दोस्तों इतिहास के सबसे महान राजनीतिज्ञ व कुटिल नीती मे पारंगत श्री चाणक्य जी ने समाज कल्याण के लिए चाणक्य नीती जैसी पुस्तक लिखी.

इस पुस्तक मे उन्होंने ऐसी बाते बताई है जिसे समझ कर कोई भी मनुष्य जीवन मे आने वाली कई परेशानियों से बच सकता है. और यदि किसी परेशानी मे है तो उससे बाहर भी निकल सकता है.

आज का विषय है झूठ बोलने वाली, चुगली करने वाली स्त्री व पत्नी.

चाणक्य जी कहते है, घर को सुखी सम्पन्न बनाना हो दोनों घर की स्त्रियों पर निर्भर करता है.

आचार्य चाणक्य के अनुसार जो स्त्री बार बार झूठ बोलती है वह साफ मन की नहीं होती , ऐसी स्त्रियों के मन मे कुटिलता भरी रहती है

चाणक्य के अनुसार जिस घर की बहु व पत्नी घर का भेद बाहरी लोगो से साँझा करती हो या

एक दूसरे की चुगली कर परिवार मे एक दूजे के प्रति मन मे कटुता व गलत फहमी पैदा करने का काम करती हो…

तो ऐसी स्त्रियों की वजह से एक दिन पूरे परिवार मे कलेस की स्थिति पैदा हो जाती है..

नतीजा घर मे हर कोई दुखी रहने लगता है…रिश्तो मे दरार पड़ने लगते हो और स्थिति अलग अलग होने की आजाती है.

जबकि ऐसा करके वह खुद के पैरो मे ही कुल्हाड़ी मार रही होती है

क्योंकि परिवार की एकता ही परिवार की सूख समृद्धि की सबसे बड़ी बुनियाद होती है.

ऐसा करने वाली स्त्री सिर्फ अपने किसी व्यक्तिगत लाभ या खुद की मन की ख़ुशी के लिए करती है.

ऐसी स्त्रियां अपने परिवार मे ज़ब खुद परेशानी भरा जीवन जी रही होती है तो ऐसी स्त्रियों को ये बिलकुल भी गवारा नहीं होता की कोई उनसे ज़ादा सुखी समृद्ध व सम्पन्न भरा जीवन जी रहा हो..

जिसके चलते वह अपनी कुटिल नीती से बड़ी चालाकी के साथ चुगली कर लोगो के मन मे गलत फेहमीयों का बीज बोना शुरू कर देती है.

ज़ब की ये स्त्रियां भूल जाती है की किसी का बुरा सोचने व करने से एक दिन खुद के साथ भी बुरा होता है कर्म किसी को नहीं बक्शता..

इसलिए गर ऐसी स्त्रियों के बारे पता लग जाए ती उन्हें पहले प्रेम से समझाओ उन्हें एहसास दिलाओ की ऐसा करके किसी का भला नहीं होगा….

इसलिए चाणक्य जी कहते है दूसरों का बुरा चाहने वाला खुद कभी सुखी नहीं रह सकता…

इसके विपरीत ज़ब व्यक्ति बिना किसी निजी स्वार्थ के किसी का भला करता तब उसका सकारात्मक प्रभाव उस व्यक्ति के जीवन मे भी पड़ता है.

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