नकाब मे छिपे चेहरे भी नज़र आने लगते हैजब वक़्त हालात और मतलब बदलने लगते है
जिस तरह बह चुका नदियों का पानी कभी वापिस नहीं आताउसी तरह रात और दिन भी वक़्त की ऐसी धारा हैजो मनुष्य की आयु को धीरे धीरे बहा कर लें जाती है.
किसी ने एक बुजुर्ग से पूछा इंसान मे कितनी कमियाँ होती है..बुजुर्ग ने कहा बेशुमार… पर उसकी एक अच्छाई,उसकी सारी कमियों को ढाप लेती है.और वो है जुबान की खूबसूरती और शब्दों की मिठास.
नसीहत वो सच्चाई है जिसे हम कभी गौर से नहीं सुनते औरतारीफ वो धोखा है जिसे हम बहुत ध्यान से सुनते है.
हम ग़र कुछ गलत भी कर दे तो वो खुद को कभी गलत नहीं लगताऔर ज़ब दूसरा करें तो बहुत गलत लगता हैऔर उसके बारे अपने मन मे गलत इमेज बना बैठते है.बात कड़वी है लेकिन सच्ची है.
अगर आपसे कोई जलता है तो उसकी जलन की क़द्र करो क्योंकियही वो इंसान है जो आपको खुद से बेहतर समझता है.