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tenali raman ki kahani | सौदागर का हार

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सौदागर का हार | tenali raman ki kahani  तेनाली रामा की कहानी | (tenali raman stories in hindi)दोस्तों स्वागत है आपका ज्ञान से भरी  कहानियों की इस रोचक दुनिया मे। दोस्तों जीवन मे कहानियों का विशेस महत्तव होता है | क्योकि इन कहानियो के माध्यम से हमे बहुत कुछ सीखने को मिलता है |

इन कहानियों के माध्यम से आपको ज़रूरी ज्ञान हासिल होंगे जो आपको आपकी लाइफ मे बहुत काम आएंगे | यहाँ पर बताई गई हर कहानी से आपको एक नई सीख मिलेगी जो आपके जीवन मे बहुत काम आएगी |

हर कहानी मे कुछ न कुछ संदेश और सीख (moral )छुपी हुई है | तो ऐसी कहानियो को ज़रूर पढ़े और अपने दोस्तो और परिवारों मे भी ज़रूर शेयर करे |

 

 

तो चलिये शुरू करते है हमारी आज की कहानी 

सौदागर का हार | तेनाली रामा की कहानी | tenali raman stories in hindi 

 

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एक बार की बात है विजय नगर राज्य मे एक परदेसी इंसान अपने घोड़े पर सवार हो कर चला आरहा था | इससे पहले यह परदेसी घोड़े पर सवार हो कर अपने साथ एक रत्न जड़ित सुंदर हीरो का हार लेकर  कई राज्यो मे घूम घूम कर वहाँ के राजा को वो हार दिखाता था |

हार दिखाते हुए बोलता था – महाराज ! यदि इस दरबार मे कोई मेरे सवालो का उचित जवाब दे तो मैं यह  बेशकीमती हार उसे भेट दे दूंगा और यदि सवाल का उचित जवाब कोई न दे पाया तो आपको उसके बदले मुझे एक हज़ार सोने की अशर्फीया  देनी होंगी | 

सुंदर हार की सुंदरता और परदेसी की गोलमोल बातों मे आकार हर कोई सवाल का जवाब देने के लिए सहमत हो जाता |

इस प्रकार उस परदेसी सौदागर के सवालो का कोई भी उचित जवाब नहीं दे पता था इस तरह परदेसी हर राज्य से हजारो सोने की  अशरफिया जमा कर चुका था |

अब परदेसी इंसान  महाराज कृष्ण देव राय के राजमहल के सामने आकार रुक जाता है | परेदेसी को देख ,सैनिक  पूछते है ! तुम कौन हो और यहाँ किस काम से  आए हो ?

 

tenali raman ki kahani | सौदागर का हार

 

परदेसी बोलता है- मेरा नाम रंगा पट्टम है मैं दक्षिण  राज्य से आया हूँ | मैं हीरे मोतियों का सौदागर हूँ , विशेस प्रकार के हीरे मोतियों से जड़ित तरह तरह के सुंदर और बेश कीमती हार बनाना और बेचना मेरा काम है | मैं यहाँ राजा कृष्ण देव राय से मिलने आया हूँ| 

 

सौदागर की यह बात सुन एक  सिपाही  राजमहल मे जाकर राजा को इस सौदागर की सूचना देता है | राजा सौदागर को राजदरबर मे हाजिर होने की आज्ञा दे देते है | 

 

राजदरबर मे आते ही सौदागर राजा को अपना प्रणाम कहता है और बोलता है – महाराज मैं हीरे मोतियो से जड़ित एक बेशकीमती हार आपको दिखाना चाहता हूँ | कृपया इसे देखे |

महाराज हार देख कर बोलते है – हाँ! वाकई येतो  बहुत ही सुंदर हार है | मुझे यह हार बहुत पसंद आया है बताओ इसकी क्या कीमत लोगे ?

सौदागर बोलता है – क्षमा कीजिएगा महाराज यह बिकाऊ नहीं है | मुझे इसकी कोई कीमत नहीं चाहिए | यह हार मैं आपको ऐसे ही भेट दे दूँगा यदि इस दरबार मे कोई भी मेरे एक  सवाल का उचित और मन को संतुस्ट कर देने वाला जवाब दे देगा | 

 

tenali raman ki kahani | सौदागर का हार

 

लेकिन शर्त यह है की यदि इस दरबार मे कोई भी मेरे सवाल का उचित और मन को संतुस्ट कर देने वाला जवाब न दे पाया तो बदले मे आपको मुझे एक हजार सोने की अशर्फीयन देनी होंगी |

 

सौदागर की यह शर्त सुन राजा तेनाली रामा की तरफ देखते हुए बोलते है हाँ क्यो नही जैसा तुम चाहो |

 

सौदागर अपना सवाल दरबार मे ऊची आवाज़ मे बोलता है – “आपके राज्य मे सबसे बहुमूल्य क्या है” ?  

 

सौदागर का यह सवाल सुन सबके मुह पर यह सोच कर  मुस्कान आजाती है की ! यह तो बहुत ही आसान सवाल है | तब दरबार मे उपस्थित हर कोई  बारी बारी से अपनी बुद्धि अनुसार जवाब देना शुरू करता है | कोई कहता है “महाराज का मुकुट”  तो कोई कहता है “शाही खजाना”  ?  और कोई कहता है –“महाराज का शाही बगीचा”

इस तरह एक के बाद एक जवाब आते रहते है लेकिन सौदागर अभी भी इन जवाबो से संतुस्ट नहीं होता  | 

 

तब राजा बोलते है – सौदागर ! क्या आपको इनमे से कोई जवाब उचित लगा ?

