hindi Story for maral -लोहार की आरी. नैतिक कहानियाँ –नमस्कार दोस्तों मैं हरजीत मौर्या आज फिर से आपके लिए ज्ञान से भरी एक top inspirational story for moral (शिक्षाप्रद कहानी) लें कर आया हूं.
ये inspirational stories for moral हर इंसान की जिंदगी मे बहुत बड़ा रोल play करती है | ये stories for moral इंसान को ज़िंदगी मे आगे बढ़ने और बड़े से बड़े मुकाम हासिल करने के लिए प्रेरित करती है |
चलिये अब पढ़ते है हमारी आज की moral story
Table of Contents
लोहार की आरी |hindi story for moral
बहुत पुराने समय की बात है. एक छोटा सा शहर हुआ करता था. जो की बहुत समृद्ध था.
शहर के आस पास बहुत से गांव थे.शहर मे एक सेठ हुआ करता था जिसका छोटा सा लकड़ियों का काम था.
उस सेठ ने अपने पास काम पर एक बढ़ई को नौकरी पर रखा था.
काम करते वक़्त एक दिन बढ़ई की आरी टूट गई.. बढ़ई सोचने लगा… की अब क्या होगा अभी इतना सारा काम खत्म करना है.
बिना आरी के तो काम हो ही नहीं पाएगा…
बढ़ई तुंरत एक अच्छे लुहार की खोज मे पास के गांव मे गया. वहाँ पूछने पर पता चला की वहाँ से कुछ दूर पास के गांव मे एक बहुत ही अच्छा लुहार रहता है. उसके काम के चर्चे पूरे गांव मे होते है.
बढ़ई बिना देरी किये खोजते हुए हुए उस लुहार के पास पहुँचता है.
बढ़ई लुहार से बोलता है. मेरी आरी टूट गई है. आप मेरे लिए एक अच्छी सि आरी बना दीजिये.
लोहार बोलता है , “हाँ बना तो दूंगा, पर इसमें समय लगेगा, तुम ऐसा करो कल इसी वक़्त आकर मुझसे आरी ले जाना ”
बढ़ई को तो जल्दी थी सो उसने कहा, ” भाई कुछ पैसे अधिक ले लो पर मुझे आरी अभी घंटे भर मे बना कर दे दो!”
बहुत काम बाक़ी है जो इसी आरी से पूरे करने है.
लोहार बोला – जी देखिये “बात पैसे की नहीं है, इतने कम समय मे आरी की गुणवत्ता सही नहीं होगी, जिससे तुम्हारा काम अच्छे से नहीं होगा.
…अगर मैं इतनी जल्दबाजी में औजार बनाऊंगा तो मुझे खुद उससे संतुष्टि नहीं होगी,जल्दबाज़ी मे एक अच्छी आरी तैयार नहीं हो पाएगी.
मैं औजार बनाने में कभी भी अपनी तरफ से कोई कमी नहीं रखता!”,
कुछ देर सोचने के बाद बढ़ई तैयार हो गया, और अगले दिन आकर अपनी आरी ले गया।
आरी बहुत अच्छी बनी थी। बढ़ई पहले की अपेक्षा आसानी से और पहले से बेहतर काम कर पा रहा था।
बढ़ई ने ख़ुशी से ये बात अपने सेठ को भी बताई और लोहार की खूब प्रसंशा की।
सेठ ने भी आरी को करीब से देखा!और पूछने लगा की
“इसके कितने पैसे लिए उस लोहार ने?”,
बढ़ई ने बोला “ मालिक ! दस रुपये!”
सेठ ने मन ही मन सोचा कि शहर में इतनी अच्छी आरी के तो कोई भी तीस रुपये आसानी से दे देगा ।
क्यों न उस लोहार से ऐसी दर्जनों आरियाँ बनवा कर शहर में बेचा जाये!
यही सोच लिए अगले दिन सेठ उत्त्साह के साथ लोहार के पास पहुंचा और बोला, “मैं तुमसे ढेर सारी आरियाँ बनवाऊंगा और हर आरी के दस रुपये दूंगा, लेकिन मेरी एक शर्त है…
आज के बाद तुम सिर्फ मेरे लिए काम करोगे। किसी और को आरी बनाकर नहीं बेचोगे।”
बोलो है मंजूर.?
सेठ को पूरा यकीन था की लोहार मेरी इस शर्त को नहीं ठुकराएगा..
लेकिन इसके विपरीत ही हुआ… लोहार ने ऐसी शर्त मानने से साफ इन्कार कर दिया.
सेठ ने सोचा कि लोहार को और अधिक पैसे चाहिए होंगे तभी ऐसा बोला.
सेठ बोला,चलो “ठीक है मैं तुम्हे हर आरी के पन्द्रह रूपए दे दूंगा….अब तो मेरी शर्त मंजूर है।”
लुहार, सेठ की मंशा समझ चुका था की ये मेरे द्वारा बनी अरियों को शहर मे दोगुना दाम पर बेचेगा. जो की गलत है.
