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best Short moral story in hindi and powerfull motivation

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Short moral story in hindi – दोस्तों आज की हमारे कहानी (moral story) है कुम्हार और मिट्टी, 

 

ये short moral story हमें अपने विचारों को लेकर एक  बहुत बड़ी सीख देती है, तो चलिए जानते है क्या है इस story मे, 

 

 

इस story के बाद इंसान के दिमाग़ मे आने वाले बार बार अनचाहे विचार  (thoughts) को लेकर भी बहुत सुंदर बात बताई गई है.. तो विनती है की पोस्ट को आखिर तक पढे. 

 

Short moral story in hindi – कुम्हार और मिट्टी

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एक कुम्भार था बच्चों के लिए मिट्टी के बहुत सुंदर सुंदर खिलौने बनाया करता था,वैसे तो कुम्हार अक्सर जादातर मिट्टी के खिलौने ही बनाया करता था.

 

लेकिन इस बार कुम्हार ने कुछ अलग सोचा, की क्यों ना चिलम बनाई जाए, आज कल लोग चिलम का उपयोग बहुत कर रहे है.

 

 

बस फिर क्या था कुम्हार ने मिट्टी इकठा की, पानी डाला और गूथना शुरू कर दिया,

 

 

इतने मे कुम्हार की पत्नी वहाँ आ पहुंची और पूछने लगी आज आप इतनी ज़ादा मिट्टी क्यों गूथ रहे हो,? क्या बना रहे हो आज ?

 

 

कुम्हार बोला , चिलम बना रहा हूं, आज कल बड़े फ़ैशन मे है. “खूब बिकेगी.”

 

पत्नी तुरंत बोली , अरे पागल चिलम बना रहे हो, सुराही क्यों नहीं बनाते, गर्मी आने वाली है सुराही भी खूब बिकेगी.

 

 

कुम्हार ने बोला बात तो ठीक है, कुम्हार ने मिट्टी छोड़ दी, दोबारा गूथना शुरू किया और अब मिट्टी को आकर देना शुरू किया..

किस चीज का, *सुराही का*

 

 

Video? देखो ?

 

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अब ज़ब मिट्टी मे से सुराही का आकर देना शुरू किया तो मिट्टी मे से आवाज़ आई, *ये क्या करता है,?*

 

पहले तो कुछ और रूप दे रहा था, “और अब” ! कुछ और रूप दे रहा है.अब कुम्हार ने जो जवाब दिया उसे ध्यान से सुनना, और साथ लें कर जाना…

 

 

कुम्हार ने एक लाइन मे जवाब दिया की *मेरा विचार, बदल गया* इसलियर अब तुझे सुराही का रूप दे रहा हु.

अब मिट्टी का जवाब सुनिए, मिट्टी बोली – *तेरा तो विचार बदला, मेरी तो जिंदगी ही बदल गई*
??

 

*तेरा विचार बदला, मेरी तो जिंदगी ही बदल गई, अगर चिलम बनती तो आग भरी जाती “खुद भी जलती और दुनिया को भी जलाती” “अब सुराही बनी हु, जल भरा जाएगा, *खुद भी शीतल रहूंगी और दुनिया को भी ठंडा रखूंगी*

 

 

Change your thoughts and you can change your life.

 

आप अपनी सोच से अपनी जिंदगी और दुनिया को बदल सकते हो.

 

तो दोस्तों केसी लगी आपको ये Short moral story? 

 

तो क्या सीखा आपने इस Short moral story से ? कमेन्ट करके जरूर बताना | 

ऊमीद करता हूँ आज इस प्रेरणादायक Short moral story से आपको बहुत सीख और प्रेरणा मिली होगी|

 

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मन मे आने वाले बुरे विचारो को या किसी की यादों को कैसे भुलाए 

मुझे बहुत से लोगो के मेल आते है जिसमे जादातर लोग इसी बात पर सवाल पूछते की. Sir.

