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akbar birbal hindi kahani | एक सेर मांस

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akbar birbal hindi kahani |एक सेर मांस akbar birbal stories in hindi –  एक सेर मांस-  दोस्तों स्वागत है आपका ज्ञान से भरी  कहानियों की इस रोचक दुनिया मे। दोस्तों जीवन मे कहानियों का विशेस महत्तव होता है | क्योकि इन कहानियो के माध्यम से हमे बहुत कुछ सीखने को मिलता है |

इन कहानियों के माध्यम से आपको ज़रूरी ज्ञान हासिल होंगे जो आपको आपकी लाइफ मे बहुत काम आएंगे | यहाँ पर बताई गई हर कहानी से आपको एक नई सीख मिलेगी जो आपके जीवन मे बहुत काम आएगी |

हर कहानी मे कुछ न कुछ संदेश और सीख (moral )छुपी हुई है | तो ऐसी कहानियो को ज़रूर पढ़े और अपने दोस्तो और परिवारों मे भी ज़रूर शेयर करे |

 

 

 

तो चलिये शुरू करते है हमारी आज की कहानी 

akbar birbal hindi kahani | एक सेर मांस 

 

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एक बार बादशाह अकबर (akbar) के राज मे उनके शहर मे दो लाला रहते थे एक का नाम था मालिक चंद और दूसरे का नाम था फारुख |

इन दोनों का काम लोगो को उधार  पैसे देकर लोगो की सहायता करना था |

 

दोनों की अपनी अलग अलग दुकाने थी दोनों के पास जो भी ग्राहक पैसे की मदद के लिए आते, दोनों उसे एक निश्चित समय के लिए पैसे उधार दे देते थे  और बदले मे व्याज लगा देता थे  | akbar birbal hindi kahani | एक सेर मांस

 

मालिक चंद के मन मे लोगो को धन देने को लेकर कभी भी किसी बेईमानी  का विचार नहीं आता था वह हमेशा लोगो के साथ ईमानदारी का सौदा करता था ।

 

वही दूसरी तरफ फारुख के मन मे इतनी बेईमानी थी की वह लोगो पर जादा व्याज लगा देता था जिस वजह से फारुख के ग्राहक अपनी सारी उम्र ,धन पर लगे व्याज चुकाने मे ही लगा देते थे | इस तरह फारुख लालच मे अंधा हो कर हमेशा अपने ग्राहको को लूटता रहता था |akbar birbal hindi kahani | एक सेर मांस

 

यही कारण था की दिन पर दिन फारुख के ग्राहक तेजी से कम हो रहे थे और मालिक चंद के पास अधिक ग्राहक आते थे | यह देख फारुख से रहा न गया और वह मौके की तलाश मे था की किसी तरह इसका धंधा चौपट कर दू |

 

एक बार मालिक चंद का एक दोस्त मालिक चंद के पास धन की सहायता के लिए आता है और बोलता है मालिक चंद  मुझे आज 1000 अशर्फीयो की बहुत जरूरत है यह धन मुझे अपने व्यापार मे लगाना है 

 

आज ही मुझे धन लेकर उदयपुर के लिए रवाना होना है | वही से मुझे  सारा माल खरीद कर  उसको  गोदामो तक पहुंचाना है | 

 

कल रात तक माल खरीदने की आखिरी तारीख है उसके बाद माल खत्म हो जाएगा और फिर अगले साल ही माल बाजार मे आएगा मेरे पास 28 घंटो का वक़्त है एसे मे यदि न खरीद पाया तो  मैं अपने परिवार का पेट कैसे पलूँगा मेरा पूरा व्यापार ही खत्म हो पाएगा |akbar birbal hindi kahani | एक सेर मांस

 

 मैं बर्बाद हो जाऊंगा मुझे अपने व्यापार मे बहुत विश्वास हैं इसलिए मैंने अपना सब कुछ दांव पर लगाया है  किर्पया तुम मुझे 5 दिन के लिए उधार दे दो ठीक 5 दिन बाद मैं तुम्हारे पैसे तुम्हें वापिस कर दूंगा | दे दो मैं कुछ ही दिनो मे आपके पैसे चुका दूँगा |

 

