भारतीय इतिहास मे भगवान कृष्ण के अनेकों भक्त हुए ,लेकिन कलयुग मे एक भक्त ऐसा हुआ जो मुसलमान था फिर भी उसकी भक्ति ने दुनियाँ की सोच बादल दी
ऐसे महान भक्त धरती पर बहुत कम ही पैदा होते है | जिसे ईश्वर की सच्ची भक्ति का मोह लग जाता है उसके सामने संसार की हर मोह माया फीकी पड़ जाती है |
हरिदास जी का जन्म यशोहर जिले के एक छोटे से गाँव बूड़न मे गरीब मुस्लिम परिवार मे हुआ था | यहाँ गाँव आज के समय मे बांग्लादेश मे है | जब हरिदास जी का जन्म हुआ था तब बांग्लादेश भारत का ही हिस्सा हुआ करता था
इस गाँव मे एक गरीब मुस्लिम परिवार रहता था इसी परिवार हरिदास खां का जन्म हुआ था |
कहा जाता है की हरिदास के पूर्वजन्म के ही स्वभाव तथा संस्कार ही थे जीके चलते बाल्यकाल से ही हरिदास खां की श्रद्धा हरी नाम जपने मे थी |
जैसे जैसे वह अपने उम्र की किशोर अवस्था तक पहुंचे तब अपनी भक्ति चलते उन्होने अपना घर और ग्रहस्थ जीवन त्याग कर वैराग्य ले लिया |
इसके वन ग्राम के समीप हरिदास खां ने एक छोटी सी कुटिया बना ली और उसी मे रहने लगे | हरिदास खां बहुत ही शांतिप्रिय और धैर्यवान साधू थे |
कशा उनका गुण था तथा निर्भयता उनका आभूषण | हरिदास खां रोजाना 3 लाख हरी का नाम करते थे |
और जप भी ज़ोर ज़ोर से ऊची आवाज मे करते थे | एक दिन ऐसे ही वह ज़ोर ज़ोर से जाप कर रहे थे उनकी आवाज वहाँ से गुजर रहे एक आदमी के कानो मे पड़ी तो
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