एक बार गिद्धों का एक झुण्ड शिकार (भोजन) की तलाश मे उड़ते उड़ते एक ऐसे टापू पर पहुंचा जो समुद्र के चारो तरफ से घिरा था.

गिद्धों का झुण्ड ज़ब उस टापू पर उतरा तो उन्होंने देखा की यहां तो बहुत सारी मछलियां है

यहाँ शिकार करना बहुत ही सरल है | उस स्थान पर पहुँच कर गिद्धों ने भर पेट मछली मेंढक केकड़े खाए.

दो दिन तक सभी गिद्ध उसी टापू पर रुके रहे और इसी तरह आसानी से मिलने वाले शिकार के ऊपर निर्भर रहकर भर पेट भोजन करते रहे और आराम करते रहे |

अब! गिद्धों को वो जगह बहुत पसंद आ चुकी थी ...जिसके चलते उन्होने वही रहने का फैसला किया |

तभी उनमे से एक बूढ़े गिद्ध ने सभी गिद्धों को उस टापू से वापिस चलने को कहा. यह सुनते ही सभी गिद्ध गुस्से से झिन मिना उठे और कहने लगे की,!

आप बेकार की चिंता करना छोड़े और मचिलयों का शिकार करे | बाकी का जीवन कितने आराम और आनंदमई  तरीके से व्यतीत हो जाएगा यहां पर आपको पता ही नहीं चलेगा.

बूढ़ा गिद्ध बहुत देर तक सबको समझाता रहा . लेकिन

बाकी गिद्धो के मन पर तो अब तक लालच व आरामदायक सुलभ जीवन का मोह इस कदर जकड़ चुका था  गिद्धों का मन टस से मस ना हुआ

एक साल बाद जब  बूढ़ा गिद्ध उस टापू पर  वापिस पहुंचा तो वहाँ का नजारा तो बहुत खोफनाक और डरा देने वाला था.

वहाँ सभी गिद्ध बहुत बुरी हालत मे कटे मरे पड़े थे मानो की किसी जंगली शिकारी ने उन पर वार किया हो.

एक गिद्ध अभी भी ज़िंदा था जख़्मी हालत मे था. बूढ़ा गिद्ध तुरंत उसके पास गया और पूछा की ये सब कैसे हुआ.

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