अपने दोस्त की बात सुन मालिक चंद बोलता है दोस्त फिलहाल इतना धन तो इस समय मेरे पास नहीं है मैं तुम्हें 500 अशरफियाँ ही दे सकता हूँ यदि तुम 8 दिन तक रुको तो मैं तुम्हें 1000 अशरफियाँ दे दूंगा क्योकि ठीक 8 दिन बाद  मेरे कुछ ग्राहक व्याज सहित मूलधन जमा करने आएंगे |akbar birbal hindi kahani | एक सेर मांस

 

व्यापारी बोलता है ! नहीं , मुझे पैसे आज ही चाहिए, मैं कल तक का इंतजार नहीं कर सकता | यह सुन मालिक चंद बोलता है , ! ठीक है फिर रुको मैं अपने दोस्त फारुख से ले कर आता हूँ |

 

मालिक चंद  फारुख के पास जा कर सारी बात बताता है | “मालिक चंद की सारी बाते सुन फारुख के मन मे एक विचार आता है  की यही सही मौका है” , फारुख बोलता है ठीक है   मालिक चंद मैं तुम्हें 500 अशरफिया  देने को तैयार हूँ लेकिन इसके लिए मेरी एक शर्त है | मालिक चंद बोलता है कैसी शर्त ?

 

 तब फारुख बोलता है – यदि ठीक पाच दिन बाद तुम मेरी 500 अशरफिया  न दे पाए तो तुम्हें अपने शरीर का 5 सेर मांस मुझे देना होगा |

फारुख की इस अजीब सी शर्त सुन कर बड़ी सोच मे पड़ गया , “भला यह कैसी शर्त है“

लेकिन मालिक चंद को अपने ग्राहक दोस्त पर पूरा भरोसा था की वह ठीक 5 दिन बाद पैसे देने जरूर आएगा | यह सोच मालिक चंद फारुख की इस अजीब सी शर्त के लिए वादा कर देता है |

 

मालिक चंद अशरफिया  ले कर व्यापारी दोस्त के पास जाता है और उसे धन देते हुए शर्त वाली बात बता देता है | मालिक राम की बात सुन व्यापारी दोस्त  बोलता है ,अलिक चंद आप चिंता न करो मैं 5 दिन बाद धन लेकर पहुँच  जाऊंगा | तुम एक बहुत अच्छे मित्र हो और इंसान भी । मैं तुम्हारा यह एहसान कभी भूलूँगा |

इतना बोल व्यापारी दोस्त वहाँ से चला जाता है |

 

देखते ही देखते 5 दिन पूरे होने को आते है | दिन ढलने को था , इधर मालिक चंद के माथे पर  चिंता की लकीरे  दस्तक दे चुकी थी |

मालिक चंद  सोच ही रहा था की अभी तक दोस्त आया क्यो नहीं जरूर कोई  काम  फस  गया होगा  , उधर  इतने मे फारुख ठीक शर्त के मुताबिक अपने पैसे लेने मालिक चंद के घर के बाहर आ खड़ा होता है और मालिक चंद को आवाज़ लगता है |akbar birbal hindi kahani | एक सेर मांस

 

मालिक चंद घर से बाहर निकाल कर फारुख को  प्यार से बोलता है – फारुख मे तुम्हारे पास ही आने वाला था | मेरा दोस्त कमल  अभी  तक लौटा नहीं है जरूर कोई समस्या हो गई होगी   वो जैसे ही  एक दो दिन मे आता है मैं तुम्हें  तुम्हारे पैसे लौटा दूँगा  यदि वो नहीं आता तो मैं खुद वहाँ जाकर उसका पता लगाऊँगा किरपा मुझे एक दो दिन की मोहलत और  दे दो |

 

फारुख बोलता है – नहीं नहीं , यह नहीं हो सकता , या तो तुम मेरे पैसे लौटाओ या फिर शर्त के मुताबिक मुझे अपने शरीर का एक सेर मांस दो |akbar birbal hindi kahani | एक सेर मांस

 

मालिक चंद बोलता है-  फारुख रहम करो मुझ पर,  यदि तुम मेरे शरीर का एक सेर मांस काटोगे तो मैं मर जाऊंगा | मैं वादा करता मुझे दो दिन की मोहलत और दे दो मैं तुम्हारे पैसे लौटा दूंगा |

लेकिन फारुख जस का तस अपनी ही बात पर यानी शर्त पर अड़ा हुआ था या तो पैसे दो या फिर एक सेर मांस  । दोनों की इस बहस बाजी को देख वहाँ लोगो की भीड़ जमा हो गई | 

 

