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tenali raman stories | तेनाली की बुद्धि का सौदा

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tenali raman stories | तेनाली की बुद्धि का सौदा — दोस्तों स्वागत है आपका ज्ञान से भरी  कहानियों की इस रोचक दुनिया मे। दोस्तों जीवन मे कहानियों का विशेस महत्तव होता है | क्योकि इन कहानियो के माध्यम से हमे बहुत कुछ सीखने को मिलता है | तेनाली रामा (Tenali Raman ) की इन रोचक कहानियों के सफर मे आपको तेनाली की बुद्धिमनियों के किस्सो से रूबरू करवाया जाएगा जिससे न सिर्फ आपका ज्ञान बढ़ेगा बल्कि हर कहानी से कुछ न कुछ ज़रूरी सीख भी मिलेगी जो आपको आपकी ज़िंदगी मे बहुत कम आएंगी |

 

 

 

दोस्तों जैसे अकबर के समय मे , अकबर के दरबार मे  बीरबल जैसा एक बहुत बुद्धिमान इंसान हुआ करता था जिसकी बुद्धिमानी की कहानिया बहुत प्रचलित है । ठीक उसी प्रकार राजा कृष्णदेव राय के समय मे राजा कृष्णदेव राय  के दरबार मे एक बहुत ही बुद्धिमान मंत्री तेनाली राम जी हुआ करते थे । यह भी बीरबल की तरह बहुत बुद्धिमान थे और इनकी बुद्धिमता की कहनीय भी लोगो मे बहुत प्रचलती है | तो इन्ही की बुद्धिमानी के किस्से कहानियाँ हम आप लोगो तक लाए है

 

तो चलिये शुरू करते है तेनाली रामा (Tenali Raman ) की बुद्धिमता और चतुराई के किस्सो का रोचक सफर 

 

तेनाली की बुद्धि का सौदा | tenali raman stories in hindi

 

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एक बार महाराज कृष्ण देव राय के मन मे आया की क्यों न  मैं अपने सभी मंत्रियों के बुद्धि की परीक्षा लूँ | तो यह विचार लिए हुए अगले ही दिन जैसे दरबार लगता है तो वहाँ उपस्थित सभी मंत्रियो से महाराज कृष्ण देव राय  ने भरी सभा  मे ऐलान किया  की इस सभा मे उपस्थित कोई भी मंत्री अगर मुझे 7 दिन मे अपनी बुद्धि से  100 सोने की मोहरे कमा कर लाएगा तो उसे मैं दस  हज़ार सोने की मोहरे इनाम मे दूँगा |

 

tenali raman stories | तेनाली की बुद्धि का सौदा

 

इतना सुन पूरे दरबार मे हल चल मच गई सब यह सोच कर खुश हो गए की इसमे क्या बड़ी बात है 7 दिन मे 100 सोने की मोहरे बड़ी आराम से कमाया जा सकता है | वहीं दूसरी तरफ दरबार मे बैठे सबसे बुद्धिमान मंत्री  तेनाली राम (tenali raman),महाराज कृष्ण देव राय की यह  बात सुन कर खुश तो थे लेकिन आश्चर्य चकित भी , तेनाली सोच रहे थे की महाराज आखिर इतने आसान से कम के लिए 10 हजार मोहरे इनाम मे क्यों दे रहे है जरूर दल मे कुछ तो काला है |

 

इतने मे महाराज कृष्ण देव राय   बोले  की इस काम को करने से पहले मेरी शर्त तो सुन लो , शर्त यह है की  “

यह 100 मोहरे कमाने के लिए  न तो कोई किसी प्रकार की नौकरी करेगा , न ही कोई किसी भी प्रकार वस्तु को  बेच सकता है | इस शर्त का पालन करते हुए आपको 7 दिन मे 100 सोने की मोहरे कमा कर दिखानी है  |

 

महाराज कृष्ण देव राय के यह शब्द  यानि शर्त सुनते ही पूरे दरबार मे सन्नाटा फ़ेल गया | सारी आवाज़े और खुशी मानो एक ही पल मे पूरे दरबार से गायब हो गई |

 

महाराज कृष्ण देव राय की इस शर्त को सुन कर तेनाली राम (tenali raman) सहित सभी मंत्री गण गहरी सोच मे पड़ गए  और बोलने लगे की  महाराज भला यह कैसे संभव हो सकता है की बिना किसी की नौकरी किए या बिना कुछ भी बेचे 7 दिन मे 100 सोने की मोहरे कमा ली जाए |

 

खूब तर्क वितर्क हुआ और आखिर मे जब सभा समाप्त होने को थी तब महाराज कृष्ण देव राय  बोले की आपको सोचने के लिए कल तक का वक़्त दिया जाता है | दरबार खत्म होते ही सभी मंत्री रात भर इसका हल निकालने के लिए सोचते रहे | उधर तेनाली रामा भी इस पर विचार कर रहे थे की उनको एक हल मिल गया |

 

tenali raman stories | तेनाली की बुद्धि का सौदा

 

अगले ही दिन दरबार लाग्ने पर महाराज कृष्ण देव राय सभी से पूछा की कौन करके दिखाएगा इस  काम को ? यह सुन सभा मे सन्नाटा छा गया की इतने मे तेनाली रामा (tenali raman)ने बोला की मैं इस काम को करने के लिए तैयार हूँ | ऐसा बोलता देख पूरे दरबार मे उपस्थित लोगो की नजरे तेनाली के मुंह को ताकने लगी | अब सभी को यह जानने  की तीव्र इच्छा थी की आखिर यह तेनाली  इस काम को करेगा कैसे ?

