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moral stories in hindi for class 5

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नमसकर दोस्तो आज हम लाए है बच्चो के लिए बेहद ज्ञान से भरी moral stories in hindi for class 5 | कहानियाँ इंसान के जीवन मे बहुत महत्व रखती है | हम यहाँ पर हर उम्र के लोगो के लिए शिक्षाप्रद नैतिक कहानियाँ लेकर आते है |

 

moral stories in hindi for class 5 |कोयला और चन्दन 

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दीपक नाम का एक लड़का था जो कुछ गलत बच्चो की संगत मे पड़ता जा रहा था. राहुल के माँ बाप को दीपक के भविष्य की लेकर बहुत फ़िक्र सताने लगी.

अब उनका मानना ये था की मारने पीटने से ये और ज़ादा ढीठ बन सकता है. इसलिए वो रोज दीपक को समझाते की बेटा बुरे बच्चो का साथ छोड़ दो. दिन पर दिन तुम्हारी आदते बिगड़ती जा रही है. दीपक पर उनके समझाने का कोई असर नही दिख रहा था.

 

एक दिन दीपक शाम को बहुत बुरी हालत मे घर पहुंचा. दीपक के कपड़े फ़टे हुए और गंदे थे, दीपक को कुछ जगह पर चोटे भी आई थी.

 

माँ ने दीपक को इस हालत मे देखा तो बहुत दुखी और अचंभित हो गई. माँ पूछने लगी की ये सब कैसे हुआ किसने मारा.

 

दीपक की हालत देख कर साफ पता लगा रहा था की दीपक झगड़ा कर के आया है.

इतने मे दीपक के पिता भी दफ्तर से घर पहुँच गए. दीपक की हालत देख पिता जी भी अचंभित रह गए

पिता जी के हाथ मे 4-5 कोयले के टुकड़े और दूसरे हाथ मे चंदन की लकड़ी थी.

 

पिता ने दीपक को बुलाया और दीपक के एक हाथ मे कोयले के टुकड़े और दूसरे हाथ मे चंदन की लकड़ी रखते हुए बोले. बेटा कुछ देर दोनों को अपने हाथों मे ऐसे ही पकड़े रखो.

 

कुछ समय बाद पिता ने बोला की बेटा अब दोनों नीचे रख दो. दीपक के जिस हाथ मे कोयला था उतनी जगह पर हाथ काला हो चुका था और जिस हाथ मे चंदन था वह हाथ बिलकुल साफ था. अब पिता ने कहा की कोयले की वजह से तुम्हारा हाथ काफ़ी गन्दा दिख रहा है अब इसे बिना से साफ करो. दीपक ने बहुत कोसिस की लेकिन अब भी दीपक का काफ़ी गन्दा ही दिख रहा था.

 

अब पिता ने दीपक को सीख देते हुए कहा की बेटा, ठीक ऐसी ही बुरी सांगत भी होती है बुरी संगत मे रहने से बुरी आदते पड़ना लाज़मी है बुरी आदते पड़ गई तो बहुत मुश्किल से छूटेंगी.बुरी संगत से बुरी आदते लगती है जो जीवन को बर्बाद कर देती है. जीवन मे दुख देती है.

 

वहीं दूसरी तरफ चंदन अच्छे लोगों की संगत की तरह है अच्छी संगत से जीवन मे अच्छी आदते और अच्छे गुण आते है जो जीवन को चंदन की खुशबु की तरह महका देते है.

 

पिता जी की इन बातो का दीपक के मन पर गहरा प्रभाव हुआ. दीपक ने उसी समय बुरे लोगों की संगत छोड़ दी.

शिक्षा – moral stories in hindi for class 5

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की लोगों की संगत जीवन मे बड़े दुख का कारण बनती है. हमेशा अच्छे लोगों की सांगत मे रहो.

