धन-वैभव के लिए लोग तरह के उपाय करते हैं. ताकि लक्ष्मी की कृपा हो जाए.

मनुष्य जीवन पद, परिवार, विद्या और धर्म के इर्द गिर्द घूमता है. इन्हें सुरक्षित रखने के लिए व्यक्ति जी तोड़ मेहनत करता है लेकिन

कई बार अथाह प्रयासों के बाद छोटी सी गलती हमारे परिवार और भविष्य को अंधकार में डाल देती है

आचार्या चाणक्य के अनुसार जिस घर मे बड़ो का स्त्री का अपमान होता हो व्हा माँ लक्ष्मी का वास नहीं रहता 

आचार्य चाणक्य का मानना था कि जिस घर में क्लेश होता है, माता लक्ष्मी वहां कभी निवास नहीं करतीं।

ऐसे घरों में धन की समस्याएं बनी ही रहती हैं। अगर आप चाहते हैं कि मां लक्ष्मी आपके घर में स्थाई रूप से रहें तो घर में क्लेश न करें और न ही होने दें

शास्त्रों में सुबह-शाम पूजा-पाठ करने की बात कही गई है। आचार्य चाणक्य भी इस पर विश्वास करते थे। उनका मानना था कि पूजा करने से घर में सकारात्मकता बनी रहती है।

अगर माता लक्ष्मी को बुलाना है तो घर की नकारात्मकता को दूर करना जरूरी है। इसलिए सुबह और शाम को कम से कम घर में भगवान के समक्ष दीपक तो जरूर जलाएं।

आचार्य चाणक्य के अनुसार जो लोग गंदे रहते हैं, गंदे वस्त्र पहनते हैं, घर में गंदगी रखते हैं, ऐसे घरों में मां लक्ष्मी का आगमन भला कैसे हो सकता है।

चाणक्य नीति  के नीतिशास्त्र में धन के महत्व पर कई चर्चाएं की गई है,  चाणक्य नीति  के नीतिशास्त्र में बताया गया है कि जो लोग धन के महत्व को नहीं जानते हैं

वे हर दम कष्ट उठाते हैं. ऐसे लोग हमेशा परेशानियों का समाना करते रहते है. उन्हें छोटी-छोटी सुविधाओं को पाने के लिए भी कठोर परिश्रम करना पड़ता है.

चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति को आय से अधिक धन नहीं खर्च करना चाहिए. जो लोग ऐसा करते हैं, उनसे लक्ष्मी जी नाराज हो जाती हैं और उन पर से अपनी कृपा दृष्टि हटा लेती है.