महाराज कृष्ण देव राय बोले की ठीक है तेनाली अब 7 दिन बाद ही मिलेंगे |

 

सभा खत्म होते ही तेनाली (tenali raman) सबसे पहले अपने घर गया और वहाँ से कुछ सोने की मोहरे ली और बाजार पहुँच गया |  इधर महाराज कृष्ण देव राय ने अपने जासूसो से तेनाली पर नजर रखने को बोल दिया|

 

उधर तेनाली बाजार पहुँच कर एक छोटी सी खाली दुकान किराए पर ले लेता है | वहाँ पर एक बड़ा सा आकरसित बोर्ड लगा देता है जिस पर यह लिखा होता है की यहाँ  बुद्धि बिकती है | अगले ही दिन से तेनाली के काम का पहला  दिन शुरू हो गया |

तेनाली (tenali raman) दुकान पर खड़े हो कर बोलता की आओ आओ बुद्धि ले लो बुद्धि | लेकिन कोई भी उसके पास न आता | तेनाली (tenali raman) के आस पास लगी दुकानों के व्यापारी तेनाली इस हरकत को देख कर हसने लगे और कहने लगे लो देख लो अब बुद्धि भी बिकने लगी | आखिर कौन खरीदे ग इनसे बुद्धि |

भला बुद्धि भी कही बिकती है क्या | आज यह तेनाली पता नहीं कैसी मूर्खता दिखा रहा है |tenali raman stories | तेनाली की बुद्धि का सौदा 

 

इतने मे एक धनी सेठ का मूर्ख लड़का  उसी बाजार से गुजर रहा होता है तभी उसके कानो मे तेनाली की आवाज़ पड़ जाती है   की बुद्धि ले लो  बुद्धि तो वह तेनाली  के पास पहुँच जाता है  | सेठ का लड़का   मानसिक तौर पर कमजोर होता है जिस वजह से उसके पिता जी उसको हमेशा कुछ न कुछ बुरा भला बोलते  रहते है उसे हमेशा मूढ़ बोलते है गधा बोलते है |

 

तो जब वो लड़का तेनाली के पास जाता है तो तेनाली (tenali raman) बोलता है कहो कैसी  समस्या है किस संबंध मे बुद्धि दूँ ? तो लड़का बोलता है कितने मे दोगे बुद्धि ?

 

तब तेनाली (tenali raman) बोलता है मैं बुद्धि उसकी किस्म के हिसाब से देता हु | तो लड़का बोलता है मेरे पास 2 सोने की मोहरे है ये लो इतने मे जो भी बुद्धि है दे दो | तब तेनाली कागज पर बुद्धि लिख कर उस धनी सेठ के लड़के को दे देता है |

 

 

सेठ का लड़का जब उस पर्ची को खोलता है तो उसमे लिखा होता है की जब दो बड़े लोग आपस मे झगड़ रहे होते है तो वहाँ  से तुरंत चले  जाना चाहिए |

लड़का यह पर्ची ले कर अपने पिता के पास जाता है और बोलता है देखो पिता जी मैं 2 मोहरो मे बुद्धि खरीद कर लाया हूँ | बेटे की यह बात सुन खूब गुस्सा करते है और वो पर्ची खोल कर देखते है | फिर बोलते है की मूर्ख इंसान ये क्या किया  2 सोने की मोहरे इस घटिया सी पर्ची मे लूटा आया नालायक |

 

tenali raman stories | तेनाली की बुद्धि का सौदा

 

गुस्से से तिलमिलाते हुए सेठ उस पर्ची और बेटे को लेकर तेनाली राम के पास पाहुच जाते है | सेठ तेनाली को खूब बुरा भला सुनते हुए बोलता है की “यह क्या लोगो को लूटने का धंधा खोल रखा है  ये लो अपनी पर्ची मुझे मेरे पैसे वापिस करो |

 

तब तेनाली (tenali raman) सेठ को बोलता है ठीक है लेकिन इसके लिए  तुम्हें इस कागज पर अपने दस्तखत करने होंगे जिस पर यह लिखा हुआ है की तुम्हारे बेटे को जो बुद्धि मैंने दी है वह उसका उपयोग कभी करेगा | सेठ तुरंत अपने दस्तखत करता है और अपने पैसे ले कर चला जाता है | सेठ अपने बेटे को बोलता है की तुम इस बुद्धि का उपयोग मत करना इसे मन से निकाल दो |

