tenali raman short story hindi नमस्कार दोस्तो स्वागत है आपका तेनाली रामा के किस्सो की रोचक कहानियों मे | दोस्तो हम अपने इस ब्लॉग पर तेनाली रामा बुद्धिमानी और चतुराई से भरे हुए किस्से लेकर आते रहते है | आज की भी इस कहानी मे हम जानेंगे की इस बार तेनाली रामा ने कैसी अपनी अद्भुत बुद्धिमानी का परिचय दिया |
हमारी आज की तेनाली रामा कहानी है भाईचारा |
tenali raman short story hindi | भाईचारा
एक बार राजा कृष्ण देव राय अपने मंत्रियों के साथ अपने नगर के बड़े से खुले मैदान मे भ्रमण के लिए निकले थे | वहाँ पर कई चरवाहे और गड़रिये अपनी भेड़ो को घास चरा रहे थे | सभी भेड़े मस्ती मे घास चर रही थी और इधर उधर भाग रही थी | राजा कृष्ण देव राय यह सब देख कर बहुत आनंदित हो रहे थे | बुद्धिमान तेनाली रामा भी राजा के साथ ही खड़े थे |
राजा की नजर उस मैदान मे घूम रहे एक दो कुत्तो पर भी गई | तभी राजा के मन मे एक सवाल आया | राजा ने तेनाली से अपना सवाल पूछा की तेनाली – भेड़े तो एक बार मे एक आद बच्चो को ही जन्म देती है किन्तु कुत्ते तो एक बार मे कई सारे पिल्लो को जन्म दे देती है , तो फिर कुत्तो की संख्या तो भेड़ो से कहीं अधिक होनी चाहिए थी जबकि भेड़ो की संख्या पूरे नगर मे कुत्तो से कहीं जादा है |यानी भेड़े इतनी सारी नजर आती है और कुत्ते 2 चार ही क्यो देखने को मिलते है ? आखिर इसके पीछे की क्या वझ है ?
तेनाली रामा बहुत बुद्धिमान थे | तेनाली रामा ने कहा की महाराज मई आपके इस प्रश्न का उत्तर अभी तो नहीं दे सकता मुझे केएल सुभ तक का वक़्त तो आपको सटीक उत्तर दूंगा |
महाराज कृष्णदेव राय बोले – हाँ ठीक है तेनाली आप केएल सुभ जवाब दे देना |
तेनाली ने कुछ सैनिको को इकट्ठा किया उनमे से कुछ सैनिको को आदेश दिया की नगर मे जीतने भी कुत्ते है सबको पकड़ के राजमहल की कोठरी मे जमा कर दो | बाकी बचे सैनिको को तेनाली ने कहा की आप कुछ भेड़ो का झुंड लेकर उन सब को महल की दूसरी कोठरी मे जमा कर दो |
आदेश अनुसार कुत्तो और भेड़ो को अलग अलग कोठरी मे जमा करके बंद कर दिया गया | इसके बाद दो अलग अलग बड़ी सी टोकरी मे रोटियाँ भर दी गई | एक एक टोकरी को कोततों और बेड़ो की कोठरी मे रखवा दिया गया |
सुबह तेनाली रामा महाराज कृष्णदेव राय को कोठरी के पास ले कर आए और तेनाली ने मंत्रियो को पहले भेड़ो को कोठरी को खोलने का आदेश दिया | कोठरी का दरवाजा खोला तो सबने देखा की भेड़े तो बड़े आराम से खा पी कर एक दूजे के साथ बड़े प्रेम से सो रही थी |
इसके बाद कोततों की कोठरी का जब दरवाजा खोला गया तो वह का दृश्य बहुत बहायानक था सभी कुत्ते रात भर आपस मे लड़ कर मर चुके | बस एक दो कुत्ते ही बचे थे जो बुरी तरह से घायल थे |
अब तेनाली रामा महाराज जी को उनके प्रश्न का उत्तर देते हुए कहते है – महाराज! कुत्ते एक भी रोटी नहीं खा सके तथा आपस में लड़-लड़कर मर गये | उधर भेड़ों ने बड़े ही प्रेम से मिलकर चारा खाया और एक दूसरे के गले लगकर सो गयी | यही कारण है, कि भेड़ों के वंश में वृद्धि है | समृद्धि है | उधर कुत्ते हैं, जो एक-दूसरे को सहन नहीं कर सकते | जिस बिरादरी में इतनी घृणा तथा द्वेष होगा | उसकी वृद्धि भला कैसे हो सकती है |
महाराज सब समझ गए थे | महाराज तेनाली के जवाब से पूर्ण रूप से सतुष्ट थे | महाराज ने तेनाली रामा की इस अद्भुत बुद्धि की खूब तारीफ की |
तो दोस्तों इस तरह तेनाली रामा ने एक बार फिर साबित कर दिया की वह एक अद्भुत बुद्धिमत्ता के धनी है |
तो दोस्तो tenali raman short story hindi आपको कैसे लगी कमेन्ट करके जरूर बताना |
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