Class 5 moral stories hindi ––नमस्कार दोस्तों, स्वागत है आपका बच्चो के लिए ज्ञान और शिक्षा से भरी छोटी छोटी रोचक कहानियों की इस दुनियां मे.
हम यहां पर class 5 के बच्चों के लिए (Hindi short stories for kids) ज्ञान से भरी कहानियाँ लेकर आए है, जिसे आप अपने बच्चो को सुनाकर बहुत आसानी से उनके ज्ञान का विकास कर सकते है.
Class 5 की इन hindi moral stories से मिलने वाला ज्ञान जीवन मे बहुत काम आएंगे.
तो चलिए शुरू करते है –
Table of Contents
Class 5 moral story hindi || कछुए का आत्मविश्वास

एक बार की बात है जंगल मे नदी के किनारे एक खरगोश पेड़ के नीचे बैठ कर मजे से गाजर खा रहा था.
इतने मे नदी से एक कछुआ निकल कर आया.
कछुए की धीमी रफ़्तार को देख कर खरगोश को हसीं आगई.
कछुआ बोला. अरे खरगोश भाई क्यों हस रहे हो.?
खरगोश बोला – तुम इनती धीरे धीरे चलते हो इसलिए हसीं आगई. तुम जंगल के सबसे धीरे जीव हो.
कछुआ बोला – ये तुमसे किसने कहा की मैं धीरे चलता हूं. मैं अपनी जगह सबसे तेज चलता हूं.
तब खरगोश बोला यदि ऐसा है तो चलो एक रेस हो जाए. तब फैसला हो जाएगा की कौन ज़ादा तेज़ है.
कछुए ने भी हाँ कर दी. क्यों की कछुए को खुद पर पूरा भरोसा था.
कछुआ और खरगोश के रेस की प्रियोगिता की ये बात पूरे जंगल मे आग की तरह फ़ैल गई.
अब जंगल का हर जानवर इस रेस को देखने के लिए बहुत उत्त्सुकता था.
अगले दिन खरगोश और कछुए की रेस की प्रतियोगिता शुरू होने को बस कुछ समय बाक़ी था.
और इस बीच कछुए के मन मे विचार चल रहा था की मैं बिना रुके और बिना थके लगातार चल कर मीलो लंबा रास्ता तय कर सकता हूं. इसलिए ये रेस मैं अवश्य जीत सकता हूं.
वहीं दूसरी तरफ खरगोश ये सोच कर पूरी तरह विश्वास से भरा हुआ था की. मैं कछुए से कहीं ज़ादा तेज गति से भाग सकता हूं. अतः ये रेस तो मैं ही जीतूंगा.रेस जीतने जंगल का हर जीव मेरी वाह वाई करेगा |
वहीं इस रेस को देखने पहुचे जंगल का हर जानवर यही सोच रहा था..की कहाँ ये धीरे धीरे चलने वाला कछुआ और कहाँ वो तेज़ गति से भागने वाला खरगोश.
ये रेस तो खरगोश ही जीतेगा.
बस अगले ही पल रेस शुरू हो गई. देखते ही देखते खरगोश तेज गति से भागता हुआ कछुए से बहुत आगे निकल गया.
लेकिन कछुआ अपनी उसी चाल से लगातार चल रहा था. इधर खरगोश यूँ ही तेज रफ़्तार से भागता हुआ काफ़ी आगे निकल आया.
कुछ समय बाद खरगोश थोड़ा थक गया. तब खरगोश रुका और पीछे मुड़ कर देखने लगा. खरगोश को कछुआ दूर दूर तक कहीं भी नजर नहीं आरहा था
तब खरगोश ने सोचा की मैं तो काफ़ी आगे आगया हूं बस रेस जीतने के लिए थोड़ी सि दूर और जाना है.
लेकिन जल्दी भी क्या है. अभी तो कछुआ भाई बहुत दूर है. तब तक क्यों ना थोड़ा आराम कर लिया जाए.
आराम करते करते पेड़ की ठंडी छाँव के नीचे खरगोश को नींद आगई.
इतने मे कछुआ धीमी गति से चलता हुआ यहां तक आ पंहुचा जहाँ खरगोश सो रहा था.
खरगोश को सोता देख कछुआ चुपके से आगे निकल गया.
अब कछुआ रेस जीतने के लिए बस तीन कदम की दुरी पर था.
कछुए को इतनी आगे देख सभी जानवर दंग रह गए.. किसी को भी अपनी आँखो पर विश्वास नहीं हो रहा था की कछुआ रेस जीतने वाला है.
यह देख सब जानवर पूरे उत्साह से कछुए का हौसला बढ़ाने लगे.
जानवरो के इस शोर को सुन खरगोश की नींद टूट गई.
