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gautam buddha story बुद्ध और डाकू

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gautam buddha stories in hindi  बुद्ध और डाकू  (गौतम बुद्ध स्टोरी )- moral stories in hindi (मॉरल स्टोरीज़ इन हिन्दी ) दोस्तों स्वागत है आपका किस्से कहानियों की  इस रोचक दुनिया मे |

यहाँ पर आपको motivational stories के साथ moral stories से मिलने वाले ज्ञान से रुबारू करवाया जाता है |यहाँ हम आपके लिए ऐसी motivational stories लेकर आते है ,जिसे पढ़ने से आपके जीवन मे न सिर्फ एक सकारात्मक बदलाव आता है

 

बल्कि आप अपनी ज़िंदगी मे वो सब कुछ हासिल कर पाते हो जिनकी आपने कल्पना की थी  –

यहाँ हम आपके लिए moral stories भी लेकर आते है हर कहानी मे एक सीख जरूर छुपी होती है  जिनसे आपको  बहुत कुछ सीखने को मिलता  है जो आपकी ज़िंदगी मे बहुत काम  आती है |

 

 

दोस्तो ऐसी ही हजारो शिक्षा प्रद , लोकप्रिय और रोचक कहानियों का सफर हम आप तक लेकर आए है जिन्हे लोगों ने बचपन मे अपने दादा दादी – या  नाना- नानी  से सुनी होती है या फिर टीवी मे देखी होती है |

लेकिन यहाँ पर आपको ऐसी बहुत सी शिक्षा प्रद , लोकप्रिय और रोचक कहानियाँ मिलेंगी जिसे शायद ही आपने कही सुनी होंगी |

तो पढ़ते रहिए ऐसी कहानियाँ और सीखते रहिए एक नई सीख  ,साथ मे ऐसी शिक्षा प्रद कहानियाँ  अपने दोस्तो को भी शेयर करते रहिए |

बुद्ध और डाकू real moral story in hindi | gautam buddha story

 

gautam buddha stories in hindi (गौतम बुद्धा स्टोरीस इन हिन्दी)– प्राचीनकाल की बात है। मगध देश की जनता में आतंक छाया हुआ था। अंधेरा होते ही लोग घरों से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पाते थे, कारण था अंगुलिमाल। अंगुलिमाल ने 100 लोगो  की ह्त्या करने का प्रण  लिया था , वह 99 लोगो को मर चुका था अब एक ही बचा था उसका प्रण पूरा होने को इसी वजह से पूरे गाव मे उसका आतंक फैला हुआ था ।

 

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अंगुलिमाल एक खूंखार डाकू था जो मगध देश के जंगल में रहता था। जो भी राहगीर उस जंगल से गुजरता था, वह उसे रास्ते में लूट लेता था और उसे मारकर उसकी एक उंगली काटकर माला के रूप में अपने गले में पहन लेता था। इसी कारण लोग उसे ‘अंगुलिमाल’ कहते थे।gautam buddha stories in hindi

 

 

गौतम बुद्ध वैशाली नगर से प्रवास कर रहे थे। लोगों ने उन्हें रोका। बुद्ध को लोगों ने बताया कि वैशाली के बाहर जंगल में अंगुलीमाल नाम का एक पिशाच जैसा लुटेरा रहता है। वो लोगों को लूटता है, मार देता है फिर उनके हाथों की अंगुलियां काट कर उसकी माला बनाकर पहन लेता है। ऐसे खतरनाक इंसान के सामने जाने से अच्छा है आज रात यहीं रुक जाएं।gautam buddha stories in hindi

 

 

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गौतम बुद्ध ने कहा कि मैंने एक बार प्रवास करने का मन बना लिया तो मैं पीछे नहीं हट सकता। मुझे जाना ही होगा। लोगों ने बहुत रोका, सुरक्षा के लिए साथ चलने को भी कहा लेकिन बुद्ध अकेले निकल पड़े।

 

 

बुद्ध जंगल में जाने को तैयार हो गए तो गांव वालों ने उन्हें बहुत रोका क्योंकि वे जानते थे कि अंगुलिमाल के सामने से बच पाना मुश्किल ही नहीं असंभव भी है। लेकिन बुद्ध अत्यंत शांत भाव से जंगल में चले जा रहे थे। तभी पीछे से एक कर्कश आवाज कानों में पड़ी- ‘ठहर जा, कहां जा रहा है?’