मेरे ना चाहते हुए भी बार बार मन मे बुरे विचार आते है,

 

ज़ब भी एकांत रहता हु तब तब उलटे सीधे बुरे विचार आने लगते है… जिस वजह से गलत काम हो जाता है.

योगा और मेडिटेशन भी करते है जिससे उस समय तक तो ठीक रहता है पर बाद मे! “फिर वहीं नेगेटिव विचार..”.

 

कभी कभी तो मेडिटेशन के समय मे ही वो विचार आने लगते है…

 

तो ऐसा अब क्या करें की मन मे ज़ादा से ज़ादा पॉजिटिव thoughts ही आए..

 

देखिये ये जो thoughts वाले मुद्दे है ये मुद्दे बड़े गंभीर होते है..इसलिए सबसे पहले आपको इसके बेसिक को जानना होगा की ऐसा होता क्यों है..?

 

 

अपनी life मे ! हम लोग जो भी सीखते है वो कैसे सीखते है? देख कर के और सुन कर के ही तो सीखते है.

 

 

हम जो भी देखते है जो भी हम सुनते है. उसी के regarding ही thoughts हमारे दिमाग़ मे घूमने लगते है, अब ऐसे मे आपके चाहने या ना चाहने से कुछ नहीं होगा, क्योंकि वो विचार आपके दिमाग़ मे एक बार घूमेंगे ही घूमेंगे.

 

आप चाह कर भी उसे, रोक नहीं सकते,क्योंकि कोई भी एक्ट करने से पहले हमें सोचना पड़ता है, की क्या और कैसे करना है.

जैसा सोचोगे वैसा ही एक्ट करोगे कुछ देर के लिए प्रिटेंट कर सकते हो, *लेकिन*

 

फिर से, “वापिस अपने उसी जोन मे चले जाओगे.”*यानी अपने कम्फर्ट जोन मे बेसिक नेचर पर.*

अब thoughts पर भी हमारा कंट्रोल नहीं एक्शन पर भी नहीं है..लेकिन इन चीजों को बदलना भी जरुरी है,

क्योंकि इसके बिना बदले, काम भी नहीं चलने वाला, *तो क्या करें?*

 

*तो अब ध्यान से सुनिए -*

अब तक आपने जो कुछ गलत देखा है जो भी गलत सुना है जिसकी वजह से आपने कुछ गलत बोला है और कुछ गलत कर दिया है,

 

तो फिर आपने कुछ गलत ना देख कर के कुछ गलत ना सुन कर के,

बदले मे कुछ अच्छा देखना शुरू कर दिया कुछ अच्छा सुनना शुरू कर दिया तो क्या होगा?

सोचिये और जवाब दीजिये क्या होगा.?

 

, जाहिर सी बात है मन मे उसी चीजों से जुड़े हुए विचार आने लगेंगे जो आपने देखा और सुना..

 

 यानी अब आप नहीं भी चाहोगे तो भी आपके मन मे वो विचार आएंगे..ही आएंगे
*जो आपने देखा और सुना.*

 

फिर जैसे ही वो विचार आएंगे आप वैसी ही बातें भी करने लगोगे और वैसी ही एक्टिविटी भी करने लगोगे.

तो दोस्तों, मन को अच्छा करने के लिए मन मे अच्छे विचार सोचने के लिए तुम्हे कुछ अच्छा देखना होगा और कुछ अच्छा सुनना होगा…

 

जिससे मन से गंदगी भरे विचार हट कर अपने आप ही अच्छे विचार पनपने लगेंगे…. तो दोस्तों यह प्रेरणादायक कहानी आपको कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताना. 

