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Hindi short stories for class 1 शिक्षाप्रद लघु कहानियाँ

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Hindi short stories for class 1 शिक्षाप्रद लघु कहानियाँ

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका अद्भुत ज्ञान से भरी Hindi short stories for class 1के बच्चो के लिए लघु कहानियों मे.

Class 1 से लेकर class 10 तक के बच्चो के लिए ऐसी तमाम ज्ञान से भरी कहानियाँ हम लाते रहते है जिनसे बच्चो के सुंदर चरित्र का निर्माण  बौद्धक एवं मानसिक विकास होता है.

 

मोहन सिंह की इर्षा – Hindi short stories for class 1

मोहन सिंह नाम एक बहुत बड़ा दुकान दार था. पूरे कस्बे मे बस कुछ ही दुकाने थी जिसमे सबसे बड़ी दुकान मोहन सिंह की थी. समय बीतता गया और कस्बे के लोगों की आय बढ़ने लगी. कस्बे का व्यक्ति अच्छा धन कमाने लगा.

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लेकिन मोहोन सिंह को ये बात जमीं नही, क्योंकि वो नहीं चाहता था की कस्बे मे कोई उससे ज़ादा धनवान हो इसलिए वो अपने ग्रहको को इर्षा भरी नजर देखता रहता जिस वजह से ग्रहको ने धीरे धीरे मोहन सिँह की दुकान से सामान खरीदना बंद कर दिया.

मोहन सिंह का तो देखते ही देखते धंधा ही चौपट हो गया.

 

कहानी से सीख – moral from this story

तो प्यारे बच्चो आज इस कहानी से हमने सीखा की 

दूसरों से कभी इर्षा मत करो और ना ही इर्षा की भावना रखो. मोहन सिंह इर्षा की भावना से इस कदर भर गया था की वो ये बात भूल ही गया की उसके ग्रहको की बरकत ही उसकी बरकत है.

अतः दूसरों से इर्षा जलन की भावना रखना खुद का नुकसान करने के समान है.

चलिए बढ़ते है  अगली short story लघु कहानी की तरफ 

 

सही मौका – short moral storyHindi short stories for class 1

एक जंगल मे तीन बैल रहते थे,जिनकी बड़ी बड़ी सींघे थी. तीनो बैल बहुत बलशाली थे. तीनो बैल आपस मे बहुत अच्छे मित्र थे.  उसी जंगल मे एक शेर भी रहता था जो छोटे मोटे शिकार करके अपना पेट भर लिया करता था.

 

एक दिन ज़ब शेर को कोई शिकार नहीं मिला शेर जंगल मे भूखे पेट इधर उधर भटकते रहा. घूमते घूमते शेर की नजर उन तीनो बैलो पर पड़ी जो मजे से घास खा रहे थे.

शेर ने सोचा की अभी शिकार करना सही नहीं रहेगा ये तीनो आपस मे बड़े गहरे मित्र लगते है और मै अकेला हूं. अगर मैं इनपर हमला करूंगा तो ये तीनो बैल अपनी बड़ी बड़ी मजबूत सींघो से मुझ पर हमला करेंगे.

 

फिर शेर ने मन ही मन कहा की ज़ब ये तीनो अलग अलग होंगे तब एक एक करके मै इनका शिकार करूंगा.

ये सोच कर शेर कुछ दिन उन तीनो पर नजर रखने लगा. एक दिन तीनो बैलो मे किसी बात को लेकर लड़ाई हो गई. तीनो की दोस्ती टूट गई और तीनो अलग अलग रहने लगे.

 

यही सही मौका देख कर शेर ने एक एक करके तीनो बैलो को मार कर खा लिया.

 

कहानी से सीख – Hindi short stories for class 1

तो देखा बच्चो, ज़ब तक बैल एक साथ थे तब तक शेर की हिम्मत भी नहीं हुई उनके पास जाने की और ज़ब बैलो की दोस्ती खत्म हो गई तो एकता भी खत्म हो गई और यही मौका देख कर शेर ने तीनो को एक एक करके मार डाला.