खरगोश की आँख खुली तो उसने देखा की ये क्या कछुआ इतनी आगे निकल गया..
ये देख खरगोश ने तेज़ रफ़्तार से भागना शुरू किया.
अब इससे पहले की खरगोश कछुए को पीछे करता कछुआ रेस जीत चुका था.
खरगोश मन ही मन बहुत पछताया. और बोलने लगा की यदि मैं सोया ना होता तो यह रेस मैं ही जीता होता.
Moral from this short story
दोस्तों इस पूरी कहानी (class 5 hindi moral story) से हमें सबसे पहली सीख ये मिलती है की…
- हमें अपनी ताकत और हौसलों पर अटूट विश्वास होना चाहिए इससे हौसले और इरादे हमेशा मजबूत रहते है.
- दूसरी सीख ये मिलती है की जिंदगी मे कभी ना रुको. धीरे सही लेकिन लगातार अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते चलो.
- जैसा की इस कहानी मे कछुए ने किया. लक्ष्य के लिए तेज़ भागने से कहीं बेहतर है निरंतर चलते रहना
तो देखा दोस्तों आपने – की कैसे एक तेज़ रफ़्तार खरगोश धीमी गति वाले कछुए से रेस हार गया.
क्योंकि की खरगोश तेज़ गति से भागने की वजह से जल्दी थक गया.और आराम करने लगा.
दूसरी बात कछुए को हल्के मे लेकर लापरवाह और बेपरवाह हो गया. नतीजा ये हुआ की खरगोश रेस हार गया.
यानी की लक्ष्य को सफलतापूर्वक हासिल करने के लिए ये आवश्यक नहीं की आप के अंदर कितनी तेजी है बल्कि ये जरुरी है की आप कार्य को कितनी देर तक लगातार कर सकते हो.
- तीसरी सीख ये मिलती है की आलस्य नहीं करना चाहिए. खरगोश ने आलस किया और रेस हार गया.
उम्मीद करता हूं class-5 की यह hindi moral stories आपको पसंद आई होंगी.
ज्ञान से भरी Hindi moral story की इस अद्भुत video को ?? लगा कर एक बार जरूर देखो ?
तो चलिए दोस्तों बढ़ते है अगली hindi moral stories की तरफ
कोयल और लोमड़ी || class-5 best hindi moral stories
एक बार की बात है. जंगल एक लोमड़ी बहुत भूखी थीं. वो खाने की तलाश मे बहुत देर से इधर से उधर भटक रही थीं.
लेकिन उसे कहीं भी खाना नहीं मिल रहा था.
इतने मे लोमड़ी की नजर आसमान की तरफ चोंच मे बड़े से पनीर का टुकड़ा लिए उड़ते हुए एक कोयल पर पड़ी.
लोमड़ी कोयल पर नजर रखते हुए उसका पीछा करने लगा.
कोयल एक पेड़ के ऊपर आकर बैठ गई.
कोयल पनीर को खाने वाली ही थीं की इतने मे लोमड़ी की आवाज़ आई .
की कोयल बहन. कैसी हो?
कोयल इधर उधर देखने लगी की ये कौन बोला?
लोमड़ी फिर से बोली. – अरे कोयल बहन नीचे देखो.
तब कोयल ने नीचे देखा.
अब लोमड़ी बोली – अरे कोयल बहन तुम्हारी आवाज़ बहुत सुंदर है.बहुत दिन हो गए तुम्हारा गीत नही सुना.
ज़ब भी तुम कूह कूह करके गीत गाती हो तो सच्च मे ऐसा प्रतीत होता है किसी ने कानो मे मिश्री घोल दी हो.
सच्च मे, मन करता है सुनता रहु.
तुम ज़ब भी गाती हो तो जंगल का हर जानवर पेड़ पौधे तुम्हारी आवाज़ का आनंद लेता है.
तुम्हरा गीत सच्च मे मन को बहुत सुकून देता है.
लोमड़ी की तारीफ भरी बातो को सुन कर कोयल गद गद हो गई. और ख़ुशी से फूल गई.
लोमड़ी कोयल की तारीफे करता गया और बोला की आज मेरा बहुत मन है तुम्हारा गीत सुनने का.
किर्प्या मुझे अपना संगीत सुना कर मेरे मन को तृप्त कर दो.
कोयल भी लोमड़ी की तारीफ भरी बातो मे इतना डूब गई की खुद को गीत गाने से रोक ही ना सकी.
अब जैसे ही कोयल ने गीत गाने के लिए अपना मुँह खोला. वैसे ही कोयल की चोंच मे रखा बड़ा सा पनीर का टुकड़ा जमीन मे गिर गया.
इधर लोमड़ी ने झट से उस पनीर के टुकड़े को खाया और चलते बना.