इसलिए अब भी लोहार का वहीं जवाब था, “नहीं मैं अभी भी आपकी शर्त नहीं मान सकता।
मैं आपके लिए काम नहीं कर सकता। मैं इस दाम से संतुष्ट हूँ इससे ज्यादा दाम मुझे नहीं चाहिए।”
सेठ मन ही मन अचरज भरे मन से सोचने लगा… और बोला की
“बड़े अजीब आदमी हो…भला कोई आती हुई लक्ष्मी को मना करता है?”,
लोहार बोला, “बात वो नहीं है…. मैं जानता हूं.
आप मुझसे आरी लेंगे फिर उसे दुगने दाम में गरीब खरीदारों को बेचेंगे।
लेकिन मैं किसी गरीब के शोषण का माध्यम नहीं बन सकता। अगर मैं लालच करूँगा तो उसका भुगतान कई लोगों को करना पड़ेगा, इसलिए आपका ये प्रस्ताव मैं स्वीकार नहीं कर सकता।”
सेठ समझ गया कि एक सच्चे और ईमानदार व्यक्ति को दुनिया की कोई दौलत नहीं खरीद सकती। वह अपने सिद्धांतों पर अडिग रहता है।
अपने हित से ऊपर उठ कर और लोगों के बारे में सोचना एक महान गुण है।
लोहार चाहता तो आसानी से अच्छे पैसे कमा सकता था पर वह जानता था कि उसका जरा सा लालच बहुत से ज़रूरतमंद लोगों के लिए नुक्सानदायक साबित होगा और वह सेठ के लालच में नहीं पड़ता।
कहानी से सीख – hindi Story for moral
तो दोस्तों, अगर ध्यान से देखा जाए तो लोहार की तरह ही हममे से अधिकतर लोग जानते हैं कि कब हमारे स्वार्थ की वजह से बाकी लोगों को नुक्सान होता है..
पर ये जानते हुए भी हम अपने फायदे के लिए काम करते हैं। हमें इस बर्ताव को बदलना होगा, बाकी लोग क्या करते हैं इसकी परवाह किये बगैर हमें खुद ये निर्णय करना होगा कि हम अपने फायदे के लिए ऐसा कोई काम न करें जिससे औरों को तकलीफ पहुँचती हो.उनको आर्थिक समस्याए झेलनी पड़े.
तो दोस्तों यह कहानी hindi Story for moral आपको कैसी लगी? कमेंट करके जरूर बताए.
इस hindi Story for moral को अपने सभी दोस्तो मे शेयर करे .ताकि वो सभी लोग भी ज्ञान से भरी इन हिन्दी कहानियो को पढ़ कर जीवन मे अनमोल ज्ञान हासिल कर सके
ऐसी ही और भी moral stories की video और पोस्ट पढ़ने के लिए नीचे देखो.
दोस्तों हमारी हमेशा से यही कोशिश रहती है की हम इस blog पर आपके लिए ज्ञान और शिक्षा से भरी ऐसी ही तमाम कहानियाँ लाते रहे जिससे आपका ज्ञान बढ़ सके , बौद्धिक विकास हो सके ,जीवन मे सही फैसले ले सके , आप जीवन मे आगे बढ़ सके , मन मे सकरत्म्क विचारो का जन्म हो और आपके सुंदर चरित्र का निर्माण हो ताकि आप आगे चल केआर सुंदर परिवार और समाज का निर्माण कर सके |
हम चाहते है की यह कहानियाँ जादा से जादा लोगो तक पहुंचे ताकी वह भी इसका पूरा लाभ उठा सके इसलिए आप इन कहानियों को social media की मदद से अपने सभी दोस्तों मे अवश्य शेयर करे | आपका ये छोटा सा प्रयास कई लोगो की जिंदगी भी बदल सकता है |
जरूर पढ़े –
ज्ञान व शिक्षा से भरी अद्भुत कहानियाँ
बच्चो के लिए बेहद ज्ञान सी भारी कहानियां जरूर पढे ?
- hindi stories for kids
- Short stories for kids in hindi
- Moral stories for kids in hindi
- Hindi stories with moral
- Hindi short stories for class 1
- Moral stories in hindi for class 2
- Moral stories in hindi for class 4
- Moral stories in hindi for class 5
रोचक और प्रेरणादायक कहानियाँ
- तेनाली रामा की कहानियाँ
- अकबर बीरबल की कहानियाँ
- गौतम बुद्ध की कहानियाँ
- विक्रम बेताल की कहानियाँ
- धार्मिक कहानियाँ
- पंचतंत्र की कहानियाँ
- गुरु नानक जी की कहानियाँ
- प्रेरणादायक कहानियाँ
- success stories in hindi
भगवान बुद्ध की ज्ञान से भरी शिक्षाप्रद कहानियाँ
महात्मा बुद्ध और भिखारी की अद्भुत कहानी
जरूर पढ़े – दान का फल – ज्ञान से भरे धार्मिक कहानियों का रोचक सफर-