Inspirational story of buddha in hindi – नमस्कार दोस्तों,स्वागत हैं आपका आज महात्मा बुद्ध के जीवन से प्रेरित ज्ञान से भरी एक और शिक्षाप्रद कहानी मे |
डाकू अंगुली माल और महात्मा बुद्ध की घटना तो आप सब ने सुनी ही होगी. तो आज की ये कहानी उसी का अगला part हैं की ज़ब आंगलीमाल एक बौद्ध भिक्षु बन गया तो लोगो ने उसके साथ क्या किया.
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अंगुलीमाल डाकू का बदलाव
जीवन मे हर ब्यक्ति बदलाव चाहता है, रूपांतरण चाहता है । यह बदलाव या रूपांतरण दो तरीकों से होता है । पहला तरीका हमारे खुद का अनुभव होता है । हम अपने जीवन के अंदर बोहोत सारे अनुभव प्राप्त करतें है । और, उन अनुभवों के हिसाब से अपने जीवन को बदलते चले जातें है ।
और, दूसरा तरीका है, दूसरों के अनुभवों से अपने जीवन में रूपांतरण लाना, बदलाव लाना । इस तरीके को समझदार लोग प्रयोग मे लाते है । वो लोग यह बात समझ पातें है के हमारे पास समय बोहोत कम है और अनुभव करने के लिए बहुत सारी चीजें है । इसीलिए वो, अपने जीवन के अनुभवों के साथ साथ दूसरे लोगों के जीवन के अनुभवों से भी सीखतें है ।
तो चलिए आज बुद्ध के जीवन की एक और जीवन बदल देने वाली कहानी से अनमोल ज्ञान प्राप्त कर अपने जीवन को बदलने का प्रयास करते हैं.
एक बार एक बौद्ध भिक्षुक, भिक्षा टन के साथ एक गांव मे प्रवेश करता है । जैसे ही वह भिक्षुक भिक्षाटन लिए गांव में प्रवेश करता है, सभी लोग उसे घूर घूर कर देखने लगतें है । वह भिक्षुक कुछ और आगे चलता है । लोग भी उस भिक्षुक के पीछे पीछे चलने लगते है । लोगों की संख्या निरंतर बढ़ती चली जाती है । और सभी लोग उस भिक्षुक को चारों ओर से घेर लेतें है । और उस भिक्षुक को पत्थर और डंडो से पीटने लगतें है ।
इक्तिफाक से सामने के गांव मे महात्मा बुद्ध अपने शिस्यो के साथ आए हुए थे.
उस गांव के ही एक ब्यक्ति के द्वारा बूद्ध तक यह खबर पहुंचाई जाती है । जैसे ही बुद्ध को यह पता चलता है कि उनके भिक्षुक को पीटा जा रहा है, बूद्ध अत्यंत शिघ्रता से उस गांव में पहुँच जाते है । बूद्ध, उनके भिक्षुक को पीटता देख दौड़कर उसके पास जाते है, और सभी पत्थर और डंडों के बीच अपने शरीर को ले आते है । उस भिक्षुक पर लगने वाला हर पत्थर, हर डंडा, बूद्ध अपने शरीर पर सहते है ।
बूद्ध को देखकर गांव के कुछ लोग दूसरे लोगों को समझाने लगते है और सभी को रुक जाने को केहतें हे । सभी लोग पत्थर और डंडा मारना बंद कर देतें है ।
बूद्ध, गांववालों से पूछते है, “तुम इसे क्यों मार रहे हो ? इसने क्या अपराध किया जो तुम इसे दंडित कर रहे हो ?”
