भारत का शायद ही कोई हिस्सा ऐसा होगा जहाँ chai ना पी जाती हो, हर शहर गांव,गली, लुकक्ड मोहल्ले, चौराहे, पर एक चाय की टपरी जरूर मिलेगी.

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हालांकि वो बात अलग है की लोग इसे मात्र एक छोटे से धंधे के रूप मे या मात्र जीविका कमाने के रूप मे देखते है.

आज तक लोगो के इसी नजरिये ने उन्हें कभी भी चाय को एक बड़े business के रूप मे नहीं देखने दिया.

लेकिन 100 मे से 3-4 लोग ऐसे निकले जिनकी सोच इन लोगो से कहीं ऊपर थी, इनमे से अनुभव दुबे और मिस्टर बिल्लोरे ये दो लोग एक बहुत बड़ी उदाहरण है जिन्होंने चाय मे बड़े व्यापार को तलाशा.

वो कहते है ना की की मौक़े हमारे चारो तरफ घूमते है बस जरूरत है तो सिर्फ उसकी पहचान कर शुरू करने की.

इसी तर्ज पर अनुभव दुबे ने  लोगो की नब्ज़ पकड़ी और शुरुआत की chai sutta bar की,

आज चाय सुट्टा बार की भारत मे 200 से ज़ादा outlets यानी branches है. और महीने की 30 लाख की turnover है.

लेकिन ये हुआ कैसे? क्योंकि अनुभव दुबे, तो ने तो सोचा ही नहीं था की कोई startup करना है.अनुभव, के पिता जी तो बेटे को एक सरकारी post पर देखना चाहते थे, जिस वजह से अनुभव भी UPSC की तैयारी कर रहा था.

तो आखिर ऐसा क्या हुआ,अनुभव की जिंदगी मे की अचानक upsc की तैयारी छोड़ चाय बेचने लगा. जिसने उसे आज इस मुकाम तक पहुंचा दिया.

आखिर कैसे आया अनुभव के मन मे यह business करने का idea और किस तरह वो छोटे से स्तर से इतने बड़े मुकाम तक पहुँच गया.

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तो चलिए! नीचे बटन पर click करके समझते है कैसे एक business idea ने अनुभव दुबे और उसके पूरे परिवार तथा दोस्तों की जिंदगी बदल कर रख दी. ?

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