प्राचीन काल में विक्रमादित्य नाम के एक आदर्श राजा हुआ करते थे | राजा विक्रमादित्य अपने साहस , शौर्य और पराक्रम के लिए पूरे देश भर मे प्रसिद्ध थे |
राजा विक्रमादित्य अपनी प्रजा से इतना लगाव रखते थे कि वो उनके साथ किसी भी प्रकार का अन्याय नहीं होने देते थे |
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हमेशा अपनी प्रजा की सुख सुविधा के बारे मे सोचते रहते थे | ऐसा भी कहा जाता है कि राजा विक्रम अपनी प्राजा के जीवन के दुख दर्द जानने के लिए रात के समय में भेष बदल कर नगर में घूमते थे।
कहानी शुरू करने से पहले बेताल (betal) राजा को बोलता है की मैं कहानी के खत्म होते ही तुमसे (राजा विक्रम) कहानी से जुड़ा कोई प्रश्न पूछूंगा यदि तुमने मेरे प्रश्न का सही उत्तर ना दिया तो
वह राजा विक्रम को मार देगा। और अगर राजा विक्रम (Vikram) ने जवाब देने के लिए मुंह खोला तो वह रूठ कर फिर से पेड़ पर जा कर उल्टा लटक जाएगा।
कौन था ये बेताल और राजा विक्रमादित्य उसे क्यों पकड़ने गए थे?
बहुत पुराने समय मे एक तांत्रिक जो बत्तीस लक्षण वाले स्वस्थ ब्राह्मण पुत्र की बली देने का तांत्रिक अनुष्ठान करता है।
ताकि उसकी आसुरी शक्तियाँ और बढ़ जाए। इसी लिए वह बत्तीस लक्षण वाले स्वस्थ ब्राह्मण पुत्र को मारने के लिए उसके पीछे पड़ता है।
जब उस ब्राह्मण पुत्र को पता चल जाता है कि वह तांत्रिक उसको मारने के लिए आया है तब तुरंत वह ब्राह्मण पुत्र भाग कर जंगल में चला जाता है और
वहाँ उसे एक प्रेत मिलता है, जो ब्राह्मण पुत्र को उस तांत्रिक से बचने के लिए उसकी सहायता करते हुए उसे शक्तियाँ देता है और
वहीं प्रेत रूप में पेड़ पर उल्टा लटक जाने को कहता है साथ मे शैतान यह भी कहता है कि जब तक तुम उस पेड़ पर रहोगे तब तक वह तांत्रिक तुम्हें मार नहीं पाएगा।
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