गरीबी ने इनके पूरे परिवार का जीवन बहुत कठिन बना रखा था, इनके पिता बहुत लो रेट में गार्डनर और किटमैन का काम करते

 kitman के तौर पर ये फुटबॉल प्लेयर्स को kit सप्लाई करते और उनके Room की साफ सफाई करते।

उन्होंने  अपने बच्चों की परवरिश से कभी कोई समझौता नहीं किया… बहुत कम उम्र से ही  उन्होंने रोनाल्डो को फुटबॉल खेलने के लिए प्रेरित किया

गरीबी का आलम कुछ ये था कि, रोनाल्डो के पिता बॉल के अंदर कपड़े लपेटकर भर देते और रोनाल्डो गलियों में उसी से फुटबॉल खेलते

पास चप्पल भी नहीं हुआ करती, तो उसके लिए रोनाल्डो के पिता अपने Relatives से पुरानी चप्पल खरीद लेते

ronaldo की will power और मेहनत

एक  फुटबॉल मैच में खिलाड़ी को करीब 10 किलोमीटर दौड़ना पड़ता है, इसलिए  रोनाल्डो कभी-कभी तो सुबह से शाम तक सिर्फ प्रैक्टिस करते रहते

रोनाल्डो  के Team Member इन्हें Humiliate करते क्योंकि उनके पिता वहां Kitman के  तौर पर काम करते थे लेकिन रोनाल्डो ने सबको अपने खेल से जवाब दिया।

12  साल की Age में इन्हें पहला ब्रेक मिला, जब स्पोर्टिंग क्लब पुर्तगाल ने  15 पाउंड में साइन किया…..पर यह ब्रेक भी किसी कुदरती करिश्मा से कम नहीं  था

एक  तरफ क्लब में सिलेक्शन होने की खुशी थी वहीं दूसरी तरफ अपने परिवार से दूर  जाने का गम, क्योंकि इस क्लब में ज्वाइन करने के लिए उन्हें अपने परिवार  को छोड़कर दूसरे शहर जाना पड़ा

कुछ  समय बाद ही पता चला कि रोनाल्डो को एक सीरियस हार्ट प्रॉब्लम है जिसके  चलते डॉक्टर ने उन्हें हमेशा के लिए फुटबॉल छोड़ने की सलाह दी, पर रोनाल्डो  कहां फुटबॉल छोड़ने वाले थे।

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