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Hindi moral story सच्ची मदद प्रेरक कहानी

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Hindi moral story सच्ची मदद प्रेरक कहानी – नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका आज की एक और प्रेरक कहानी मे. जीवन मे प्रेरक कहानियाँ एक ऐसी सीख देकर जाती है जिससे मनुष्य का मन सदाचारी व नैतिकता से भर जाता है वह सभ्य जीवन जीता है और वहीं सभ्य मनुष्य समाज मे एक अच्छे इंसान की भूमिका निभाता है.तो चलिए पढ़ते है आज की moral story और देखते है की आज की इस moral story से क्या सीखने को मिलता है.

 

Hindi moral story सच्ची मदद

 

एक विशालकाय पेड़ पर एक चिड़िया का घोंसला था जिसमे चिड़िया ने दो बच्चों को जन्म दिया था…मादा चिड़िया अपने बच्चों की देख भाल करती और नर चिड़िया बच्चों के लिए रोज भोजन की व्यवस्था करता.. दोनों मिलकर बच्चों का पालन पोषण अच्छे से कर रहे थे. एक महीना बीत चुका था बच्चों के पँख भी निकल आए थे लेकिन अभी उन्हें उड़ना नहीं आता था..दोनों नन्हे परिंदो को एक दिन उनके माता पिता उड़ाना सिखा रहे थे, थोनो परिंदो मे उड़ने की बहुत ललक थी…थोड़ा थोड़ा उड़ने भी लगे थे.. लेकिन उसी रात को घने बादलो ने दस्तक दी…. देखते ही देखते ज़ोरदार आंधी आती है.

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तूफान थमने के बाद, उनमे से एक नन्हा परिंदा अपने परिवार-जनों से बिछड़ कर अपने आशियाने से बहुत दूर आ गया था । उस नन्हे परिंदे को अभी उड़ान भरने अच्छे से नहीं आता था… उसने उड़ना सीखना अभी शुरू ही किया था ! उधर नन्हे परिंदे के परिवार वाले बहुत परेशान थे और उसके आने की राह देख रहे थे । इधर नन्हा परिंदा भी समझ नहीं पा रहा था कि वो अपने आशियाने तक कैसे पहुंचे?*

 

*वह उड़ान भरने की काफी कोशिश कर रहा था पर बार-बार कुछ ऊपर उठ कर गिर जाता।*

 

*कुछ दूर से एक अनजान परिंदा अपने मित्र के साथ ये सब दृश्य बड़े गौर से देख रहा था । कुछ देर देखने के बाद वो दोनों परिंदे उस नन्हे परिंदे के करीब आ पहुंचे । नन्हा परिंदा उन्हें देख के पहले घबरा गया फिर उसने सोचा शायद ये उसकी मदद करें और उसे घर तक पहुंचा दें ।*

 

*अनजान परिंदा – क्या हुआ नन्हे परिंदे काफी परेशान हो ?*

 

*नन्हा परिंदा – मैं रास्ता भटक गया हूँ और मुझे शाम होने से पहले अपने घर लौटना है । मुझे उड़ान भरना अभी अच्छे से नहीं आता । मेरे घर वाले बहुत परेशान हो रहे होंगे । आप मुझे उड़ान भरना सीखा सकते है ? मैं काफी देर से कोशिश कर रहा हूँ पर कामयाबी नहीं मिल पा रही है ।*

 

*अनजान परिंदा – (थोड़ी देर सोचने के बाद )- जब उड़ान भरना सीखा नहीं तो इतना दूर निकलने की क्या जरुरत थी ? वह अपने मित्र के साथ मिलकर नन्हे परिंदे का मज़ाक उड़ाने लगा ।*

 

*उन लोगो की बातों से नन्हा परिंदा बहुत क्रोधित हो रहा था ।*

 

*अनजान परिंदा हँसते हुए बोला – देखो हम तो उड़ान भरना जानते हैं और अपनी मर्जी से कहीं भी जा सकते हैं । इतना कहकर अनजान परिंदे ने उस नन्हे परिंदे के सामने पहली उड़ान भरी । वह फिर थोड़ी देर बाद लौटकर आया और दो-चार कड़वी बातें बोल पुनः उड़ गया । ऐसा उसने पांच- छः बार किया और जब इस बार वो उड़ान भर के वापस आया तो नन्हा परिंदा वहां नहीं था ।*

 

*अनजान परिंदा अपने मित्र से- नन्हे परिंदे ने उड़ान भर ली ना? उस समय अनजान परिंदे के चेहरे पर ख़ुशी झलक रही थी ।*

 

*मित्र परिंदा – हाँ नन्हे परिंदे ने तो उड़ान भर ली लेकिन तुम इतना खुश क्यों हो रहे हो मित्र? तुमने तो उसका कितना मज़ाक बनाया ।*

 

*अनजान परिंदा – मित्र तुमने मेरी सिर्फ नकारात्मकता पर ध्यान दिया । लेकिन नन्हा परिंदा मेरी नकारात्मकता पर कम और सकारात्मकता पर ज्यादा ध्यान दे रहा था । इसका मतलब यह है कि उसने मेरे मज़ाक को अनदेखा करते हुए मेरी उड़ान भरने वाली चाल पर ज्यादा ध्यान दिया और वह उड़ान भरने में सफल हुआ ।*

 

*मित्र परिंदा – जब तुम्हे उसे उड़ान भरना सिखाना ही था तो उसका मज़ाक बनाकर क्यों सिखाया ?*

 

अनजान परिंदा – मित्र, नन्हा परिंदा अपने जीवन की पहली बड़ी उड़ान भर रहा था और मैं उसके लिए अजनबी था । अगर मैं उसको सीधे तरीके से उड़ना सिखाता तो वह पूरी ज़िंदगी मेरे एहसान के नीचे दबा रहता और आगे भी शायद ज्यादा कोशिश खुद से नहीं करता ।

 

*मैंने उस परिंदे के अंदर छिपी लगन देखी थी। जब मैंने उसको कोशिश करते हुए देखा था तभी समझ गया था इसे बस थोड़ी सी दिशा देने की जरुरत है और जो मैंने अनजाने में उसे दी और वो अपने मंजिल को पाने में कामयाब हुआ ।अब वो पूरी ज़िंदगी खुद से कोशिश करेगा और दूसरों से कम मदद मांगेगा । इसी के साथ उसके अंदर आत्मविश्वास भी ज्यादा बढ़ेगा ।*

 

*मित्र परिंदे ने अनजान परिंदे की तारीफ करते हुए बोला तुम बहुत महान हो, जिस तरह से तुमने उस नन्हे परिंदे की मदद की वही सच्ची मदद है…*

 

चलिए अब जानते है इस Hindi moral story सच्ची मदद प्रेरक कहानी से सीख मिलती है.

 

*मित्रों , सच्ची मदद वही है जो मदद पाने वाले को ये महसूस न होने दे कि उसकी मदद की गयी है . बहुत बार लोग सहायता तो करते हैं पर उसका ढिंढोरा पीटने से नहीं चूकते। ऐसी सहायता किस काम की ! परिंदों की ये कहानी हम इंसानो के लिए भी एक सीख है कि हम लोगों की मदद तो करें पर उसे जताएं नहीं !*

 

तो उम्मीद करता हु की यह Hindi moral story सच्ची मदद प्रेरक कहानी आपको अच्छी लगी होगी.

 

ऐसी ही और भी ज्ञान से भरी कहानियाँ पढ़ने के लिए बने रहे ज्ञान कुम्भ के साथ.

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