आँखो मे सपने है और  "चाहत उड़ान की"... "टूटे है पँख"  पर किसी से कह नहीं सकते, कौन वाकिफ नहीं हमारे हालातों से, जीना मुश्किल है  "पर मर नहीं सकते"....

निखरती है मुसीबतो  से सख्शियत यारों, जो चट्टान से ना उलझें वो झरना किस काम का.

साथ तो जिंदगी भी छोड़ देती है फिर शिकायते सिर्फ लोगो से ही क्यूँ.

लक्ष्य तक पहुंचना है तो सही रास्ते का चुनाव करो.. क्योंकि पहुंचने से अधिक जरुरी है ठीक से यात्रा करना.

चिंता करने से समस्याओ का हल नहीं निकलता, समाधान खोजना है.. तो शांत मन से विचार करो

तलाश ! हकीकत की करनी पड़ती है जनाब, अफवाहे तो खुद चल कर आप तक पहुँच जाएंगी.

सुनी सुनाई बातों पर,  और आँखो देखी पर, इतनी जल्दी भरोसा ना करें , की भविष्य मे…"पछताना पड़े"

ये मेरा है - वो मेरा है! कह कर एक दिन सब यही छोड़ जाते है, जिंदगी का भरोसा तक नहीं और… इंच भर की जमीन के लिए लड़ कर मर जाते है.

संभाल कर रखी हुई चीज और ध्यान से सुनी हुई बात, कभी ना कभी काम आ ही जाती है..