 

 

 

 

 

भिखारी की दो बाते  -शिक्षाप्रद कहानी

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एक मीना नाम की औरत थी जो अपने पति के साथ शहर  मे रहती थी |

 

उनका अपना घर था | मीना का एक बेटा था जिसका नाम था राहुल | रोज मीना सुबह उठ कर नहा धो कर अपने बेटे और पति के लिए नाश्ता तैयार करती |

 

बेटा और पति नहा धो कर नाश्ता करते और तैयार हो कर बेटा अपने स्कूल चला जाता और पति अपने ऑफिस |

 

इसके बाद एक भिखारी गेट के बाहर खड़ा हो कर बोलता – “कुछ खाने को दे दे माई ”  भिखारी बार बार यही बात दोहराता रहता जब तक मीना रोटी न दे देती |

भिखारी की आवाज सुन मीना दो रोटी लेकर आती और उस भिखारी को दे देती |

 

फिर भिखारी रोटी ले कर जाते जाते बोलता – जैसा भी बुरा भला दूसरों के साथ करोगे वैसा ही फल तुम तक लौट के आ आएगा “|

 

इस तरह हर रोज होता –  भिखारी आता ! फिर मीन रोटी लेकर जाती ! और  जाते जाते भिखारी वही दो बाते बोल कर चला जाता |

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Sushant singh rajput success story biography in hindi –इस बात का हमें बहुत दुःख है की आज,

लोखो दिलों मे अपनी जगह बना लेने वाला एक बहुत ही होनहार उभरता हुआ सितारा सुशांत सिंह राजपूत हमारे बींच नहीं है.

 

 

The great short moral story in hindi “विश्वाश” तीन दोस्तों की कहानी 

 

 

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हर रिश्ते की बुनियाद एक विश्वास ही होती है जिस वजह से रिश्तों की मजबूती बरकरार रहती है |

 

एक बहुत पुराने समय की ज्ञान वर्धक कहानी है | यह कहानी हैं तीन दोस्तों की जिनका नाम था धन ज्ञान और विश्वास |

 

यह तीनों आपस मे बहुत पक्के मित्र हुआ करते थे | लेकिन एक बार एक समय ऐसा आता है की तीने एक दूसरे से अलग होना पड़ता है.

अलग होने से पहले तीनों एक दूसरे से पूछते है की अब हम लोग कहाँ मिलेंगे |

 

 

इस पर सबसे पहले ज्ञान ने जवाब दिया की मैं तुम्हें किताबों मे , स्कूल और मंदिरों मे मलूँगा |

 

 

इसके बाद धन ने जवाब दिया की मैं तुम्हें अमीरों की तिजोरी मे मिलुंगा |

 

 

इधर विश्वास चुप चाप खड़ा  था वह कुछ नहीं बोला | यह देख दोनों ने पूछा की तुम चुप क्यों हो जवाब दो तुम कहाँ मिलोगे |

 

 

फिर विश्वास बड़े ही उदास मन से बोला की यदि मैं एक बार  चला गया तो फिर कहीं नहीं मिलुंगा |

 

तो दोस्तों यही सच्च है यदि  विश्वास चला जाए तो कोई रिश्ता रिश्ता नहीं रहता |

इसलिए विश्वास जिंदगी मे बनाए रखे.

 

दोस्तों हमारी  हमेशा से यही कोशिश रहती है की हम  इस blog पर आपके लिए ज्ञान और शिक्षा  से भरी ऐसी ही तमाम कहानियाँ लाते रहे जिससे आपका ज्ञान बढ़ सके , बौद्धिक विकास हो सके ,जीवन मे सही फैसले ले सके , आप जीवन मे आगे बढ़ सके , मन मे सकरत्म्क विचारो का जन्म हो और  आपके सुंदर चरित्र का निर्माण हो ताकि आप आगे चल केआर सुंदर परिवार और समाज का निर्माण कर सके |

हम चाहते है की यह कहानियाँ जादा से जादा लोगो तक पहुंचे ताकी वह भी इसका पूरा लाभ उठा सके इसलिए आप इन कहानियों को social media की मदद से अपने सभी दोस्तों मे अवश्य शेयर करे | आपका ये छोटा सा प्रयास कई लोगो की जिंदगी भी बदल सकता है |

 

 

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