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moral story for student एक रूपए की क़ीमत

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moral story for student .  नमस्कार दोस्तो ! स्वागत है आपका ज्ञान से एक और moral story मे | युवा पीढ़ी मे 18 से 25 साल के बहुत से नौजवान ऐसे होते है जो अभी भी अपने पिता के द्वारा कमाई गई खून पसीने की कमाई की कीमत नहीं समझते और अपनी रोज की कुछ न कुछ इच्छाओ को पूरा करने  के लिए उन्हे फालतू जगह पर खर्च करते रहते है |

तो आज की moral story इसी पर आधारित है जिसे पढ़ने के बाद आप उन पैसो को कभी फालतू की चीजों पर खर्च नहीं करोगे |

आज की ये कहानी, हर बेटे को घर की जिम्मेदारियां उठाने की सीख देगी. 

 

एक रूपए की क़ीमत – Best moral story for student

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ये कहानी है एक ऐसे पिता की जो दिन रात मेहनत मंजूरी करके परिवार का पेट पालता है. 

लेकिन इसका जो बेटा था वो बिलकुल आलसी और कामचोर था, 

जिस उमर मे उसे खुद कमा कर घर की जिम्मेदारी सम्भालनी चाहिए लेकिन वो तो बस सारा दिन मौज मस्ती करता रहता. 

बेटा,  बाप की कमाई को खर्च करता रहता. इस बात पर पिता को बहुत दुःख होता. 

पिता को बेटे के भविष्य को लेकर चिंता होती रहती. 

 

लेकिन ज़ब पिता को लगा की  पानी सर के ऊपर से जाने लगा है तब उन्होंने ने बेटे को सही मार्ग पर लाने के लिए युक्ति लगाई. 

 

सुबह सुबह पिता ने गुस्से मे अपने बेटे को बुलाया.. और बोला की बेटा अब तुम्हे कोई काम धंधा खोजना पड़ेगा. 

 

तुम्हारे पास आज शाम तक का टाइम है,कैसे भी कर के आज शाम तक पैसे कमा कर लाओ. वरना तुम्हे इस घर मे कदम नहीं रखने दूंगा.. 

 

अब लड़का तो था ही आलसी, तो उसे ये सारी बात अपनी माँ की बता दी.. 

 

तब उसकी माँ ने उसे कुछ पैसे दे दिये, और बोली की तुम शाम को ये पैसे अपने पापा को देते हुए खा देना की ये मेरी आज की कमाई है. 

 

पिता जी ज़ब शाम को घर आए तब बेटे ने पिता को पैसे देते हुए बोला कज ये लो मेरी आज की कमाई.. 

 

पिता जी बोले की जाओ ये पैस कुएँ मे डाल दो…. ये सुनते ही बेटे ने बिना सोचे उन पैसों को झट से कुएँ मे डाल दिया..ये देख पिता समझ गया की ये पैसे वो खुद से कमा कर नहीं लाया.. 

 

लेकिन पिता ने फिर वहीं बात दोहरा दी..की कल शाम को फिर से पैसे कमा कर लाना.. 

 

रात को पिता ने अपनी पत्नी से कहा की तुम सुबह होते ही कुछ दिन के लिए अपनी माँ के घर घूम आओ… 

 

अब सुबह होते ही माँ तो चली गई थीं… पिता भज काम पर चले गए थे. 

बेटा ज़ब सो कर उठा तो उसे पिता की वो बात याद आई..लेकिन . इस बार बहुत बेटे ने पूरा दिमाग़ लगया की अब पैसे बहन से मांग लेता हूं… 

 

बहन सिलाई कर कर के थोड़ा बहुत कमाती थीं.. तो भाऊ ने उससे पैसे मांग लिए. 

 

फिर पिता जी शाम को जैसे ही घर पहुंचे. बेटे ने पिता को पैसे देते हुए ये बोला की ये लो पिता जी मेरी आज की कमाई.. 

 

पिता ने फिर वहीं बात दोहराई.. की जाओ ये पैसे कुएँ मे डाल दो.. 

 

बेटे ने फिर से वो पैसे बिना झिझक के जा कर तुरंत कुएँ मे डाल दिये.. पिता को पता चल गया की ये पैसे  बेटी से लिए होंगे. 

 

पिता ने फिर वहीं बात बोली.. की कल तुम इससे भी ज़ादा पैसे कमा कर लाओ.. तुम्हारे पास कल शाम तक का समय है. 

 

सुबह होते ही पिता ने बेटी को रिश्तेदारों को यहां भेज दिया. बेटा जागता ही बहन को खोजने लगा… बहन मिली नहीं.. 

 

बेटे को टेंशन हो गई की अब मंगू तो  मांगू किस से.  अब बेटे के पास खुद जा कर कमा कर लाने की दूसरी कोई ऑप्शन नहीं बची  थीं. 

 

बेटा निकल गया घर से कोई काम खोजने…. एक जगह बेटे ने माल धुलाई का काम किया… 

 

दिन भर खूब मेहनत करने के बाद..जो  दिहाड़ी मिली, उसे लेकर  पसीने से लतपथ भूखा प्यासा घर पंहुचा. 

 

कुछ देर बाद पिता भी घर पहुँचे…. पिता ने बेटे को आवाज़ लगाई.. बेटा निकल कर आया और पैसे पिता को दिये…… पिता ने फिर वहीं बात दोहराई…. की जाओ कुएँ मे डाल दो. 

 

लेकिन इस बार बेटा बोल उठा…. अरे, ऐसे कैसे डाल दू ये पैसे….नहीं नहीं…. बहुत मुश्किल से आज दिन भर मेहनत करके ये पैसे कमाए है…. 

 

पिता जी मुस्कराते हुए धीमी आवाज़ मे बोले …क्यों, हुआ ना दर्द, ज़ब मेहनत की कमाई को कुएँ मे डालने को  बोला तो सीना फट गया,…. 

 

और अब सोच ज़ब तुम मेरी खून पसीने की कमाई को यूँ ही उड़ाते फिरते  थे फिजूल खर्च करते रहते थे…. तो सोचो मुझे कितना दुःख  होता है. 

 

अब बेटे को अपनी गलती का अहसास हो गया था अब उसे एक एक रूपए की क़ीमत पता चल चुकीं थीं. ….और अपनी जिम्मेदारियों को समझने लगा. 

 

तो दोस्तों, पिता की मेहनत की कमाई को यूँ ही मत खर्च करो… अपनी जिम्मेदारियों को समझो और पिरवार का सहारा बनो.

मन को सही दिशा पर लगाओ |एक एक रुपए को सही जगह पर खर्च करो .

जिंदगी मे ऐसा कोई काम मत करना की उनका सर शर्म से झुक जाए. और दुनियां वालो के ताने सहने पड़े. 

इसलिए कुछ ऐसा कर के दिखाओ की आपके माँ बाप सर उठा कर समाज मे एक सम्मान की जिंदगी जी सकें.

 

तो दोस्तो ये (एक रुपए की कीमत) moral story आपको कैसी लगी ? कमेन्ट करके जरूर बताना .

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