चाणक्य जी की नीतियों से बहुत ज्ञान प्राप्त होता है | चलिए आज चाणक्य जी द्वारा बताई गई कुछ अनमोल बातों पर नजर डालते है |

सबसे बड़ा धन क्या है? चाणक्य जी कहते है? दूसरों के प्रति दया का भाव रखना सबसे बड़े धर्मों मे से एक है.

यदि मनुष्य होकर भी आपके अंदर दया नहीं तो आप हिंसक पशु के समान है.

क्योंकि भगवान ने सिर्फ मनुष्य को ही इतना प्रबल और भावनायुक्त बनाया है जिससे वो दूसरों की भावनाओं को समझ सके उनकी मदद कर सके.

संसार मे कौन सबसे सुखी है :- चाणक्य जी कहते है जिसके पास संतोष धन है वो दुनियां का सबसे सुखी इंसान है. क्योंकि मनुष्य की लालसा व इच्छा कभी खत्म नहीं होती एक इच्छा पूर्ति पर अगली इच्छा की पूर्ति मे जुट जाता है.

एसे मे इंसान कितना भी धन अर्जित कर ले उसका मन अशांत ही रहता है.फिर यही चीजें मनुस्य के जीवन के तमाम दुखो का कारण बनती है.

लेकिन जिसके पास संतोष है वो थोड़ी सी चीज मे खुश रहेगा. उसका जीवन सुखमय रहेगा उसका मन शांत रहेगा.

इस संसार मे इंसान कितना कुछ भी पा ले उसका मन कभी शांत नहीं रहता.क्योंकि इंसान की कामना ही उसका सबसे बड़ा शत्रु है ऐसे लोग दूसरों की कामयाबी को देख कर हमेशा इर्षा से भरे रहेंगे.

कामना से रहित मनुष्य , के मन मे लोभ लालच इर्षा क्रोध जैसे निर्विकार का जन्म होता है. इच्छाए रखे लेकिन इतनी नही की वो आपके मन को अशांत कर दे |

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