 

 

बुद्ध ऐसे चलते रहे मानो कुछ सुना ही नहीं। पीछे से और जोर से आवाज आई- ‘मैं कहता हूं ठहर जा।’ बुद्ध रुक गए और पीछे पलटकर देखा तो सामने एक खूंखार काला व्यक्ति खड़ा था। लंबा-चौड़ा शरीर, बढ़े हुए बाल, एकदम काला रंग, लंबे-लंबे नाखून, लाल-लाल आंखें, हाथ में तलवार लिए वह बुद्ध को घूर रहा था। उसके गले में उंगलियों की माला लटक रही थी। वह बहुत ही डरावना लग रहा था। gautam buddha stories in hindi

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बुद्ध ने शांत व मधुर स्वर में कहा- ‘मैं तो ठहर गया। भला तू कब ठहरेगा?’

अंगुलिमाल ने बुद्ध के चेहरे की ओर देखा, उनके चेहरे पर बिलकुल भय नहीं था जबकि जिन लोगों को वह रोकता था, वे भय से थर-थर कांपने लगते थे। अंगुलिमाल बोला- ‘हे सन्यासी! क्या तुम्हें डर नहीं लग रहा है? देखो, मैंने कितने लोगों को मारकर उनकी उंगलियों की माला पहन रखी है।’

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बुद्ध बोले- ‘तुझसे क्या डरना? डरना है तो उससे डरो जो सचमुच ताकतवर है।’ अंगुलिमाल जोर से हंसा – ‘हे साधु! तुम समझते हो कि मैं ताकतवर नहीं हूं। मैं तो एक बार में दस-दस लोगों के सिर काट सकता हूं।’

 

बुद्ध बोले – ‘यदि तुम सचमुच ताकतवर हो तो जाओ उस पेड़ के दस पत्ते तोड़ लाओ।’ अंगुलिमाल ने तुरंत दस पत्ते तोड़े और बोला – ‘इसमें क्या है? कहो तो मैं पेड़ ही उखाड़ लाऊं।’

 

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महात्मा बुद्ध ने कहा – ‘नहीं, पेड़ उखाड़ने की जरूरत नहीं है। यदि तुम वास्तव में ताकतवर हो तो जाओ इन ‍पत्तियों को पेड़ में जोड़ दो।’

 

अंगुलिमाल क्रोधित हो गया और बोला – ‘भला कहीं टूटे हुए पत्ते भी जुड़ सकते हैं।’

महात्मा बुद्ध ने कहा – ‘तुम जिस चीज को जोड़ नहीं सकते, उसे तोड़ने का अधिकार तुम्हें किसने दिया?

एक आदमी का सिर जोड़ नहीं सकते तो काटने में क्या बहादुरी है? अंगुलिमाल अवाक रह गया। वह महात्मा बुद्ध की बातों को सुनता रहा। एक अनजानी शक्ति ने उसके हृदय को बदल दिया। उसे लगा कि सचमुच उससे भी ताकतवर कोई है। उसे आत्मग्लानि होने लगी।gautam buddha stories in hindi

 

 

वह महात्मा बुद्ध के चरणों में गिर पड़ा और बोला- ‘हे महात्मन! मुझे क्षमा कर दीजिए। मैं भटक गया था। आप मुझे शरण में ले लीजिए।’ भगवान बुद्ध ने उसे अपनी शरण में ले लिया और अपना शिष्य बना लिया। आगे चलकर यही अंगुलिमाल एक बहुत बड़ा साधु हुआ।

 

 

कहानी से सीख (Moral of Story)
कोई इंसान कितना भी बुरा हो लेकिन अगर आप अपनी अच्छाइयां नहीं छोड़ते हैं तो कोई आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। सत्य और धर्म के आगे हर बुराई को झुकना ही पड़ता है। परेशानियों और मुसीबतों को सामने देखकर डरना और घबराना बेकार है। शांत मन से उनका सामना करें।

 

 

gautam buddha story|महात्मा बुद्ध के जीवन की सीख 

 

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