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religious thoughts भक्ति और गलत फहमियाँ
आज विडियो थोड़ी बड़ी होने वाली है लेकिन यकीन मानो यह विडियो आज भक्ति को लेकर बहुत से लोगों की गलतफहमियाँ दूर करने वाला है तो ध्यान से इस विडियो को देखना सुनना और समझना |
तो चलिये शुरू करते है
कानो मे ईयर फोन लगा कर इस अद्भुत विडियो को जरूर देखो –
हम कहते है की ईश्वर दिखाई नहीं देता पर एक वही तो दिखाई देता है ज़ब कोई नहीं दिखाई देता.
यह तो विश्वास की बात है, दिखाई तो भूत भी नहीं देते
पर सुनसान जगह पर अँधेरे मे जरा सी हलचाल क्या होती है फट कर हाथ मे आजाती है.
माफ कीजियेगा ऐसे शब्दों का प्रोग्राम करना पड़ा, पर सच यही है.
तब तो आप तुरंत मन मे सोच लेते हो की ये भूत प्रेत तो नहीं.
ज़ब हलचल थोड़ी और होती है तो यह शक यकीन मे बदलते देर नहीं लगती.
तो यही शक और विश्वास ईश्वर पर क्यों नहीं करते दिखाई तो वो भी नहीं देते है |
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ज़ब वो हर बार अपनी किरपा आप पर कर रहा होता है क्या यह कम है की आपको इंसान का जीवन मिला.
ईश्वर ना जाने किस किस रूप मे हमें आकर मुश्किल पलो से बाहर निकाल देता है हमें मुश्किल पलो से लड़ने की ताकत दे जाता है. जीवन मे सफल होने की प्रेरणा दे जाते है
दिल से पुकारने पर किसी न किसी रूप मे दौड़ा चला आता है |
यह कोई जरूरी नहीं की पूजा पाठ करने , मंदिर की घंटियाँ हिलाने ,माथा टेकने से और गुरद्वारे मे सर झुकने से ही ईश्वर की भक्ति की जाती है |
बल्कि जीवन मे अपने हर काम को पूरी ईमानदारी से करना , अपने सभी कर्तव्यों का पूरी ईमानदारी से पालन करना , जरूरतमन्द इंसान की सहायता करना भूखे को खाना खिलना प्यासे को पानी पिलाना यानी लोक सेवा करना भी ईश्वर की बहुत बड़ी भक्ति करने के समान है |
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ईश्वर सच्चे और अच्छे इंसानों पर जरूर दया करते है किरपा करते है फिर चाहे आप भले ही ईश्वर को माने या ना माने कोई फर्क नहीं पड़ता ईश्वर को की आप ईश्वर के भक्त है या नहीं…॥ क्योकि
यदि आपके अंदर आस्था नहीं ,श्रद्धा नहीं ,संयम नहीं , विश्वास नहीं, इंसानियत नहीं ,ईमानदारी नहीं ,दूसरों के लिए मन मे सेवा ,त्याग और मदद की भावना नहीं , नैतिकता नहीं ,
फिर कोई फर्क नहीं पड़ता की आप मन मे कितनी बड़ी आस्था और श्रद्धा लेकर पूजा और भक्ति कर रहे है |
फिर भले ही कितना भी मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा जाकर माथा पटकते रहे | कोई फर्क नहीं पड़ता क्योकि ईश्वर भी देख रहे होते हैं की कैसा इंसान मेरे दर पर आया है |
तो क्यो करेंगे ईश्वर आपकी कोई इच्छा पूरी |
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माफ कीजिएगा लेकिन बहुत से इंसान ऐसे ही होते है जो अपनी हरकतों से बाज नहीं आते | यानी की मंदिर ,गुरुद्वारे और मस्जिद की दहलीज के अंदर तो पूरी श्रद्धा भक्ति दिखाएंगे मानो उनसे बड़ा भक्त कोई और नहीं ,
कोई कसर नहीं छोड़ेगें |
फिर दहलीज से बाहर आते ही अपनी रोज मर्रा की जिंदगी मे फिर से अपनी वही घटिया मानसिकता लिए घटिया काम करने शुरू कर देते है |
किसी की चुगली करेंगे वो ऐसी थी वो ऐसा था , दूसरों के लिए मन मे ईर्षा की भावना रखेंगे , दूसरों का बुरा चाहेंगे | बड़ो का सम्मान न करना , अपशब्द बोलना , गंदी भाषा का प्रयोग करना , दूसरों पर गंदी नजर रखना , किसी की मजबूरी का गलत फायदा उठाना , किसी को नीचा दिखाना चार लोगो मे दूसरों की बुराई करना , लोगो के साथ धोखा करना , काम मे बाईमानी करना |
ऐसी और भी ना जाने कितनी ही अनैतिक और अभद्रपूर्ण एक्टिविटी करते रहना उनकी रोज की जिंदगी मे शामिल होता है |
तब उनको ईश्वर की याद नहीं आती सारी इंसानियत को ताव पर रख कर वही करेंगे जो उनको करना अचा लगता है क्योकि सोच ही ऐसी बनी हुई है |
बता दूँ ऐसे लोग जीवन मे कभी सुखी नहीं रहते |
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ज़ब कोई इंसान या इंसान का कोई अपना जिंदगी और मौत से लड़ रहा होता है.