जाम भीड़ को देख  राजा के सैनिक वहाँ पहुँच  जाते है | और ऊची आवाज़ मे बोलते है – “क्या हो रहा है यहाँ अप दोनों झगड़ा क्यों कर रहे हो | तब फारुख सैनिको को सारी बात बताता है” |akbar birbal hindi kahani | एक सेर मांस

 

तब सैनिक बोलते है ठीक है इसका फैसला  बादशाह अकबर (akbar) ही करेंगे  – इतना बोल सेना पति अपने सैनिको को आदेश देता है की इन दोनों को दरबार मे ले चलो |

दोनों को पकड़ कर दरबार मे लाया जाता है | बादशाह अकबर (akbar) पूछते है कहो क्या बात है ?  पहले फारुख अपनी सारी बात  बता देता है |

 

खता है जहापना ! फारुख ने अपने किसी दोस्त देने के लिए कुछ धन मुझसे उधार लिए थे तो अब न तो यह मेरा धन वापिस कर रहा है और न ही शर्त के मुताबिक अपने शरीर का एक सेर मांस मुझे दे रहा है |

 

तब बादशाह अकबर (akbar) मालिक चंद की तरफ देखते हुए बोलते है की – क्या यह सच्च है मालिक चंद ?

मालिक चंद बोलता है – हा  जहांपना ! यह सच्च है की मैंने उधार लिया है लेकिन हो सकता है वहाँ  मेरे दोस्त का कोई काम फंस गया होगा इस वजह से वह आज आ नहीं पाया  तो मैंने फारुख को बोला की , मुझे दो दिन की  मोहलत और  दे दो यदि वो नहीं आता तो मैं खुद वहाँ जाकर उसका पता लगाऊँगा किरपा मुझे एक दो दिन की मोहलत और  दे दो | akbar birbal hindi kahani | एक सेर मांस

 

तब बादशाह अकबर (akbar) बोलते है – जब  यह बोल रहा है की इसे दो दिन की मोहलत दे दो तो तुम इतना ढीठ क्यो बन रहे हो | इसे दो दिन की मोहलत क्यो नहीं दे देते ?akbar birbal hindi kahani | एक सेर मांस

 

अब फारुख कहा मानने वाला था वो तो बस अपने शर्त के जरिये मालिक चंद को अपने रास्ते से हटाना चाहता था

 

इसलिए फारुख बोलता है – माफ करना जहांपना , मैं एसा नहीं कर सकता  , शर्त के मुताबिक इनके धन देने का समय निकल चुका है और अब इनको  अपने शरीर का एक मांस सेर मुझे देना होगा | 

 

इतने मे मालिक चंद का दोस्त पैसे ले कर दरबार मे उपस्थित हो जाता है |  मालिक चंद का दोस्त  जहापना  को सलाम करते हुए  , अपने मित्र मालिक चंद से देरी हो जाने की वजह से माफी मांगता है और सारा धन मालिक चंद को दे देता है | akbar birbal hindi kahani | एक सेर मांस

 

मालिक चंद वो धन जैसे ही फारुख को देता है , फारुख धन लेने से मना कर देता है  |और बोलता नहीं अब मैं यह धन नहीं लूँगा | शर्त के मुताबिक अब तुम्हें अपने शरीर का एक सेर मांस देना होगा |

 

 यह सुन बादशाह अकबर (akbar) गुस्से मे आ जाते है और बोलते है – तुम इतने अड़ियल क्यो हो ? धन लौटने मे एक दिन की ही तो देरी हुई है | अब अपना धन लो और यह किस्सा खतम करो |akbar birbal hindi kahani | एक सेर मांस

 

फारुख बोलता है – माफ करना जहांपना , बात धन की नहीं है , बात है वादा कर के मुकर जाने की , अब क्योकि आप इतना बोल रहे हो तो भला मे आपके सामने गुस्ताखी कैसे कर सकता हु , लेकिन महाराज इसका मतलब तो यह होगा की व्यापार मे दिये गए किसी भी वादे की कोई कीमत नहीं होगी |  एसे तो ईमानदारी सदा के लिए खत्म हो जाएगी फिर तो किसी से व्यापार ही नहीं करेगा |akbar birbal hindi kahani | एक सेर मांस

 

