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एक मीना नाम की औरत थी जो अपने पति के साथ शहर  मे रहती थी | उनका अपना घर था | मीना का एक बेटा था जिसका नाम था राहुल

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रोज मीना सुबह उठ कर नहा धो कर अपने बेटे और पति के लिए नाश्ता तैयार करती |

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बेटा और पति नहा धो कर नाश्ता करते और तैयार हो कर बेटा अपने स्कूल चला जाता और पति अपने ऑफिस |

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इसके बाद एक भिखारी गेट के बाहर खड़ा हो कर बोलता - "कुछ खाने को दे दे माई "  भिखारी बार बार यही बात दोहराता रहता जब तक मीना रोटी न दे देती

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भिखारी की आवाज सुन मीना दो रोटी लेकर आती और उस भिखारी को दे देती |

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फिर भिखारी रोटी ले कर जाते जाते बोलता - जैसा भी बुरा भला दूसरों के साथ करोगे वैसा ही फल तुम तक लौट के आ आएगा "|

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इस तरह हर रोज होता -  भिखारी आता ! फिर मीना रोटी लेकर जाती ! और  जाते जाते भिखारी वही दो बाते बोल कर चला जाता |

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एक दिन पति और बेटा दोनों सो कर लेट उठते है | बेटा  जल्दी जल्दी मे तैयार होकर बिना कुछ खाए स्कूल चला जाता है |

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इधर पति भी जल्दी जल्दी मे ऑफिस के लिए तैयार होने लगता है | पति को जब उसकी जुराबे नहीं मिलती तो पति ज़ोर से मीना को चिल्लाता है

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मीना किचन से भागते हुए आती है और जुराब अलमारी मे खोजती है जुराब नहीं मिल रही होती तो पति मीना पर गुस्सा होने लगता है

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पत्नी गुस्से मे तम तमाते हुए किचन मे बर्तन धोने चली जाती है | इतने मे वही भिखारी आता और बोलता है कुछ खाने को दे माई|

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चलिये नीचे बटन पर क्लिक करके जानते है आगे क्या हुआ ?मीना ने भिखारी के साथ क्या किया