यूँ तो भारत मे एक से एक महान व्यक्तित्व वाले इंसान हुए लेकिन ज़ब बात buiness - industrial क्रांति की हो रही हो तो राटा टाटा का नाम जरूर आता है.

रतन टाटा जी के जीवन मे बहुत उतार चढ़ाव आए, इसके बावजूद, देश को एक खुश हाल नेशन बनाने वाले उनके इरादे टस से मस ना हुए. देश मे किया गया टाटा परिवार का हर योगदान अतुलनीय है.

रतन टाटा ने कभी विवाह नहीं किया अपना सारा जीवन देश को आर्थिक तौर पर मजबूत बनाने मे लगा दिया.गरीबो के मसीहा के रूप मे सबसे बड़ा योगदान निभाया.

इसलिए रतन टाटा ना सिर्फ एक बड़े businessman बने, बल्कि एक महान व्यक्तित्व वाले इंसान बन कर भी उभरे है.

टाटा एम्पायर को तरक्की के आसमान तक पहुँचाने मे ratan tata का अहम रोल रहा है. रतन टाटा जी हर तरह की मुश्किलों से उबरने की काबिलियत रखते है.

आज श्री, ratan tata जी सफलता और इंसानियत के उस मुकाम पर है जिसके लिये वो किसी परिचय के मोहताज़ नहीं.

एक बार रतन टाटा के व्यापरीक जीवन मे एक ऐसा मुकाम भी आया की उन्हें अमेरिका मे बेइज़्ज़त होना पड़ा.

दरअसल ज़ब रतन टाटा की कार निर्माता कम्पनी पब्लिक के अनुसार अच्छी कार बनाने मे असफल रही तो उन्होंने अपनी इस कम्पनी को बेचने का निर्णय लिया.

तब वह अपनी टीम सहित अपनी कार निमाता कम्पनी को बेचने का प्रस्ताव लेकर अपमेरिका के सबसे बड़े कार निर्माता कम्पनी के मालिक "बिल फोर्ड" के पास गए.

लेकिन फोर्ड तो पहले से अपने अहंकार मे चूर था, जिस वजह से वो रतन टाटा जी से बड़े गुरूर अंदाज़ मे बात करने लगा.

फोर्ड ने यह तक कह दिया कि जब कार बनाने नहीं आती तो कार बनाते क्यों हो….यह कम्पनी खरीद कर हम तुम पर एहसान करने जा रहे है.

बस फिर क्या था, यह तमाम बातें, रतन टाटा जी की ईगो को हार्ट कर गई, जिसने sir ratan tata जी के निर्णय को बदल दिया,

रतन टाटा बिना कुछ बोले प्रस्ताव वापस लेकर तुरंत वहाँ से भारत वापिस आगए. रास्ते भर वो बिल फोर्ड की कटुता पूर्ण शब्दों को सोच कर बेइज्जत फील कर रहे थे.

तो चलिए नीचे बटन पर क्लिक करके जानते है की उसके बाद कैसे रतन टाटा की कामयाबी ने बिल फोर्ड को झुकने पर मजबूर कर दिया. ???