सभी लोग बूद्ध से केहतें है, “हे बूद्ध, हमे इस पापी को दंडित करने दीजिये । यह एक डाकू है, यह राक्षस है, जिसने न जाने कितने लोगों के प्राण लिए है ! यह अंगुलिमाल डाकू है बूद्ध । यह क्या सोचता है, भिक्षुक बनकर हमसे बच जाएगा ? हम इसे जीवित नही छोड़ेंगे । कृपाकर आप हमारे समक्ष से हट जाइये बूद्ध ! हमे, इसे दंड देने दीजिये ।”
बूद्ध कहते है, “तुम इसे इसके भूतकाल के कर्मों के कारण पीटा रहे हो या इसके वर्तमान के अछे कर्मों के कारण ? तुम केहते हो, इसने बोहोत सारे लोगों के प्राण लिए है । हा यह एक खतरनाक डाकू था । पर क्या, तुम अब इसके भीतर बदलाव नही देख पा रहे ? क्या तुम यह नही देख पा रहे कि यह इतनी देर से तुम्हारी मार सेह रहा है । अगर यह वही पुराना अंगुलिमाल होता, तो क्या तुममेसे कोई भी इसे एक उंगली भी लगा सकता था ।
क्योंकि इसने अब पुराने सभी बुरे कृत्य छोड़ दिये है । इसका मन व व्यवहार पूर्णतः बदल चुका हैं यह एक नेक रास्ते पर हैं, इशिलिये यह चुपचाप तुम्हारे प्रत्येक प्रहार को सेह रहा है । अगर यह वही पुराना अंगुलिमाल होता, तो अब तक शायद ही आप मे से यहां कोई जीवित बच पाता.
अब स्वयं विचार करें, आपके इतना अत्याचर करने पर भी यह बिना कोई अपशब्द बोले या प्रतिक्रिया दिए चुप चाप सहता रहा. आप अपना क्रोध भूतकाल की घटनाओ को याद करके उतार रहे जिसका कोई लाभ नहीं क्योंकि आपके ऐसा करने से वो लोग वापिस नहीं लाए जा सकते हैं जो अंगुलीमाल की वजह से मृत्यु को प्राप्त हुए थे तो क्यों अपनी ऊर्जा व्यर्थ कर रहे.
बूद्ध का वह भिक्षुक जो पहले डाकू अंगुलिमाल नाम से प्रसिद्ध था, वह कहता है, “बूद्ध, आप मुझे इन्हें मार लेने दीजिये । जब तक कि इनका क्रोध शांत न हो जाये ।मै जानता हूँ भूतकाल मे जो कुकर्म मैंने किये हैं उसकी भरपाई मेरी मृत्यु से भी नहीं होगी.
भयंकर डाकू उंगलिमाल के मुंह से ऐसी बातें सुन हाथों मे पत्थर लाठी लिये लोग ख़ुद ही शर्मिंदा हों गए और उनके हाथ से लाठी पत्थर छूट कर जमीन पर गिर गए. सभी हाथ जोड़े बुद्ध के सामने खड़े हों गए.
Inspirational story of buddha in hindi से सीख
दोस्तों, जीवन मे बदलाव लाया जा सकता है ।वक़्त के साथ साथ जीवन मे सकारात्मक बदलाव आवश्यक हैं. पर बदलाव के बाद आने वाली समस्याओं के कारण दोबारा से वही बन जाना, जो आप पेहले थे; यह एक बहुत बड़ी गलती है । किस्मत क़ई बार मौका देती हैं सुधरने का और ईश्वर, जीवन मे ऐसी परिस्थितियाँ लाकर उसे परखते रहते हैं.
आपको, एक बात हमेशा याद रखनी चाहिए कि आपने अपने जीवन मे बदलाव अपने कारण लाया है,किसी दूसरे ब्यक्ति के कारण नही ।
इंसान के मन की आत्मग्लानि एक दिन उसे जरूर बदल देती हैं. हम ग़लत मार्ग पर तब तक ही चलते रहते हैं ज़ब तक हमारे मन मे अज्ञानता का, ग़लत संगत का, और गलत फेहमी का पर्दा पड़ा होता हैं.
तो दोस्तों यह Inspirational story of buddha in hindi आपको कैसी लगी कमेंट मे जरूर बताना.
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Bhai quora se aya hun apke blog par bahut gazab likhte ho
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