23 जुलाई 2021 को जापान की राजधानी टोक्यो मे ओलिंपिक का आगाज़ (शुभारंभ) हो  चुका था | जिसमे तमाम देशो के साथ भारत ने भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया |

भारत के तमाम खिलाड़ी धुरंधरों ने अपने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया | जिनमे से मीराबाई चानू ने वेट लिफ्टिंग प्रतियोगिता मे भारत को रजत पदक (सिल्वर मैडल) दिलवाया |

tokyo olympics 2021 मे मीरा बाई चानू पहले ही दिन रजत पदक हासिल करने वाली  भारत की पहली भारतीय महिला बन चुकी है |

Mirabai chanu का जन्म 8 अगस्त 1994 मे , एक गरीब परिवार मे हुआ | इनका  जन्म भारत के उत्तर पूर्वी राज्य मणि पुर की राजधानी इम्फ़ाल से 20 किलोमीटर दूर एक गाँव है नोंपोंग काइक्चिं |

इनके पिता का नाम साइखोम कृति मैतेई है | इनकी माता का नाम साइखोम ऊँगबी तोम्बी लीमा है |

मीरा बाई चानू अपने परिवार सहित एक असम के गाँव मे रहा करती थी | तब के समय गैस सिलेन्डर की सुविधा न होने की वजह से  भोजन चूल्हे पर पकाया जाता था |

इसके लिए रोज खूब सारी लकड़ियों की जरूरत पड़ती | 12 वर्ष की उम्र से ही लकड़ियाँ लेने के लिए चानू अपनी माँ और बड़े भाई के साथ लड़ियाँ लेने जाया करती थी |

मीरा बाई चानू  का कहना है की उस दौरान मीरा बाई चानू अपने भाई से भी अधिक वजन वाले लकड़ियों के गट्ठर को उठा लेती थी |

मीरा बाई चानू तो माँ या भाई बहनो के साथ अक्सर लकड़ियाँ बीनने जाती रही , तो मीरा के मन मे ऐसा क्या आया की उसके वेट लिफ्टिंग करने का फैसला ले लिया और उसे अपने जीवन का एक लक्ष्य बना लिया

तो चलिये नीचे बटन पर क्लिक करके जानते है लकड़ियाँ बीनने से लेकर स्वर्ण पदक जीतने तक का संघर्ष भरा और रोंगटे खड़े कर देने वाला सफर

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