिकेट इतिहास मे धोनी के नाम को हमेशा याद रखा जाएगा…
ज़ब जब भी महान क्रिकेटर्स की बात होगी तब तब धोनी का नाम जरूर आएगा.
तो दोस्तों चलिए जानते है, की धोनी की जिंदगी (mahendra singh dhoni life biography in hindi) से हमें क्या कुछ सीखने को मिलता है.
- यूँ तो धोनी की life से बहुत कुछ सीखने को मिलता है,की जिंदगी मे उतार चढ़ाव बहुत आएंगे, कई मुसीबते आएंगी आपका मनोबल तोड़ने, और आपकी काबिलियत को परखने. और वहीं आपके जिंदगी की सफलता को तय करने वाली सबसे मुश्किल परीक्षा होगी..
- परीक्षा होगी सब्र की..
- परीक्षा होगी आपके आत्मविश्वास की. और आपके काबिलियत की.
लेकिन आपको जिंदगी की इन सभी परीक्षाओ मे खड़ा उतरना है.
- दूसरी एक बहुत बड़ी बात धोनी की जिंदगी से ये निकल कर आती है की काम वहीं करो. जिसमे आपका इंट्रेस्ट हो या जिसे आप अपना पेशन बना चुके हो..
उसी काम को ही अपने करियर के रूप मे चने.
वरना जिंदगी भर मजबूरी की नौकरी करते हुए पछताते हुए खुद को कोसते रहोगे की.. यार कहाँ आकर फस गया…
याद रखना आपका एक डिसीजन आपकी जिंदगी बना भी सकता है.. बिगाड़ भी सकता है.
बहुत से लोग होते है जिनके सामने दो ऑप्शन होती है की नॉलेज की जाकर करियर बनाया जाए या फिर वो करके करियर बनाया जाए जिसे करने हमारा इंट्रेस्ट है यानी जो काम करने मे हम माहिर है.
तो इस मुकाम पर आकर जो लोग बिना उस काम मे कोई इंट्रेस्ट होते हुए बस नॉलेज के बेस पर पढ़ाई के बेस पर अपना करियर बनाने की कोसिस करने लगते है तो वहीं उनकी जिंदगी की सबसे बड़ी गलती होती है.
क्योंकि की ऐसे काम से आप खुद के मन को कभी संतुस्टी नहीं दे पाओगे.
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