उम्मीद करता हूं यह moral stories in hindi for class 5 कहानी आपको बहुत पसंद आई होगी. ज्ञानवर्धक कहानियों से बच्चो के सुंदर चरित्र का निर्माण होता है. कहानियाँ लोगों के व्यवहार मे सकारात्मक परिवर्तन लेकर आती है. हम चुनिन्दा ऐसी hindi moral story खोज कर लाते है जिनसे मिलने वाले ज्ञान से  किसी भी इंसान का जीवन बदल सकता है |

 

इसलिए चेतना को विकसित और मन को सुंदर बनाने वाली ज्ञान से भरी तमाम कहानियाँ हम अपने blog पर लाते रहते है. हमारे blog पर बने रहे और ऐसी ही तमाम ज्ञान से भरी कहानियाँ पढ़ते रही.

 

Short Moral story for class 5 in hindi

एक बार एक टोपी वाला अपने साथ एक बड़े से संदूक मे खूब सारी रंग बिरंगी टॉपियाँ लेकर उसे बेचने के लिये दूसरे गांव की ओर जा रहा था.

टोपी वाला बहुत देर से चलते चलते एक छोटे से पुल के ऊपर से होता हुआ एक गांव मे प्रवेश करता है.

 बहुत दूर से चल कर आने की वजह से टोपी वाला बहुत थक जाता है. वहीं उसे एक बड़ा सा विशालकाय बरगद का पेड़ दिखाई देता है जिसकी ठंडी छाँव के नीचे बैठ कर वो आराम करने लगा.

आराम करते करते उसे नींद आजाती है. उसी बरगद पर खूब सारे बंदर रहते थे जो बड़े ही शरारती और नटखट बंदर थे.

बंदरो ने ज़ब देखा की नीचे एक व्यक्ति लेटा हुआ है और उसके साथ एक बहुत बड़ा संदूक है, तो वह बंदर पेड़ से नीचे उतर चुपके से संदूक के पास आए और छेड़खानी करनी शुरू कर दी.

एक बंदर ने तो संदूक ही खोल दिया. अब जैसे ही संदूक खुला, तो बंदरो की नज़र, संदूक मे रखे रंग बरंगे टॉपियों पर पड़ी.

बंदर एक एक करके तमाम टॉपियों को उठा कर पेड़ पर चढ़ गए, इतने मे जैसे ही टोपी वाले की नींद खुली तो उसने देखा की उसका संदूक खुला है और उसमे से आधे से ज़ादा टोपिया नहीं है.

टोपी वाले बंदरो की आवाज़े सुनी तो सर उठा कर ऊपर देखा. टोपी वाला हैरान हों गया, और चिल्लाने लगा, अरे मेरी टोपिया.  अरे बापिस करो….

टोपी वाले को कुछ समझ नहीं असरहा था और बहुत गुस्सा भी आरहा था. गुस्से मे टोपी वाले ने वहाँ आस पास मौजूद छोटे बड़े पत्थर उठा कर बंदरो की ओर फैकना शुरू किया. ताकी वो डर कर टोपी नीचे फैक दे.

लेकिन ऐसा नहीं हुआ, उल्टा बंदरो ने भी पत्थर, उठाकर टोपी वाले को मारने लगे.

 

अब टोपी वाला बहुत परेशान हों कर बैठ गया और आराम से विचार करने लगा की आखिर किस तरह इन बंदरो से टोपी ली जाए. तब टोपी वाले के दिमाग़ मे एक युक्ति आती है. टोपी वाला ने इस बात पर ध्यान दिया की बंदर तो नकलची होते है. इतना सोच तुरंत टोपी वाले ने सभी बंदरो का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया और अपनी टोपी उसने संदूक की फैक दी. यह देख बंदरो ने भी उसी की नकल करते हुए अपनी टोपियाँ उतार कर नीचे संदूक की ओर फैकनी शुरू कर दी.

 

टोपी वाले ने तेजी से सभी टोपियाँ इकट्ठा की और संदूक मे डाल कर तुरंत वहाँ से निकल लिया.

 

Short Moral story for class 5 in hindi – कहानी से सीख

मुसीबत के पलो मे हमेशा धैर्य से काम लेना चाहिये. क्योंकि संयम और शांत मन से सोचने पर ही कोई युक्ति निकल कर आती है जो हमें बड़ी से बड़ी मुसीबत से बाहर निकाल देती है. एक idea हमें बड़ी समस्या का समाधान दिला सकता है.

 

 

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