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तेनाली रामा की कहानी | बिना बीज़ का बैंगन |

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tenali raman ki kahani  तेनाली रामा की कहानी | बिना बीज़ का बैंगन (tenali raman stories in hindi)- दोस्तों स्वागत है आपका ज्ञान से भरी  कहानियों की इस रोचक दुनिया मे। दोस्तों जीवन मे कहानियों का विशेस महत्तव होता है | क्योकि इन कहानियो के माध्यम से हमे बहुत कुछ सीखने को मिलता है |

 

इन कहानियों के माध्यम से आपको ज़रूरी ज्ञान हासिल होंगे जो आपको आपकी लाइफ मे बहुत काम आएंगे | यहाँ पर बताई गई हर कहानी से आपको एक नई सीख मिलेगी जो आपके जीवन मे बहुत काम आएगी | हर कहानी मे कुछ न कुछ संदेश और सीख (moral )छुपी हुई है | तो ऐसी कहानियो को ज़रूर पढ़े और अपने दोस्तो और परिवारों मे भी ज़रूर शेयर करे |

 

तो चलिये शुरू करते है हमारी आज की कहानी 

 बिना बीज़ का बैंगन | तेनाली रामा की कहानी | tenali raman stories in hindi 

 

 

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एक बार की बात है , महाराज कृष्णदेव राय  ने अपने सभी दरबारियों को भोजन के लिए आमंत्रित किया | तो तेनाली रामा भी पहुंचे | तरह तरह के स्वादिस्ट पकवान बनवाए गए थे | राजा सहित सभी दरबारी इन स्वादिस्ट  पकवानो का लुफ्त उठा रहे थे | उधर तेनाली रामा (tenali raman) को इन सभी पकवानो मे से सबसे अच्छा “बैंगन करी” लगा |

 

लेकिन तेनाली रामा (tenali raman) नहीं जानते थे  की यह कौन सा पकवान है? , तब तेनाली रामा (tenali raman)के मन मे इस पकवान के बारे मे जानने की बहुत उतत्सुकता जागी और सबके सामने पूछ लिया की यह कौन सा पकवान है |

तब  शाही माली ने बताया – तेनाली रामा (tenali raman) ! यह बिना बीज के बैंगन से बना हुआ पकवान है इसे   “बैंगन करी ” के नाम से जाना जाता है यह शाही बगीचे मे लगा हुआ है , बहुत समय पहले इस बैंगन के बीज को एक परदेसी दे गया था |

 

यह वही ख़ास बैंगन  थे जो  राजमहल के  बाहर शाही  बगीचे मे लगे हुए थे यह इसलिए ख़ास थे क्योकि यह बैंगन बिना बीज के और चमकदार भी थे | 

 

दावत खत्म होने के बाद जब तेनाली रामा घर पहुंचे तो ,अपनी बीवी के सामने उस दावत मे खाई हुई  “बैंगन करी” की तरीफे करते थक नहीं रहे थे |

 

तरीफे सुन पत्नी बोली – अरे ऐसा क्या ख़ास था उस बैंगन मे जो आप तारीफ पर तारीफ किये जा रहे हो | सभी बैंगन एक जैसे ही तो होते है और उनका पकवान भी स्वाद मे लगभग एक जैसा ही बनता है | 

 

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तेनाली रामा की कहानी | बिना बीज़ का बैंगन

 

तब तेनाली रामा (tenali raman) बोलते है – उसकी खासियत यह है की वो बिना बीज के बैंगन था |वो राज महल के बाहर शाही दरबार मे लगा हुआ है | शाही बगीचे मे हर किसी का जाना  संभव नहीं |

 

पत्नी बोली – ऐसा कैसे हो सकता है ? भला बिना बीज का भी कोई बैंगन होता है ?

तेनाली रामा (tenali raman) बोला – नहीं ! मैं सच्च बोल रह हूँ ,  इस बैंगन के बीज एक परदेसी दे गया था | यह बहुत ही ख़ास बैंगन है | इसका पकवान बहुत ही स्वादिस्ट बनता है |

 

तेनाली रामा (tenali raman) की इन बातों को सुन पत्नी के मुंह मे पानी  आने लगता है अब वह भी उस बिना बीज के बैंगन से बने पकवान का स्वाद चखने के लिए उत्तसुक होती है |

 

और अपने लालच भरे मन से बोलती है – यदि एसा है तो ज़रा मुझे भी चखने दो उसका स्वाद , जाओ मुझे भी वो बैंगन ला कर दो | हम उसे घर पर बना कर खाएँगे |

 

पत्नी की यह बात सुन तेनाली रामा (tenali raman)घबरा जाता है और बोलता है – नहीं नहीं एसा नहीं हो सकता मैं उसे नहीं ला सकता | उस शाही बगीचे मे राजा और शाही माली के इलवा और कोई भी प्रवेश नहीं कर सकता |

 

