अक्सर हम लोगों को अपनी दुख परेशानिया बताना शुरू कर देते हैं. जबकि हमारे आसपास रहने वाले ज्यादातर लोगों को इससे कोई मतलब नहीं कि हमारे जीवन में क्या गुजर रहा है
ऐसा इंसान जो आधा अधूरा ज्ञान होने के बाद भी, उस विषय में बात करता है वह अक्सर ही मजाक का पात्र बनता है और कोई भी ऐसे इंसान को कभी गंभीरता से नहीं लेता.