आचार्य चाणक्य भारत के एक श्रेष्ठ ज्ञानी , शिक्षक होने के साथ साथ रणनीति और अर्थशास्त्री मे पारंगत थे।

उन्होंने अपने नीतिशास्‍त्र में बहुत  सी ऐसी बातों का वर्णन किया  है जो आज भी प्रसिद्ध हैं।

आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार थोड़े कठोर है  मगर कठोरता ही जीवन की सच्चाई है।

भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग इन विचारों को नजरअंदाज ही क्यों न कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे।

उनके द्वारा बनाई गई  नीतियों के जरिए कोई भी इंसान अपने जीवन के बेहतर बना सकता है।

1. तुलसी के  पौधे का  सूखना हिंदू सांस्कृति में तुलसी के पौधे का सूखना शुभ नहीं माना गया  है। इसलिए चाणक्य जी कहते हैं

कि यदि काफी देखरेख के बाद भी तुलसी का पौधा सूख जाता है तो ये भविष्य में आने वाले  आर्थिक संकट का संकेत हो सकता है।

हालांकि, कई बार पानी नहीं देना और ठंड की वजह से भी तुलसी का पौधा  सूखने लगता है।

2. बिना बात के घर मे कलेश यदि आपके घर में अचानक ही बिना बात के कलह, लड़ाई-झगड़े या क्लेश होते रहते हैं तो

ये आने वाले आर्थिक संकट का संकेत हो सकता है। हालांकि, कई बार ग्रह दोष या वास्तु दोष जैसी समस्याएं भी जिम्मेदार हो सकती हैं। इसलिए सावधान रहे और इन संकेतो पर ध्यान दे |

3. काँच का बार बार  टूटना यदि आपके घर में बार-बार कांच टूट रहा है तो ये धन हानि को दर्शाता है।

इसके अलावा ये घर में आने वाली दरिद्रता का भी संकेत हो सकता है।

4. घर में पूजा पाठ न होना चाणक्य जी कहते हैं कि जिस घर मे पूजा पाठ नहीं होता है वहां पर सुख-समृद्धि का वास नहीं होता है और आए दिन मतभेद होता रहता है।

चाणक्य जी  के अनुसार, ये भी आने वाले आर्थिक संकट का एक संकेत है।

5. बड़े-बुजुर्गों का तिरस्कार करना हम सभी को बड़े-बुजुर्गों का हमेशा सम्मान करना चाहिए। यदि आप ऐसा नहीं करेंगे तो उनके दिल को चोट पहुंचेगी

बुजुर्गो के दुखी मन से निकलने वाली नकारात्मक ऊर्जा घर मे बड़े कलह को आमंत्रण देती है | इसलिए बुजुर्गो को दुख मत पहुंचाए |