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तेनाली रामा की कहानी | बिना बीज़ का बैंगन

 

तब पत्नी ताने मारते हुए बोलती है – हे! भगवान ! कैसा पति है ये , डरपोक कही का , खुद तो उस स्वादिस्ट पकवान का मजा उठा आए और अब ! मेरी  “उस बिना बीज के बैंगन के पकवान”  खाने की इच्छा को पूरा नहीं कर सकते |

 तेनाली रामा पर उसकी पत्नी के इन तानो का कोई असर नहीं हो रह था |

 

आखिर मे पत्नी ,तेनाली रामा (tenali raman) को उकसाते हुए बोली – आप खुद को बहुत बुद्धिमान समझते हो ना और राज महल मे भी आपकी बुद्धिमानी के बड़े  चर्चे होते है | तो अब मुझे यह बैंगन ल कर दिखाओ तो मैं मानू की आप बुद्धिमान हो |

 

यह सुन तेनाली रामा (tenali raman) सोचता है , अब तो बात इज्जत पर आचूकी है , अब किसी तरह उस बैंगन को लाने की तरकीब सोचनी ही पड़ेगी | राजा को जब यह पता चलेगा की मुझे बगीचे मे देखा गया था तो उससे बचने के लिए भी पहले से कोई तरकीब सोच लेता हुई |

 

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तेनाली रामा की कहानी | बिना बीज़ का बैंगन

 

तेनाली रामा (tenali raman) अपनी पत्नी को बोलता है – ठीक है ठीक है , इतना ताना देने की जरूरत नहीं , ले आऊँगा बैंगन | यह सुन पत्नी मन ही मन बहुत खुश होती है | उधर तेनाली रात के समय मे चुपके से शाही बगीचे मे घुस जाता है |

 

सिपाहियों की नजर से बचते हुए तेनाली रामा (tenali raman) किसी तरह बैंगन तोड़ लेता है और वापिस घर आ जाता है | बैंगन देख तेनाली की पत्नी बहुत खुश होती है और तेनाली रामा (tenali raman) की खूब तरीफे करती है |

 

दोनों मिलकर बैंगन का पकवान बनाते है | पकवान  बनने के बाद उसमे से बहुत अच्छी खुशबू आती है  तेनाली रामा (tenali raman)की पत्नी अपने हाथ मे ज़रा सा ले कर उस पकवान का स्वाद चखती है | स्वाद चखते ही पत्नी के चेहरे पर मुस्कान आगाई और बोली यह तो सच्च मे बहुत स्वादिस्ट है इतना स्वादिस्ट बैंगन मैंने आज तक नहीं खाया | जाओ बेटे को भी जागा दो उसे भी यह पकवान खाने दो , जाओ जल्दी से उसे ले कर आओ | वो आज बिना भोजन किये जल्दी सो गया 

 

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तेनाली रामा की कहानी | बिना बीज़ का बैंगन

 

तेनाली रामा (tenali raman) बोलता है – नहीं नहीं ! वो बच्चा है ,वो सब को बता देगा की रात को मैंने स्वादिस्ट पकवान खाया इससे बात राजा तक पहुची तो सबको शाक  होगा  मुझ पर | उसे एमटी बताना की क्या बनाया है |

पत्नी बोलती है – अरे घबराओ मत , वो किसी को नहीं बताएगा मैं उसे समझा दूँगी |

तब तेनाली रामा (tenali raman) एक तरकीब सोचता है बेटे को जगाने के लिए जान  बूझ कर एक लोटे मे पानी लेता है फिर बेटे के पास जाकर अपने हाथो मे पानी ले कर अपने बेटे की आखो पर छिड़क देता है |रामा का बेटा आँगन मे गहरी नींद मे सो रह था  बेटे की जैसे ही नींद टूटती है तब

तेनाली रामा (tenali raman) बोलता है – बेटा ! जागो , देखो बारिश हो रही , उठो नहीं तो भीग जाओगे , चलो आओ उधर चलो तुम्हारे लिए बहुत सुंदर पकवान बनाया है |

 

बेटे ने जब उस पकवान का स्वाद चखा तो पूछने लगा – माँ ! यह क्या है | तब माँ बोली – बेटा ! यह बैंगन करी है 

इसके बाद तीनों बैठ कर उस बिना बीज के बैंगन से बने  स्वादिस्ट पकवान का आनंद उठाते है |

 

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तेनाली रामा की कहानी | बिना बीज़ का बैंगन

 

अगले दिन सुबह शाही बगीचे मे जब शाही माली पहुंचता है तो देखता है की  बैंगन के पत्ते टूटे हुए है और कुछ बैंगन भी गायब है | शाही माली समझ जाता है की जरूर रात को किसी ने  शाही बगीचे मे आकार बैंगन  की चोरी की है |

शाही माली तुरंत राज दरबार पहुंचता है और राजा को इसकी  सूचना देता है |

 

 

शाही माली की यह सूचना सुन महाराज कृष्ण देव राय बहुत गुस्से मे आजते है और बोलते है यह कैसे हो सकता है , उस शाही बगीचे मे किसी का भी जाना वर्जित है और उसकी सुरक्षा की व्यवस्था भी चाक  चौबन्ध थी , तो कैसे यह चोरी हो सकती है ? जब यह घटना हुई तब सिपाही कहाँ थे ?