 

दो दिन बाद दो सेठानी औरतों मे झगड़ा हो रहा था काफी लोगो की भीड़ जमा हो गई धनी  सेठ का लड़का भी वही था | झगड़ा देख लड़के को पहले  तेनाली रामा की बात याद आई  लेकिन तभी  वो सोचने लगता है की पिता जी ने तेनाली की बुद्धि का उपयोग करने से मना किया था | इसलिए वो झगड़ा देखता रहता है |झगड़ा काफी देर तक चलता रहा इतने मे सैनिको को वहाँ आता देख  झगड़ा देखने वाले सभी लोग वहाँ से चले जाते है , लेकिन  लड़का वहीं खड़ा रहता है |

 

सैनिक झगड़ा करने वाली दोनों औरतों को गिरफ्तार कर उनको राजा के दरबार मे ले जाते  है | तब दोनों औरते अपने झगड़े की सारी वजह राजा को बताती है |   तब झगड़े की   गवाही देने के लिए अगले दिन उस  लड़के को दरबार मे प्रस्तुत होने का हुकुम सेठ को भेजा जाता है | सेठ घबरा जाता है और तुरंत तेनाली रामा के पास जाता है और सारी कहानी बता देता है |

 

तब तेनाली (tenali raman)  सेठ को बोलता है ठीक है इसके लिए मैं तुम्हें एक बुद्धि देता हूँ लेकिन इसके लिए 100 सोने की मोहरे लूँगा | सेठ यह सोच कर की उसका एक ही बेटा है अगर उसे कुछ हो गया तो मेरे बुढ़ापे का सहारा कौन बनेगा ? तब सेठ तुरंत तेनाली को सोने की 100 मोहरे देने को तैयार हो जाता है |

 

tenali raman stories | तेनाली की बुद्धि का सौदा

 

तेनाली (tenali raman) सेठ को बोलता है की जब यह कल दरबार मे जाए तो वहाँ पर पागलो जैसा व्यवहार करे ताकि इसे सब पागल समझे | अगले दिन सेठ का बेटा दरबार मे वैसा ही करता है जैसा उसको तेनाली ने बोला था | लड़के की पागलो जैसी हरक्तो को देख उसे दरबार से निकाल दिया जाता है |

 

यह देख लड़के का पिता बहुत खुश होता है और तुरंत तेनाली (tenali raman)  को जाकर धन्यवाद बोलता है और उसने गुस्से मे पहले जो भी तेनाली (tenali raman) को बोला था उसके लिए क्षमा भी मांगता है |  उधर राजा के गुप्तचर  तेनाली रामा पर पहले से  नजर रखे हुए थे | तब उसी समय राजा गुप्तचर राजा को तेनाली (tenali raman) की सूचना सुनते है |

 

महाराज कृष्ण देव राय अपने गुप्तचरों की यह सूचना सुन बहुत खुश होते है |तो दोस्तो इस तरह तेनाली (tenali raman)  7 दिन की बजाय 5 दिन मे ही 100 सोने की मोहरे कमा लेता है |सोने की यह मोहरे लेकर  अगले दिन तेनाली  (tenali raman)दरबार पहुंचता है जहां पहले से ही  महाराज कृष्ण देव राय उनका इंतज़ार कर रहे थे | महाराज कृष्ण देव राय तेनाली (tenali raman) को बधाई देते है और तेनाली बुद्धिमता की तारीफ करते हुए  दस हज़ार सोने की मोहरे इनमा स्वरूप भेट करते है |

 

tenali raman stories | तेनाली की बुद्धि का सौदा

 

फिर पूरे दरबार मे उपस्थित  सभी लोगो को यह बताया जाता है की तेनाली ने यह काम कैसे कर दिखाया तब तेनाली की इस बुद्धिमता का  सभी लोग तारीफ करते है |

 

 

हम अपने इस ब्लॉग पर आप लोगो के लिए एसी ही तमाम ज्ञान से भरे किस्से कहनियों का रोचक सफर लाते रहते है जिनहे पढ़ कर न सिर मनोरंजन होता है बल्कि बहुत सी जरूरी बाते भी सीखने को मिलती है | तो इन कहानियों को जरूर शेयर कर दिया करो ताकि बाकी लोग भी कहानियो को पढ़ कर आनंद और ज्ञान हासिल कर सके |

 

 

हम अपने इस ब्लॉग पर आप लोगो के लिए एसी ही तमाम ज्ञान से भरे किस्से कहनियों का रोचक सफर लाते रहते है जिनहे पढ़ कर न सिर मनोरंजन होता है बल्कि बहुत सी जरूरी बाते भी सीखने को मिलती है | तो इन कहानियों को जरूर शेयर कर दिया करो ताकि बाकी लोग भी कहानियो को पढ़ कर आनंद और ज्ञान हासिल कर सके |

 

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