तो प्यारे बच्चो इस कहानी से दो सीख मिलती है पहली ये की हमेशा एक जुट होकर रहो एकता मे बहुत ताकत होती है, दूसरी सीख ये मिलती है की लड़ाई झगड़े से नुकसान अपना ही होता है और दूसरे लोग इसका फायदा उठा ले जाते है.

 

चलिए बढ़ते है अगली hindi short stories for class 1 की तरफ.

 

मूर्तिकार ने दिया ज्ञान hindi short story

 

एक बार एक व्यक्ति मूर्ति बनवाने के लिए किसी मूर्तिकार को खोजता हुआ एक गांव मे पहुंचा वहाँ उसने देखा की एक व्यक्ति छैनी हथोड़ा लिए एक बड़े से पत्थर को तोड़े जा यहा था.

 

वो व्यक्ति उस पत्थर तोड़ने वाले के पास जाकर मूर्तिकार का घर पूछने लगा. वो पत्थर तोड़ने वाला व्यक्ति बोला की अरे भाई हम ही मूर्तिकार है,

 

इस पर व्यक्ति बोलता है की तुम तो इस पत्थर को दौड़ रहे हो मूर्ति कैसे बनाओगे. मूर्तिकार बोला, मूर्तियां ऐसे ही बनाई जाती है.

 

मूर्ति पत्थरो मे पहले से ही छुपी होती है..हम इन पत्थरो को थोड़ा थोड़ा तोड़ कर उस मूर्ति को बाहर निकाल लेते है.

 

कहानी से सीख – short story for class 1

 

ठीक इसी प्रकार हममे भी हद से ज़ादा लोभ, मोह, ईर्षा, आलस, बेईमानी, वासना जैसी कई तरह की बुराइयाँ चिपकी रहती है जिन्हे अच्छी सोच और कर्मो के माध्यम से एक एक करके नष्ट किया जाता है 

 

 जिसके बाद हमारे अंदर छुपा सुंदर चरित्र बाहर निकल कर आने लगता है.

चलिए बढ़ते है अगली hindi short stories for class 1 की तरफ

करेले की सीख -hindi stories for class 1 moral story 

एक मोहन चंद नाम का गरीब मज़दूर, एक अमीर सेठ के यहां नौकर था।

 

मोहन चंद का सेठ मोहन से तो बहुत खुश था लेकिन जब भी कोई कटु अनुभव होता तो वह ईश्वर को बहुत दोष देता था ।

 

एक दिन सेठ करेला खा रहा था । संयोग से वह ककड़ी कड़वी थी । सेठ ने वह ककड़ी मोहन चंद को दे दी । मोहन चंद ने उसे बड़े चाव से खाया जैसे वह बहुत स्वादिष्ट हो ।

 

सेठ ने पूछा – “ ककड़ी तो बहुत कड़वी थी मोहन चंद । भला तुम ऐसे कैसे खा गये ?”

 

तो मोहन चंद बोला – “ सेठ जी आप मेरे मालिक है । रोज ही स्वादिष्ट भोजन देते है । अगर एक दिन कुछ कड़वा भी दे दिए तो उसे स्वीकार करने में क्या हर्ज है।”

 

राजा जी इसी प्रकार अगर ईश्वर ने इतनी सुख–सम्पदाएँ दी है, और कभी कोई कष्ट भरे दिन,दे भी दे तो उसकी सद भावना पर संदेह करना ठीक नहीं ।जन्म,जीवन की तमाम भागदौड़, तथा मृत्यु सब उसी की देन है।

 

कहानी से सीख – hindi short stories for class 1

इस कहानी से हमें सीख मिलती है की जीवन मे यदि दुख कस्ट आए तो उसे सहज ही ख़ुशी ख़ुशी स्वीकार करें क्योकि ईश्वर जी करता है अच्छे के लिए करता है और वक़्त हमेशा एक सा नहीं रहता. इसलिए ईश्वर को दोष ना दें

 

बच्चों के बौद्धिक विकास एवं सुंदर चरित्र के लिए ज्ञान से भरी  तमाम कहानियाँ हम अपने blog पर लाते रहते है. जुड़े रहे हमारे blog से.

 

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