 

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तेनाली रामा की कहानी | बिना बीज़ का बैंगन

 

दरबार मे सन्नाटा छा  गया | दरबार मे उपस्थित सभी दरबारी और मंत्रीगन इस पर विचार करने लगे | तभी इतने मे एक दरबारी बोला – महाराज ! कल जब हम सब लोग शाही पकवान का लुफ्त उठा रहे थे तब तेनाली रामा ने बड़ी उतत्सुकता से इस “बैंगन करी ”  के पकवान के बारे मे जानने की इच्छा जताई थी | हो सकता है उसी ने इसकी चोरी की हो |

 

तेनाली रामा (tenali raman) भी उसी दरबार मे बैठे थे और सब सुन रहे थे तब महाराज बोलते है – तेनाली रामा ! तुम इस बारे क्या कहना चाहोगे |

 

तब तेनाली रामा (tenali raman) बड़ी ही चतुराई से  बोलते है – महाराज ! यदि मैं सच्च  बोलूँगा भी तो कोई मेरी बातों पर विश्वास नहीं करेगा , यह माना जाता है की बच्चे हमेशा सच्च बोलते  है तो क्यो न मेरे बेटे को बुला कर ही पूछ लिया जाए की रात को खाने मे क्या बना था |

 

तब तेनाली रामा (tenali raman) के बेटे को बुलाया जाता है ओर पूछा जाता है की बेटा बताओ कल रात तुमने खाने मे क्या खाया ? तब बेटा बड़ी मासूमियत से बोलता है – मैंने कल रात “स्वादिस्ट बैंगन करी खाई” 

 

यह सुन महाराज – तेनाली रामा (tenali raman) को गुस्से भरी नजरों से देखने लगते है और बोलते है – तेनाली रामा (tenali raman) ! तुमने ऐसा क्यो किया ? तुमने मुहसे बोला होता मैं खुद तुम्हें वो बैंगन ऐसे ही दे देते |

 

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तेनाली रामा की कहानी | बिना बीज़ का बैंगन

 

तब तेनाली रामा (tenali raman) डरते हुए बड़ी ही चतुराई से बोलते है |  महाराज ! कल बेटा खेल कूद कर बहुत थक गया था और भोजन किये बिना जल्दी ही सो गया था फिर जब भोजन के लिए बेटे को जगाया गया तो बेटा आधी नींद मे था | इतने मे बेटा भी बोलने लगता है – यह सच्च है महाराज ! मैं आँगन मे सोया हुआ था की अचानक बारिश हुई और मेरे  पिता जी  मुझे अंदर ले गए |

 

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बेटे की इतनी  बात को सुनते ही सबको यकीन हो गया की तेनाली रामा सच्च बोल रहा है |  क्योकि बच्चा बोल रहा था की रात को बारिश हुई थी जबकि रात को तो बारिश हुई ही नहीं थी तब राजा सोचते है की बच्चा जरूर नींद मे था |इसलिए बच्चा !आधी नींद की वजह से समझ नहीं पाया होगा की उसने रात खाने मे क्या खाया था | अब इस मुद्दे को यही खत्म कर दिया जाता है |

 

इस तरह तेनाली रामा (tenali raman) के द्वारा , रात को बच्चे की आखो मे पानी छिड़कने वाली तरकीब बहुत काम आई |क्यो की  रामा जानता था  उसे राज दरबार मे इस बात के लिए जरूर पूछा जाएगा | 

 

अगले ही दिन तेनाली रामा (tenali raman) और राजा बगीचे मे जब टहल रहे थे तब राजा बोलते है –  तेनाली मैं अभी भी अचंभे मे हु की आखिर चोरी की किसने ? तब तेनाली राजा को सब सच्च बता देते है | यह सुन राजा बहुत खुश होते है की इतनी सी बात पर इतना बवाल हो गया | चोर बगल मे और ढिंडोरा शहर मे | इधर तेनाली रामा ने खुद को बचा लिया और माफी भी मांग ली |

 

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हम अपने इस ब्लॉग पर आप लोगो के लिए एसी ही तमाम ज्ञान से भरे किस्से कहनियों का रोचक सफर लाते रहते है जिनहे पढ़ कर न सिर मनोरंजन होता है बल्कि बहुत सी जरूरी बाते भी सीखने को मिलती है | तो इन कहानियों को जरूर शेयर कर दिया करो ताकि बाकी लोग भी कहानियो को पढ़ कर आनंद और ज्ञान हासिल कर सके |

 

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