इधर कोयल बस देखते ही रह गई. और रोने लगी.
class 5 hindi moral स्तोरिएस से हमे क्या सखने को मिला ?
तो दोस्तों इस कहानी ये सीख मिलती है की अगर कोई आपकी इतनी ज़ादा तारीफे करे तो सतर्क हो जाओ. और दिमाग़ से काम लो. तारीफों के पुल के नीचे अक्सर “मतलब की नदी” बहती है.
किसी की झूटी तारीफों मे मत आओ.
तो चलिए दोस्तों बढ़ते है अगली hindi moral stories की तरफ
moral stories in hindi for class 5 |कोयला और चन्दन
दीपक नाम का एक लड़का था जो कुछ गलत बच्चो की संगत मे पड़ता जा रहा था. राहुल के माँ बाप को दीपक के भविष्य की लेकर बहुत फ़िक्र सताने लगी.
अब उनका मानना ये था की मारने पीटने से ये और ज़ादा ढीठ बन सकता है. इसलिए वो रोज दीपक को समझाते की बेटा बुरे बच्चो का साथ छोड़ दो. दिन पर दिन तुम्हारी आदते बिगड़ती जा रही है. दीपक पर उनके समझाने का कोई असर नही दिख रहा था.
एक दिन दीपक शाम को बहुत बुरी हालत मे घर पहुंचा. दीपक के कपड़े फ़टे हुए और गंदे थे, दीपक को कुछ जगह पर चोटे भी आई थी.
माँ ने दीपक को इस हालत मे देखा तो बहुत दुखी और अचंभित हो गई. माँ पूछने लगी की ये सब कैसे हुआ किसने मारा.
दीपक की हालत देख कर साफ पता लगा रहा था की दीपक झगड़ा कर के आया है.
इतने मे दीपक के पिता भी दफ्तर से घर पहुँच गए. दीपक की हालत देख पिता जी भी अचंभित रह गए
पिता जी के हाथ मे 4-5 कोयले के टुकड़े और दूसरे हाथ मे चंदन की लकड़ी थी.
पिता ने दीपक को बुलाया और दीपक के एक हाथ मे कोयले के टुकड़े और दूसरे हाथ मे चंदन की लकड़ी रखते हुए बोले. बेटा कुछ देर दोनों को अपने हाथों मे ऐसे ही पकड़े रखो.
कुछ समय बाद पिता ने बोला की बेटा अब दोनों नीचे रख दो. दीपक के जिस हाथ मे कोयला था उतनी जगह पर हाथ काला हो चुका था और जिस हाथ मे चंदन था वह हाथ बिलकुल साफ था. अब पिता ने कहा की कोयले की वजह से तुम्हारा हाथ काफ़ी गन्दा दिख रहा है अब इसे साफ करो. दीपक ने बहुत कोसिस की लेकिन अब भी दीपक का काफ़ी गन्दा ही दिख रहा था.
अब पिता ने दीपक को सीख देते हुए कहा की बेटा, ठीक ऐसी ही बुरी सांगत भी होती है बुरी संगत मे रहने से बुरी आदते पड़ना लाज़मी है बुरी आदते पड़ गई तो बहुत मुश्किल से छूटेंगी.बुरी संगत से बुरी आदते लगती है जो जीवन को बर्बाद कर देती है. जीवन मे दुख देती है.
वहीं दूसरी तरफ चंदन अच्छे लोगों की संगत की तरह है अच्छी संगत से जीवन मे अच्छी आदते और अच्छे गुण आते है जो जीवन को चंदन की खुशबु की तरह महका देते है.
पिता जी की इन बातो का दीपक के मन पर गहरा प्रभाव हुआ. दीपक ने उसी समय बुरे लोगों की संगत छोड़ दी.
शिक्षा – moral stories in hindi for class 5
इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की लोगों की संगत जीवन मे बड़े दुख का कारण बनती है. हमेशा अच्छे लोगों की सांगत मे रहो.
उम्मीद करता हूं यह moral stories in hindi for class 5 कहानी आपको बहुत पसंद आई होगी. ज्ञानवर्धक कहानियों से बच्चो के सुंदर चरित्र का निर्माण होता है. कहानियाँ लोगों के व्यवहार मे सकारात्मक परिवर्तन लेकर आती है. हम चुनिन्दा ऐसी hindi moral story खोज कर लाते है जिनसे मिलने वाले ज्ञान से किसी भी इंसान का जीवन बदल सकता है |
इसलिए चेतना को विकसित और मन को सुंदर बनाने वाली ज्ञान से भरी तमाम कहानियाँ हम अपने blog पर लाते रहते है. हमारे blog पर बने रहे और ऐसी ही तमाम ज्ञान से भरी कहानियाँ पढ़ते रही.
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