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best hindi naitik kahani भगवान सब देखते हैं

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hindi naitik kahani -हिन्दी कहानियाँ –  नैतिक कहानियों का जीवन मे बहुत अधिक महत्त्व होता है |नमस्कार दोतो मैं हरजीत मौर्या आज फिर से आपके लिए ज्ञान से भरी एक top naitik  story hindi kahani  (शिक्षाप्रद कहानी) लें कर आया हूं. 

शिक्षाप्रद कहानियाँ (hindi moral hindi kahani) हर इंसान की जिंदगी मे बहुत बड़ा रोल play करती है |

क्योकि इन moral stories hindi kahani मे ऐसी बहुत सी ज्ञान की बातें छुपी होती है जिसे जानने के बाद एचआर इंसान अपने जीवन की बहुत सी परेशानियों एवम दुख तकलीफ़ों का समाधान निकाल सकता है |

तो चलिये शुरू करते है हमारी आज की  hindi kahani

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ईश्वर सब देखते है | best hindi moral naitik story hindi kahani

बहुत पुराने समय की बात है एक ज्ञानी ऋषि हुआ करते थे. उनका एक गुरुकुल भी था. जहाँ बहुत सारे बालक शिक्षा प्राप्त करते थे.

 

गुरुकुल मे पानी का बहुत सुंदर मटका रखा हुआ था. ज़ब खेल कूद का वक़्त हुआ तो वहाँ कोई गुरु मौजूद नहीं था. ज़ब दो बालक आपस मे लड़ने लगे जिस वजह से मटका टूट गया.

 

मटके के टूटने की आवाज़ सुन गुरु जी वहाँ पहुंच गए. दोनों बच्चे डरे हुए खड़े हुए थे. तब गुरु जी ने सोचा की क्यों ना इनके ज्ञान की परीक्षा ली जाए.

 

गुरु जी बोले की दंड के अधिकारी तो आप दोनों ही हो. दोनों को इसकी सजा मिलेगी. लेकिन मैं तुम दोनों को एक मौका देता हूं दंड से बचने का.

 

गुरु जी ने दोनों के हाथो मे एक एक मुर्गी थमाते हुए बोला की इस मुर्गी को जो सबसे पहले मार कर मेरे पास लाएगा मैं उसे क्षमा कर दूंगा.

 

लेकिन शर्त ये है की मुर्गी को वहाँ मारना है जहाँ तुम्हे इसे मारता हुआ कोई ना देखें.

 

इतना सुनते ही दोनों बालक मुर्गी लें कर किसी सुनसान जगह की ओर भाग पड़े. पहले बच्चे का नाम था ध्रुव ओर दूसरे का नाम था महेश.

 

ध्रुव ने वो जगह खोज ली जहाँ कोई भी इंसान नहीं था. ध्रुव ने आव देखा ना ताव मुर्गी का गला मरोड़ कर मार दिया.

 

ध्रुव मरी हुई मुर्गी लें कर ध्रुव गुरु जी के पास पंहुचा. गुरु जी आश्चर्य मे बोले तुमने मुर्गी मार दी, ठीक हैं अब महेश के लौटने का भी इंतज़ार करते हैं.महेश को आ जाने दो आज उसे दंड दें कर रहूँगा.

 

आखिर कार बहुत देर बाद ज़ब महेश गुरु जी के पास वापिस लौटा तो गुरु जी और ध्रुव, महेश के हाथो मे मुर्गी को जिन्दा और सही सलामत देख कर बहुत हैरान थे.

 

हालांकि गुरु जी मन ही मन बहुत खुश थे.

 

फिर भी गुरु जी ने पूछ ही लिया की, अरे महेश ये क्या? तुमने इस मुर्गी को क्यों नहीं मारा.

 

महेश थकी हुई आवाज़ मे हाँफ्ते हुए बोला–  गुरु जी मैं ऐसी जगह खोजने मे असमर्थ रहा जहाँ पर इस मुर्गी की हत्त्या करते हुए मुझे कोई ना देख रहा हो.

 

सबसे पहले मैं एक ऐसी जगह पर पंहुचा जहाँ कोई इंसान नहीं दिखाई दें रहा था. तब मैं जैसे ही मुर्गी को मारने लगा तभी मेरे कानो मे पक्षियों की अलग अलग आवाज़े सुनाई दी.

 

मैंने ज़ब ध्यान से देखा तो मेरी नजर छोटे जीव जंतु और वृक्ष पर बैठे पक्षियों पर पड़ी. तभी मुझे आपकी बात याद आई की मुर्गी को मारते हुए कोई ना देखें.

 

इसलिए वो स्थान छोड़ कर मैं आगे बढ़ा और एक बहुत ऊची पहाड़ी पर जा पहुंचा |वहाँ मुझे आस पास कोई पशु पक्षी और  जीव जन्तु नहीं दिखाई दे रहा था |

 

इस मौके का फाइदा उठा कर मैंने जैसे ही मुर्गी का गला दबाना चाहा तभी मेरी नजर मुर्गी की आखों पर गई वो वो घूर घूर कर दर्द भरी आखों से मेरी आखों मे देख रही थी| फिर वहाँ से मैं नीचे उतरा और  वो स्थान छोड़ कर और आगे बढा तब कुछ ही दूर मुझे एक टूटी हुई गुफा दिखाई दी. मैं उस गुफा मे चला गया. अब यहां पर कोई भी नहीं था.चारो तरफ सन्नाटा व अंधेरा था.

 

यहां भी मैं मुर्गी को नहीं मार पाया गुरु जी, क्यों की यहां चारो तरफ से अंधकार मुझे देख रहा था. और सबसे बड़ी बात ईश्वर भी देख रहे थे.

 

और आप ही बोले थे की ईश्वर तो हर स्थान पर है. भला उनसे छुप कर कोई दुष्कर्म कैसे किया जा सकता है.

 

और मैं अपनी सजा के लिए भला एक निर्दोष जीव की हत्त्या कैसे कर सकता हूं.

धरती पर जीने का हक जितना हमें है उतना ही इन सभी जीव जंतुओं को भी.ये सब आपने ही तो हमें गुरु कुल मे सिखाया हैं.

 

मोहन की बातें सुन गुरु जी बहुत खुश हुए और बोले की मैं तुम दोनों की बस परीक्षा लें रहा था. ये देखने के लिए की तुम दोनों ने अब तक गुरुकुल मे क्या सीखा.

 

ध्रुव को अपनी इस गलती का एहसास हुआ..वें गुरु जी के चरणों मे गिर कर किये कर्म की क्षमा मांगने लगा.

इस hindi naitik kahani से हमने क्या सीखा ?

दोस्तों इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की अपने स्वार्थ के लिए किसी निर्दोष प्राणी या जीव की जान लेना पांप है.

कोई भी बुरा कर्म करने से पहले ये बात हमेशा मन मे रखना की ईश्वर सब कुछ देख रहे है. इसलिए कभी भी बुरा कर्म ना करो. वरना कर्मो का फल एक दिन भुगतना ही होगा.

तो दोस्तों यह hindi naitik kahani आपको कैसी लगी? कमेंट करके जरूर बताए. इस hindi naitik kahani  को अपने सभी दोस्तो मे शेयर करे .ताकि वो सभी लोग भी ज्ञान से भरी इन हिन्दी कहानियो को पढ़ कर जीवन मे अनमोल ज्ञान हासिल कर सके .

ऐसी ही और भी moral stories की video और पोस्ट पढ़ने के लिए नीचे देखो.

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