इतने मे फारुख अपनी असली मंशा को ध्यान मे रखते हुए  मालिक चंद को एक विकल्प देता है  बोलता है – जहापना ! मैं मालिक चंद को एक विकल्प देता हु की यदि  यह अपना व्यापार छोड़ कर इस नगर से चला जाए |तो मैं उसका एक सेर मास नहीं लूँगा |

 

यह सुन फारुख तुरंत बोलता है , नहीं महाराज मैं एसा नहीं कर सकता , इस व्यापार से मेरी रोजी रोटी चलती है , अपने परिवार का पेट पलटा हु | यह शहर मेरा घर है | मेरे पूर्वजो की जमीन और घर यही पर है | मैं यह नगर छोड़ कर कही नहीं जाऊंगा |

 

दरबार मे उपस्थित बीरबल , यह सारी घटना देख रहे होते है | अब बीरबल बोलते है – जहांपना मुझे एक मौका दे इंका किस्सा हल करने का | अकबर बोलते है !  हा बीरबल , क्यो नहीं ? 

 

बीरबल (birba) बोलते है –  तो ठीक है फारुख ! यदि तुम्हारी यही ज़िद्द है तो  तुम मालिक चंद के जिस्म का एक सेर मांस काट लो | 

बीरबल की यह बात सुन सभी  लोग दंग रह जाते है की यह बीरबल (birba)क्या बोल रहे है ,

लेकिन बादशाह अकबर जानते थे की बीरबल जरूर कोई उपाय ले कर आया है |इसलिए बादशाह अकबर बीरबल को कुछ नहीं बोलते|akbar birbal hindi kahani | एक सेर मांस

 

इधर फारुख अपनी तलवार ले कर जैसे ही  मांस काटने जाता है सभी की आखे फटी रह जाती जाती है सासे थम जाती है | इतने मे बीरबल (birba) बोलता है-  रुको फारुख ! ध्यान रहे की ठीक शर्त के मुताबिक तुम सिर्फ एक सेर मांस ही कटोगे , यदि मांस  काटते समय खून की एक भी बूंद निकली तो उसके बदले मे तुम्हें अपना खून देना होगा | 

यह सुन फारुख दंग रह गया उसके हाथ से तलवार छूट कर जमीन मे गिर गई | फारुख घबराते हुए बोलता है – भला यह कैसे हो सकता है खून तो निकलेगा ही यह मैं कैसे करूंगा |  

 

बीरबल (birba) बोलते है –  यह आपकी  परेशानी है , यदि कर पाओ तो करो नहि तो  हार मानो |  फारुख बोलता है नहि यह मुझसे नहि होगा |

 

तब बीरबल (birba) बोलता है – जहांपना ! यह फारुख अपनी शार्ट के लिए अपने हक़ को छोड़ रहा है इसके लिए इसे दंड दिया जाए | 

 

बादशाह अकबर  फारुख की चाल को  समझ चुके थे इसलिए बोलते है –   फारुख ! मैं तुम्हारे इरादे समझ चुका हु  |

तुम जैसा लालची और घटिया इंसान मैंने आज तक नहि देखा अपने स्वार्थ की वजह से तुम मालिक चंद को अपने रास्ते से हटाना चाहते थे इसलिए उसे  इस नगर से निकाल  रहे थे और अपने शर्त का सहारा ले कर उसकी जान तक लेना चाहते थे |  इस जुर्म मे तुम्हें  इस  राजय से बाहर निकालने का हुक्म सुनाता हूँ और एक साल का  कारगार |

जो रकम मालिक चंद तुम्हें  देने वाला था वो रकम अब मालिक चंद को उपहार स्वरूप  मेरी तरफ से भेट किया जाता है |

 

तो देखा दोस्तो बीरबल ने अपनी बुद्धिमानी से कैसे  मालिक चंद की न सिर्फ जान बचाई बल्कि उस  कपटी लालची फारुख की असली मंशा  भी सामने ला  दी | 

अकबर बीरबल की यह कहानी आपको कैसी लगी | हम अपने इस ब्लॉग पर आप लोगो के लिए एसी ही तमाम ज्ञान से भरे किस्से कहनियों का रोचक सफर लाते रहते है जिनहे पढ़ कर न सिर मनोरंजन होता है बल्कि बहुत सी जरूरी बाते भी सीखने को मिलती है | तो इन कहानियों को जरूर शेयर कर दिया करो ताकि बाकी लोग भी कहानियो को पढ़ कर आनंद और ज्ञान हासिल कर सके |

 

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