नकाब मे छिपे चेहरे भी नज़र आने लगते है जब वक़्त हालात और मतलब बदलने लगते है

जिस तरह बह चुका  नदियों का  पानी कभी वापिस नहीं आता उसी तरह रात और दिन भी वक़्त की ऐसी धारा है जो मनुष्य की आयु को धीरे धीरे बहा कर लें जाती है.

किसी ने एक बुजुर्ग से पूछा इंसान मे कितनी कमियाँ होती है.. बुजुर्ग ने कहा बेशुमार… पर उसकी एक अच्छाई, उसकी सारी कमियों को ढाप लेती है. और वो है जुबान की खूबसूरती और शब्दों की मिठास.

नसीहत वो सच्चाई है जिसे हम कभी गौर से नहीं सुनते और तारीफ वो धोखा है जिसे हम बहुत ध्यान से सुनते है.

हम ग़र कुछ गलत भी कर दे तो वो खुद को कभी गलत नहीं लगता और ज़ब दूसरा करें तो बहुत गलत लगता है और उसके बारे अपने मन मे गलत इमेज बना बैठते है. बात कड़वी है लेकिन सच्ची है.

अगर आपसे कोई जलता है तो उसकी जलन की क़द्र करो क्योंकि यही वो इंसान है जो आपको खुद से बेहतर समझता है.

याद रखना की जीवन मे ज़ब तक आप डरते रहोगे तब तक आपकी जिंदगी का फैसला कोई और करता रहेगा

किसी को ये डर है की भगवान देख रहा है… और किसी की ये भरोसा है की भगवान सब देख रहा है.

गर प्यार दिल से ना हो, तो रिश्तो से मन एक दिन भर ही जाता है. यही फ़ितरत है हम इंसानों की मुहब्बत ना मिले तो सब्र नहीं करते, मिल जाए तो कद्र नहीं करते

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