 

तब सौदागर बोलता है – महाराज! यह इन सभी जवाबो मे से कुछ जवाब मुझे उचित लगे लेकिन मन संतुस्ट नहीं हुआ| 

 

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लेकिन अभी तक दरबार से एक बुद्धिमान इंसान का जवाब आना बाकी होता है  और वो है  “तेनाली रामा” (tenali raman) का जवाब |

 

 महाराज कृष्ण देवराय  तेनाली रामा  (tenali raman) की तरफ देखते हुए बोलते है – अरे तेनाली रामा (tenali raman) ! क्या हुआ आप ने अभी सौदागर के सवाल का जवाब नहीं दिया ? 

 

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तेनाली रामा (tenali raman) बोलते है- हमारे राज्य मे जनता सबसे अधिक जो चीज पसंद करती है वही सबसे बहुमूल्य है और वो है “आजादी” 

 

tenali raman ki kahani | सौदागर का हार

 

यह सुन सौदागर बोलता है – यह तुम कैसे कह सकते हो की ये सबसे बहुमूल्य है ? सिद्ध करके दिखाओ ?

 

तब तेनाली रामा (tenali raman) बोलते है – ठीक है मुझे 5 दिन का वक़्त दो  मैं तुम्हें यह बात सिद्ध कर दूँगा | तब तक के लिए आप हमे अपनी मेहमान नमाज़ी का मौका दें | 

 

राजा – सौदागर के रहने -सोने -खाने -पीने – नहाने के  लिए उचित प्रबंध करवा देते है |

तेनाली रामा (tenali raman) सब कुछ अपने सेवा कर्मियों को समझा देते है की इनकी खातिरदारी मे  कोई कमी न बाकी रहे बस इतना ध्यान रखना की यह आदमी महल से बाहर न जाने पाए |

 

इस तरह सौदागर की रोज खातिरदारी की जाती है |रोज गाना बजाना सुंदर संगीत , शाही भोजन सब कुछ किया जाता है |

 

तीसरे दिन राजा का मन इन सब चीजों से कुछ कुछ ऊबने लगा था तब वह एक  बड़ी सी खिड़की के पास जाते है और  बाहर की तरफ झकते है |

बाहर शाम का सुंदर दृश्य और लोगो की मौज मस्ती को देख उनका मन भी बाहर जाने को करता , बगीचे मे टहलने को करता है | 

 

tenali raman ki kahani | सौदागर का हार

 जैसे ही वो महल से बाहर जाने की कोसिस करते उन्हे रोक दिया जाता | यह सब देख सौदागर बहुत परेशान होता है | बाकी के दोन दिनो तक महल मे रहते रहते  सौदागर की हालत पतली हो जाती है |  रोज का वही संगीत , खाना ,पीना, इन सब से सौदागर तंग आजता है | सौदागर का बाहर जाने को बहुत मन करता है |

 

और जब समय पूरा हो जाता है तब दरबार मे सभी लोग फिर से जमा हो जाते है | राजा सौदागर से पूछते है – काही सौदागर ! खातिरदारी मे कोई कमी तो नहीं रही ?

 

सौदागर बोलता है- महाराज मेरे साथ बहुत बुरा हुआ खातिरदारी तो अच्छी थी लेकिन मुझे महल से जाने से बार बार रोका जा रहा था |

 

तब महाराज अपने सेवाको को दरबार मे  बुलाने का आदेश देते है|

 

इतने मे तेनाली रामा (tenali raman) बोलते है – नहीं महाराज ! रहने दो इसकी कोई जरूरत नहीं , उन सेवाको मैंने ही ऐसा करने के लिए कहा था ताकि मैं अपने दिये गए जवाब का मतलब सिद्ध कर पाऊ सो मैंने कर दिया की आजादी के सामने हर सुख सुविधा की  चीजे व्यर्थ है यानि की आजादी से जादा बहुमूल्य और कुछ भी नहीं | 

 

 

सौदागर को भी इस बात का एहसास हो जाता है |

 

tenali raman ki kahani | सौदागर का हार

सौदागर बोलता है – हाँ तेनाली रामा (tenali raman) ! आप सही बोल रहे हो आपके इस जवाब से मैं संतुस्त हूँ | आपका अपनी इस बात को सिद्ध करने का तरीका हमे पसंद आया  | आप वाकई मे बहुत बुद्धिमान हो | 

 

इतना बोल सौदागर बेशकीमती  हार निकाल कर तेनाली रामा को भेट कर देता है और वहाँ से चला जाता है |

 

 

तो देखा दोस्तो कैसे तेनाली रामा (tenali raman) ने अपनी तेज़ बुद्धि और चतुराई से  सौदागर के सवाल का उचित जवाब देकर  हार हासिल किया |

 

tenali raman ki kahani | सौदागर का हार

 

हम अपने इस ब्लॉग पर आप लोगो के लिए एसी ही तमाम ज्ञान से भरे किस्से कहनियों का रोचक सफर लाते रहते है जिनहे पढ़ कर न सिर मनोरंजन होता है बल्कि बहुत सी जरूरी बाते भी सीखने को मिलती है | तो इन कहानियों को जरूर शेयर कर दिया करो ताकि बाकी लोग भी कहानियो को पढ़ कर आनंद और ज्ञान हासिल कर सके |

 

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