आचार्य चाणक्य कहते हैं कि बुरा वक्त आने पर इंसान को सबसे पहले अपने डर पर काबू करना चाहिए, क्योंकि डर हमें कमजोर बनाता है

डर से आत्मविश्वास कमजोर होता है जिससे मनोबल टूट जाता है… आहिस्ता-आहिस्ता ये हमारी जिंदगी पर हावी होने लगता है.

चाणक्य कहते हैं कि एक आत्मविश्वासी व्यक्ति ही बुरे हालातों को अच्छे से हैंडल कर सकता है,

इसलिए हालातों से लड़ने के लिए पहले डर से लड़ना होगा

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि डर आपके पास आता है तो वो एक योद्धा की तरह आप पर हमला करता है और फिर वो आपको मार देता है.

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि बीते वक्त को लेकर पछतावा ना करें और ना ही भविष्य की चिंता करें. हमेशा वर्तमान में जिएं.

भविष्य मे क्या होगा सोचने की बजाय भविष्य मे क्या करना है और क्या किया जा सकता है इस पर विचार किया जाए.

चाणक्य कहते हैं कि असफलता का दौर सबसे बुरा होता है, जिसे सोचकर आप परेशान रहते हैं.

इंसान को बीते समय को नहीं सोचना चाहिए और सदैव असफलताओं से निकलने की कोशिश करनी चाहिए

वहीं भविष्य में क्या होना है इस बारे में भी सोचकर अपना समय बर्बाद नहीं करना चाहिए, बल्कि सिर्फ वर्तमान में जीना चाहिए. इससे भविष्य अपने आप बेहतर होता जाएगा.