तब उस समय इंसान अपनी आँखे बंद कर लेता है आँखो से आंसू बह रहे होते है वो हाथ जोड़ मन ही मन ईश्वर को याद करता है. प्रार्थना करता है | की कैसे भी करके इस मुश्किल दौर से निकालो मुझे |
अपनी या अपनों की जिंदगी की दुआएं मांग रहा होता है.
बिना कुछ बोले ही अपने आँसुओं से सब कुछ बोल जाता है.
तमाम दर्द उसके आँसुओं से बह रहे होते है.
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फिर ऐसे मे ज़ब ईश्वर की किरपा हो जाए तो ईश्वर की जय जय कार शुरू.
लेकिन यदि वो इंसान मर जाए तो ईश्वर को कोसने लगते हो..
अपने किसी काम को सम्पन्न करवाने के लिए आपने ईश्वर की शरण ली ,यानी अपने ही किसी स्वार्थ की वजह से बहुत दिनों से आप ईश्वर की भक्ति कर रहे थे और मंदिर ,मस्जिद , गुरुद्वारा जाना शुरू कर दिया था |
फिर ऐसे मे जब उस इंसान का काम सम्पन्न नहीं होता तो ईश्वर को कोसने मे कोई कसर नहीं छोड़ता मैंने आपकी इतनी भक्ति की और आपने मेरे साथ ऐसा किया |
क्या यह जानना नहीं चाहोगे की ऐसा क्यो हुआ ?
चलो मान लिया भक्ति कर रहे थे लेकिन उसके बाद के समय मे आपने क्या किया , किसी न किसी का मज़ाक उड़ाया होगा किसी को नीचा दिखाया होगा और खुद को ऊच साबित किया होगा , किसी न किसी को गाली दी होगी , अपशब्द बोले होंगे , चुगली की होगी , किसी गरीब बेसहारा को देखा होगा तो मुंह फेर लिया होगा क्योकि आपके दस रुपए वेस्ट हो जाते ,
नि इनमे से कोई तो अनैतिक एक्टिविटी की ही होगी ?
तो एक बात बताऊँ ईश्वर आपके सारे कर्म देख रहा है , यहाँ तक की आपके मन के अंदर भी झांक रहा है की आप किस वजह से भक्ति कर रहे थे | या किस भावना से दूसरे सेवा या मदद कर रहे थे |
किसी स्वार्थ वश भक्ति करने को भक्ति नहीं कहते है |
भक्ति तो आस्था और विश्वास की वो पराकाष्ठा होती है जिसमे बहुत संयम रखना पड़ता है | ऐसे भक्ति मे खुद का कोई स्वार्थ नहीं छुपा होता |
खैर यह सब आप क्या जानोगे |
देर से सही पर ईश्वर तो सबकी सुनते है,
आप ईश्वर की कितनी सुनते है कभी विचार किया…
अलग अलग धर्म , मजहबी इंसानों और किताबों के द्वारा हर बार ईश्वर कहते है की हमेशा धर्म और इंसानियत के रास्ते पर चलो अच्छे कर्म करो
ना किसी का बुरा सोचो ना करो.
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तो क्या आपने इस पर अमल किया कभी?
नहीं. आपतो वही करोगे जैसा आप चाहोगे तब तो ये ईश्वर की बाते याद नहीं आरही होती.
फिर ज़ब अपने कर्मो से विपत्ति मे फंस जाते हो और मुश्किल हालातो से जूझ रहे होते हो. तब तुरत आँखो मे आंसू लिए हाथ बांधे ईश्वर को याद करने लगते हो,
पहुँच जाते हो मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा, या अल्लाह मदद कर, हे ईश्वर रक्षा करो…
क्यों यही सच है ना.
यही फितरत होती है एक स्वार्थी इंसान की जो पल भर मे बिना सोचे समझें ईश्वर को न्याय और अन्याय की कसौटी पर लाकर खड़ा कर देते है.
लोग कहते है वक़्त बुरा चल रहा है, किस्मत ही ख़राब है. अरे जनाब कभी अपने कर्मो पर भी नज़र डालो. कब तक यूँ वक़्त और किस्मत को कोसते रहोगे..
अब भी वक़्त है सुधर जाओ.
कभी बुरे कर्म ना करो. और हाँ , हर बात के लिए ये , ईश्वर को दोष देना बंद करो |
कर्म आप बुरे करते हो और दोष ईश्वर को देते हो यह कहाँ का न्याय है |
ईश्वर का दिखना या न दिखना तो आस्था, विश्वास और श्रद्धा पर निर्भर करता है |
ईश्वर संसार मे हर जगह मौजूद है वो हर इंसान के कर्मो को देख रहे है.
यह तो हमारी आस्था और विश्वास मे कमी होती है जो हम उन्हें पहचान नहीं पाते.
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तो दोस्तो यह religious thoughts आपको कैसे लगे ? आज इन religious thoughts से आपको बहुत ज्ञान मिला होगा | इन्हे शेयर जरूर करे ताकि लोगो के मन आस्था भक्ति को लेकर गलतफहमिया सही हो सके |
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